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थ्रिलर

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अब तक आपने पढ़ा के सरिता और एलेक्स ने वो बाड़ा भोजवानी से खरीद लिया और वो वहां शिफ्ट भी कर गए वहां  सामान लगा रहे थे। इधर सार्थक को कुछ आवाज़े आ रही थी अब इस कहानी मोड़ लेने ही वाली थी कहानी अब दिलचस्प

कहानी अब आगे और भी रोमांचक होती जा रही है क्या आपको भी यही लगता है ,अगर हाँ तो आप लोग प्लीज रेटिंग्स जरूर दें। कहानी अब असल डर की और चल दी है जैसा अपने पढ़ा के यहाँ भोजवानी ने इस बाड़े को बेचने के बाद

अब तक आपने पढ़ा किस तरह से सार्थक अचानक गायब हो जाता है बाड़ा बनकर तैयार था अब जो होना था वो सार्थक के लिए बहुत नुकसान दायक था और भोजवानी को जब यह बात पता चलती है तो उसका गुस्सा सातवे आसमान पर था। वो पल

-----( वतन परस्ती-)  कहानी प्रथम क़िश्त अर्जुन और उनके साथियों को इस्लामाबाद की सड़कों पर घूमना अच्छा लग रहा था । बीस लोगों का यह जत्था “ इंडो-पाक सांस्क्रितिक- साहित्यिक एक्स्चेंज बोर्ड” के त

उधर भोजवानी अपने सभी इन्वेस्टर फ्रेंड्स के साथ वहां पहुँच जाता है और जब बाड़े की हालत देखता है तो उन सब के पैरो से जमीन सार्क जाती है ये साइट ऐसे क्यों दिख रही है भोजवानी चिल्लाया यह तो अब तक टूट ज

इधर वो बाड़ा बन कर तैयार था उधर मिस्टर भोजवानी की चिंता बढ़ गयी थी भोजवानी परेशान था के कहीं मैंने उस जगह पर पैसा फंसा कर नुक्सान तो नहीं कर लिया। और उसकी चिंता भी जायज थी पहिले अमित और अब सार्थक भी अब

सार्थक का बचना अब बेहद मुश्किल था अब अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस बाड़े में बचने के लिए जद्दो जेहद कर रहा था पर मौत जैसे उसके सामने ऐसे खड़ी हो जाती जैसे उसने लाल कपडे पहन रखे हो और बैल उसके पीछे

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस वीरान बाड़े के तहखाने में फंस जाता है, और कैसे भी अब उधर से बाहर निकल जाना चाहता है, क्योकि वो अब पूरी रात उस तहखाने में नहीं काटना चाहता था, किसी तरह उसे एक गोल दरवाज़ा

अब तक आपने पढ़ा के सार्थक कैसे उस बाड़े में उन मृत लोगो को चीज़ो को देखने की उत्सुकता में कैसे उस अलमारी के दरवाज़े के सहारे होता हुआ उस बाड़े के नीचे छिपे हुए तहखाने में जाने लगता है पर वो वहां दरबाज़ा बंद

अब तक आपने पढ़ा के सार्थक कैसे मराठा बाड़ा की चीज़ो में अपनी उत्सुकता बढ़ाता ही जा रहा था जो उसके लिए हानिकारक सिद्ध होने वाली थी अब बढ़ती ही जा रही थी उसके लिए खतरा बढ़ता ही जा रहा था पर सार्थक रुकने का ना

अमित कहाँ होगा ?कैसा होगा ?क्या हुआ होगा उसे ऐसा जो वो जबाव नहीं दे रहा ? कोई इतना गैरजिम्मेदार तो हो नहीं सकता कुछ तो हुआ ही होगा यह सब सोचते हुए सार्थक पुलिस स्टेशन में दाखिल होता है थाना इंचार्ज

सार्थक अब अंदर दाखिल हो चुका था वो देखता है वहां काम तरक्की पर है। "अरे !यहाँ तो काम चल रहा है वो यहाँ का इंचार्ज लग रहा है चलो उसी से पता करता हूँ" सार्थक कार से बाहर आता है और इंचार्ज के पास जाने ल

सार्थक बोला "ठीक है अंदर भेजो उनको " पल्लवी ने कहा "और एक बात सर " यस मिस पल्लवी !सार्थक  पल्लवी ने उत्तर दिया "काम के बाद मूवी का प्लान अच्छा है " दोनों एक दुसरे को देखने लगे  भोजवानी अंदर

क्या तुम बहरी हो या बोल नहीं सकती अमित चिल्लाया वो औरत बिना किसी हाव भाव के निचे सीढ़ी से जाने लगी क्या तुम बता सकती हो इसकी चाभी कहाँ है ? न जाने वो औरत क्या दिखाना चाह रही थी। अमित बस खड़ा खड़ा उसे

रात ११ बजे, स्थान - अमरावती से थोड़ी दूर बना मराठा परिवार का प्राचीन वाडा ! मुंबई की बड़ी रियल एस्टेट कम्पनी - ' कुमार एंड संस बिल्डर्स ' का मालिक अमित अपने इस खास प्रोजेक्ट का ब्यौरा कर रहा है ! अम

मदन की नयी नयी नौकरी लगी थी ।एक छोटे से कस्बे मे।उसने दलाल से कह कर अपने लिए एक कमरा किराए पर लेने की बात की।छोटे कस्बों मे घरों के अंदर ही एक कमरा किराए पर दे दिया जाता है ऐसे ही एक दलाल ने मदन को यह

सायरा को पार्टियों का बड़ा चस्का था । खाने की बहुत शौकीन थी सायरा । अल्लाह ने क्या नहीं दिया सायरा को ? हुस्न बेशुमार । जैसे अल्लाह ने ठान लिया था कि दुनिया भर का हुस्न बस सायरा पर ही लुटाना है । उसकी

रोमानिया के तालपा गांव के एक किसान की लड़की ईलिएनोर जुगुन अपनी दादी के घर, जो बुहाई में था, जाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में उसे सड़क के किनारे कुछ सिक्के पड़े मिले। ग्यारह साल की उस लड़की ने वे सिक्

रोमानिया के तालपा गांव के एक किसान की लड़की ईलिएनोर जुगुन अपनी दादी के घर, जो बुहाई में था, जाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में उसे सड़क के किनारे कुछ सिक्के पड़े मिले। ग्यारह साल की उस लड़की ने वे सिक्

ब्रिटेन में ऐसे कम से कम 10 हजार स्थान हैं, जहां भूतों ने आश्रय ले रखा है। भूत यानी उन मृतकों की बेचैन आत्माएं जो जीवित व्यक्तियों को दिखाई देती हैं। वेस्टमिनिस्टर ऐबी, विंडसर कैसल और स्कॉटलैंड यार्ड

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