नमस्ते , नमश्कार
डॉ शोभा भारद्वाज
करोना वायरस के
प्रकोप से विश्व त्रस्त है चीन से निकल कर अनेक देशों में फैल रहा है इटली के बाद ईरान
में वायरस का असर अधिक है इजरायल में सात हजार लोगों में बिमारी के लक्षण दिखाई
दिये |
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए डाक्टरों ने सलाह दी है हाथों को धोते रहे
एक दूसरे से ढाई दो फिट की दूरी बनाये रखें ख़ास कर करोना पोजिटिव के रोगियों से
मास्क पहनें | इसके
खतरे को देखते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अपने देश के लोगों
से अपील की है वे अभिवादन करने के लिए हाथ मिलाने की जगह नमस्ते करें। नमस्ते या
नमश्कार भारत में एक दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन का परंपरागत तरीका है। हम भीड़ का
सर झुका कर नमस्ते की मुद्रा में अभिवादन कर सकते हैं |नित्यान्याहू ने अपने देश
वासियों को सम्बोधित करते हुए सुझाव दिया ‘जैसे मैं हाथ मिलाने से बच रहा हूं, आप भी वैसा ही करें। आप नमस्ते
करने के भारतीय तरीके को अपनाने की कोशिश कर सकते हैं या ‘शालोम’ की तरह कोई अन्य शब्द कह सकते
हैं। या कोई अन्य तरीका खोजे, लेकिन किसी भी तरह हाथ न मिलाएं।’’
मोदी जी पहले भारत के प्रधान मंत्री हैं जिन्होंने इजरायल की
यात्रा की थी दोनों प्रधान मंत्री बहुत प्रेम से गले मिले मोदी जी के स्वागत प्रधान
मंत्री नित्यान्याहू ने भारतीय परम्परागत तरीके से हाथ जोड़ कर किया था |70 वर्षों से धीरे-धीरे बढ़ने वाले सम्बन्ध प्रगाढ़
हुये | |दोनों ने
सांझा प्रेस कांफ्रेंस में आतंक के खिलाफ एक जुटता दिखाई थी |
कांग्रेस के नेता शशी थरूर ने नित्यान्याहू
के कथन का स्वागत करते हुए लिखा करोना से बचने के लिए इजरायली प्रधान मंत्री ने
सलाह दी अभिवादन के लिए नमस्ते के ढंग को अपनायें इस पर “मैं यही कहूँगा हमारी हर
परम्परा में विज्ञान है तभी तो भारत महान है |”नमस्ते पर राजनीति भी हुई एक सांसद का सुझाव था नमस्ते या आदाब अभिवादन के दोनों तरीके अच्छे हैं | ठीक है
अभिवादन भी हो जाये और सम्पर्क से भी बचा जा सके | भारतीय संस्कृति बड़ी सोच समझ के साथ मनीषियों
द्वारा विकसित की गयी है |
मुझे ईरान में करोना के बढ़ते केस
सुनकर तकलीफ हुई वर्षों वहाँ रही हूँ वहाँ से लगाव है |ध्यान आया ईरानी संस्कृति
में हाथ मिला कर गाल भी मिलाते हैं और खाने की टेबल पर एक ही पानी का गिलास रखते
हैं |नल से पानी पीने के लिए नल की टोटी को
मुहँ लगा कर पानी पीते हैं लेकिन विदेश से
पढ़ कर आये ईरानी डाक्टरों ने अस्पतालों में नल की टोटी का मुहँ ऊपर की तरफ करवा
दिया जिससे मुहँ लगा कर पानी पीना मुश्किल हो जाता है | अगर उनको एक गिलास से पानी
पीने का नुक्सान समझाओ वह नहीं मानते थे उनका तर्क था हर इन्सान बराबर हैं इसमें
अमीरी गरीबी ले आते थे |
हमारे
घर आये ईरानी मेहमानों का स्वागत मैं सदा हाथ जोड़ कर सलाम कह कर करती थी यदि
सम्मानित मेहमान है दोनों हाथ जोड़ कर सिर झुका कर सलाम कहती थी उनके यहाँ सलाम का
ही चलन है मेरी ईरानी सहेलिया शुरू में मझसे नाराज होती थी मैं सलाम कहती हूँ
लेकिन ईरानी दस्तूर के हिसाब से प्यार नहीं जताती |पाकिस्तानी मेहमानों को मैं हाथ
जोड़ कर आदाब कहती थी | मेरे डाक्टर पति स्लामका जबाब सलाम से देते थे मरीज नाराजगी
जाहिर करते थे डाक्टर हाथ नहीं मिलाते उनको मेडिकल के हिसाब से कारण समझाया जाता
परन्तु उनकी समझ में नहीं आता था |उन्हें लगता था हिंदी डाक्टर उनसे दूरी बनाते
हैं |
एक अक्सर प्रश्न करते आप अपने मुर्दों
को जलाते हो क्या उनका ‘चहलो कबाब’ बनाते हो वहाँ पिदर सुकते अर्थात तेरा बाप
जलाया जाये काफिर जलाए जाते हैं | आगे तर्क देते आखिरत के दिन आपके कर्मों का
हिसाब और जन्नत कैसे मिलेगी |हम हंसते थे शरीर क्या है कैसे बना मानव का शरीर को 5 तत्वों से मिल कर बना
हुआ है। वो 5 तत्व
भूमि, गगन, वायु, अग्नि और जल है इऩसे
निर्मित है वह मानते थे हम जमींन पर दाह संस्कार
करते हैं जिन तत्वों से शरीर बना है लौटा देते हैं आप भी अंतिम क्रिया के लिए जमीन
में पार्थिव शरीर को रखते हैं उस पर मिटटी डालते हैं फिर गाड़ देते हैं कुछ समय बाद
जलवायू के अनुसार शरीर मिटटी हो जाता है उसी शरीर को हम तुरंत दे देते हैं आप देर
बाद | वह चुप हो जाते थे दुनिया में अनेक वायरस हैं जिनसे रोग फैलते हैं हमारी रीति से रोगी खतरनाक रोग का वायरस जल कर
सब कुछ खत्म |वह समझने की कोशिश करते थे खुले विचारों के लोग थे|
हम ठडे क्षेत्र में रहते थे वहाँ के लोगों को हाथ धोते
कम ही देखा वहाँ सार्वजनिक स्नान घर हैं घरों में गीजर आदि की सुविधा कम है वैसे रोज
नहाने का रिवाज भी नहीं है गाँवों में कई दिनों में नहाते हैं जब हमाम घरों में
नहाने जाते हैं काफी समय लगा कर नहाते हैं रोटी भी घरों में बनाने का रिवाज नहीं
है बेकरियों से नान खरीदा जाता है हाँ नान का आटा मशीनों से गूँधा जाता है मशीन से ही बेले
जाते हैं इन्हें नान मशीनी कहते हैं कंधों पर रख कर एक साथ पाँच छह दिन के लिए नान
खरीद लाते हैं हाँ गाँवों में महिलायें घर
में नान बनाती है | अब वहाँ काफी कुछ बदलेगा वहाँ स्वास्थ्य विभाग सफाई के ढंग
समझाएगा लोग समझ भी जायेंगे |
करोना वायरस ऐसा वायरस है जिसमें मारक क्षमता कितनी
अधिक है जमीन की नमीं में ज़िंदा रहेगा कहते हैं चीन में करोना से मरे मृतकों को
जलाया गया |आज उन्हें ध्यान आयेगा हिंदी खारजी (विदेशी} क्या कहता था |धर्म क्या
कहता है तर्क क्या कहता है ?
रहा सवाल आखिरत का हम पुनर्जन्म को मानते है आत्मा कभी
नहीं मरती केवल शरीर बदलती है अत : यहीं स्वर्ग यहीं नर्क | अंत में इतना ही
कहूँगी ब्रम्ह सत्यम जगत मिथ्या |