करोना तूफान है तो सोशल मीडिया सुनामी!बात का बतंगढ़ बनाना तो कोई इनसे सीखें..दुनिया के साढ़े छै: हजार से ज्यादा लोगों को खाकर भी करोना का दिल नहीं भरा! भारत ने कई मुसीबतों का सामना किया..... लेकिन अब भी दम है!एम.ए.जोसेफहम भारतवासी जिस मिटठी के बने हैं वह अद्भुत है. हममें प्रतिरोधक शक्ति है. हममें सब
नमस्ते , नमश्कार डॉ शोभा भारद्वाज करोना वायरस केप्रकोप से विश्व त्रस्त है चीन से निकल कर अनेक देशों में फैल रहा है इटली के बाद ईरानमें वायरस का असर अधिक है इजरायल में सात हजार लोगों में बिमारी के लक्षण दिखाईदिये | कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए डाक्टरों ने सलाह दी ह
कविताजब भी मैंमैं चुप बैठकर जब भी खुद से बात करता हूँ,मैं हर उस पल उसके साथ टहलता और विचरता हूँ।साथ मेरे दूर तक जाती है वीरान तन्हाईयां,फिर भी मैं उसकी बाहों में गर्म राहत महसूस करता हूँ।होता है सफर मेरा अधूरा दूर छीतिज तक, मैं फिर भी हर सफर में उसके साथ रहता हूँ।होती नहीं वो पास मेरे किसी भी पड़ा
iui लागत की शुरुआत अनुमानित रूप से करीब 3000 रुपये से होती है।
.EXE to APK File Convert कैसे करें- क्या आप .exe to APK File Convert करना चाहते हैं? अगर हाँ तब यह पोस्ट आपके लिए ही है, Windows में बहुत से ऐसे software है जिन्हें हम अपने Android smartphone में run करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा directly नही किया जा सकता हाँ लेकिन यह संभव है. आप .exe to apk file conver
वो तीन घंटे....उनने तो मुझे मौत का द्वार दिखा ही दिया था... लेकिन आज पांच: साल बाद भी जिंदा हूं!यह हकीकत है.... हममें से कइयों की जिंदगी में ऐसा भी होता है जब हम किसी व्यक्ति या समूह के जाल में फंस गये होते हैं.एक ऐसा किस्सा मेरे साथ भी हुआ है जब मुझे जीते जी मारने का प्रयास किया गया. यह कोई हादसा न
ईरान एवं ट्रम्प सरकार के बिगड़ते रिश्ते ( कोम की मस्जिद पर लहराया लहराया लाल झंडा) शोभा भारद्वाज पहली बार ईरान के अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट मेहराबाद ( इमाम खुमैनी अंतर्राष्ट्रीयएयरपोर्ट )से बाहर निकलते ही वहाँ लगे बहुत बड़े बोर्ड पर नजर पड़ी लिखा था ‘वीएक्सपोर्ट रिवोल्यूशन ‘ दूसरी तरफ के बोर्ड में
6 दिसम्बर सुबह जैसे ही टीव्ही पर हैदराबाद की रेप पीडि़ता ‘‘दिशा’’ की वीभत्स हत्या के चारों अभियुक्तों के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर आयी, लगभग पूरे देश में एक अजीब सी खुशी का माहौल पसर गया। तब से चारांे तरफ अधिकांश खुशी ही खुशी व्यक्त करते हुये एक ही आवाज आ रही है कि ‘‘इंसाफ’’ मिल गया है। देश में
लघुकथाभस्मासुर - अलख निरंजन!- आ जाइए बाबा पेड़ की छाह में। बाबा के आते ही वह हाथ जोड़कर खड़ा हो गया- आज्ञा महाराज। बाबा ने खटिया पर आसन जमाया। बोले- बच्चा, तेरा चेहरा मुरझाया हुआ है। दुःखी लगते हो। दुख का करण बता, बेटा। चुटकी में दूर कर दूंगा। - एक दुख हो तो बताऊं। दुख का बोझ उठाते-उठाते मैं हं
Desh ke halat or durdasha ki zimmedar agar koi he to woh dalal media jo sirf dekhne walo ko Pakistan me kitni mahangai he ye batayenge lekin ye nahi batayenge ki hamare desh bharat me kya horaha he ya fir bjp ka gungan gayenge desh ki berozgari ke or bjp netao ke balatkar ki ghatnao ke bareme nahi d
लघुकथा ..................टेंशन अवकाशप्राप्ति बड़ी इज्जत से हुई . सभी ने उनके पूरे कार्यकाल की बड़ी तारीफ़ की . उनकी ईमानदारी और कर्मठता को हरेक ने सराहा . उपहारों का सिलसिला तो अगले दिन तक भी चलता रहा . कुछ ने कहा , " ऐसे समर्पित अधिकारी बहुत कम होते हैं और यदि आपके अनुभव का लाभ , विभ
Dil Dil se juda na ho kabhiteri ankhe kabhi nam na ho
Dil Dil se juda na ho kabhiteri ankhe kabhi nam na ho
बंधे बंधे से साथ चलें ...मैं अक्षर बन चिर युवा रहूं, मन्त्रों का द्वार बना लो तुम,हम बंधे बंधे से साथ चलें, मुझे भागीदार बना लो तुम.जीवन की सारी उपलब्धि, कैसे रखोगे एकाकी? तुमको संभाल कर मैं रखूँ, मेरे मन में जगह बना लो तुम.कोई मुक्त नहीं है दुनिया में, ईश्वर, भोगी या संन्यासी,प्रिय! कैसे मुक्
जीवन के अध्याय जिन्दगी में हर पल एक नई चुनौतियों को लेकर आता हैं,जो असमान संघर्षो से भरा होता हैं.इस पल को सामने पाकर कोई सोचने लगता हैं कि शायद मेरे जीवन में नया चमत्कार होने वाला हैं.अर्थात् सभी के मन में चमत्कार की आशा पैदा होने लगती हैं.चुनौतियां जो इंसानी जीवन क
विश्व के सबसे बड़े लोकतंात्रिक देश भारत में हुये 17 वंे आम चुनाव का जनादेश आपके सामने है। ऐतिहासिक जीत से लेकर ऐतिहासिक हार के परिणामों की व्याख्या विभिन्न लेखों व प्रतिक्रियाओं के माध्यम से आप मीडिया में अवश्य देखेगंे/पढे़गें। वैसे तो हर आम चुनाव परिणाम पिछले चुनाव परिणाम से कुछ न कुछ भिन्न स्थिति
भारतीय राजनीति में हमेशा से ही ‘‘बयानवीर’’ मीडिया में सुर्खिया पाते रहे है। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के कुछ नेतागण अपने बेवाक बयानों के माध्यम से सुर्खियाँ बटोरनें के उदे्श्य से ऐसे बयान देते रहते है, जिसके परिणाम स्वरूप उनकी छाप एक चर्चित चेहरे की होकर वे माने जाने
देश के प्रथम आई.आईटी शिक्षा प्राप्त (गोवा के) मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षामंत्री डॉ. मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रिकर लम्बी बीमारी से अदम्य आत्मबल के साथ लड़ते हुये अब इस दुनिया में नहीं रहे और ‘‘स्वर्गवासी’’ हो गये। याद कीजिये! विधानसभा में बजट प्रस्तुत करते समय उनका वह चेहरा, जो चिकित्सकीय उप
कब तक सहमे रहोगे ललकारों से?यह हरगिज़ न कहो कि मर गया कोईदेश का हक़ था अदा कर गया कोईबिटिया के पीले हाथ कौन करेगाशहनाइयों का काम अब मौन करेगादायित्वों का निर्वहन कौन करेगाजान पर खेलकर गुजर गया कोईयह हरगिज़ न कहो कि मर गया कोईदेश का हक़ था अदा कर गया कोईअंधेरा कितना कर दिया इक फायर नेबुढ़ापे की लाठी