संसद में विरोध प्रदर्शन को लेकर विपक्षी सांसदो के निलंबन का सिलसिला आज भी जारी रहा । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में दो ओर सांसदो को निलंबित कर दिया है। अब तक शीत सत्र में दोनो सदनो से निलंबित होने वाले सांसदो की संख्या 143 हो गई है।
मिमिक्री पर बोले उपराष्ट्रपति- मेरे समुदाय का अपमान हुआ, सड़कों पर उतरे जाट समाज के लोग।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री का मामला गरमाता जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि “यह मेरे समुदाय का अपमान हुआ” तो इसके बाद जाट समुदाय ने उनके समर्थन में एकजुट होना शुरू कर दिया. जाट समुदाय के सदस्यों ने टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जाट समुदाय के नेता कह रहे हैं- “जगदीप धनखड़ की चाहे जितनी बेइज्जती करो हमें इसकी परवाह नहीं लेकिन हमारे देश के उपराष्ट्रपति का अपमान हम सहन नहीं कर सकते।”
यह पहली बार नहीं है जब इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन हुआ हो।34 साल पहले भी इस तरह की कार्रवाई हुई थी। साल 1989 में 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जून खरगे ने कहा कि मोदी सरकार कानून पास कराने के लिए ऐसा कर रही है।वह नहीं चाहती कि भारत के लोग विपक्ष की बात सुनें। विपक्ष विहीन संसद में वह अब बिना चर्चा कानून पारित कर सकती है।
मिमिक्री एक कला होती है – कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
मिमिक्री एक कला होती है। कोई नहीं कह रहा है कि यह सभापति धनखड़ की मिमिक्री थी। मिमिक्री में किसी का नाम नहीं लिया जाता है। यह पहले भी हुआ है उपराष्ट्रपति किसी जाति का नहीं होता है। ऐसे में तो हमें तख्ती लगाकर घूमना पड़ेगा। सरकार के ऊपर संसद में चूक को लेकर चारों ओर से दवाब है। असली बात को छुपाया जा रहा है।
सांसदों के खिलाफ होगा प्रदर्शन
पालम 360 खाप प्रधान चौधरी सुरेन्द्र सोलंकी ने कहा कि जगदीप धनखड़ के अपमान को लेकर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद से जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य थे। लोकसभा के सांसदों के ने स्पीकर का मजाक नहीं उड़ाया। सोलंकी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सभापति का इसलिए मजाक उड़ाया गया क्योंकि वह किसान परिवार से आते हैं। अगर धनखड़ से टीएमसी सांसदों ने माफी नहीं मांगी तो जरूरत पड़ने पर उनके घर भी गिराए जाएंगे।