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थ्रिलर

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यह आज से दस साल पहले की बात है। उस समय मैं नमाज, रोजे की कतई पाबंद नहीं थी। नमाज तो कभी-कभार अपनी दादी और अम्मा की नसीहतों की वजह से पढ़ लिया करती थी, लेकिन रोजे रखने में सदा डंडी मार जाया करती थी। मज

घटना अमरीकी राज्य आयूआ के डेबिनपोर्ट शहर की है। यद्यपि यह एक कम आबादी वाला शहर है, किंतु इसकी खूबसूरती बेमिसाल है। इसके आसपास का क्षेत्र जौ, मकई और चावल की फसलों के कारण प्रसिद्ध है। चारों ओर खूबसूरत

तंत्र एक विलक्षण विद्या है। प्राचीन समय से ही तंत्र के बारे में यह धारणा रही है कि इसके द्वारा अद्भुत और असंभव कार्य किए जा सकते हैं। इसी कारण तंत्र ने सदैव मनुष्य को आकर्षित किया है। समय-समय पर देश-व

  कल्पना कीजिए आप ऑफिस में टेबल पर रखी फाइलों और कागजों में डूबे हों और सामने की फाइल हटाते ही मेज पर लगे शीशे से यकायक कोई चेहरा झांकने लगे तो? या फिर रसोई की ग्रेनाइट-स्लैब पर अचानक ही कोई चेहरा उभर

राजस्थान का बहुचर्चित स्कैंडल जिसने राजनीति में भूचाल ला दिया । कई खानदानों को मटियामेट कर दिया और सत्ता तथा सेक्स के गठबंधन को सार्वजनिक कर दिया । तो आज आपको यह बहुचर्चित किस्सा सुनाते हैं  । घट

शुगन्धा जिस आजा़दी से खुश थी, वही आज़ादी जजींर बन गई।आजादी सबको प्रियं होती है लेकिन पथ का तो पता होंना चाहिए।जब सिर पर खतरा मड़राता दिखा तो जाने में ही भलाई हैं।कुछ अनर्थ होने से अच्छा है कि बापिस घर च

बड़ा पहाड़ उतर कर वो शहर तक आया. रेगिस्तानी शहर बहोत फैला हुवा नहीं था लेकिन ठिक ठाक था, वहाँ का राजा एक शिस्त प्रिय सा इंसान था इसलिए उसने राजा बनते ही शहर का सारा कचरा साफ किया, और एक रुका हुवा फैसल

जैसे को तैसा ( कहानी अंतिम क़िश्त)अब तक --अत: कोर्ट उमेद के वारिसान को यह निर्देश देती है कि उस ज़मीन को जल्द सेठ रतन चंद के नाम से रजिस्ट्री करे या फिर उन्हें उनका 15 लाख रुपिए जल्द से जल्द लौटाए )&nbs

-----जैसे को तैसा-----( कहानी दूसरी क़िश्त) रामगुलाम जब घर वापस आया तो तमतमाया हुआ उसका चेहरा देख , उसके पिता उमेद ने पूछा कि क्या हुआ ? तब रामगुलाम ने सारी बातें बताते हुए कहा कि सेठ रतन चंद के म

आज समर खाना खा कर लेटा तो दस वर्षीय उसका बेटा सोनू पापा से जिद करने लगा ,"पापा प्लीज कोई ऐसी बात बताओं जिसने आप को कभी बहुत डराया हो।"समर थका हुआ था सोई सोनू से बोला ,"आज नही फिर कभी अभी सोते है चलों

----जैसे को तैसा---( कहानी प्रथम क़िश्त)राम गुलाम 12वीं पास करके थल सेना में सैनिक के रुप में जाने का मन बनाकर अपना आवेदन भी थल सेना के द्वारा ज़ारी एक विग्यापन के माद्ध्यम से ज़मा कर चुका  था । उनक

(पिछले भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह शंखिनी रोहन के दुश्मनों को मार देती है । और रोहन के साथ जो चोरी होती है उसकी ख़बर वह अपनी माँ को और निशान को देता है ) माँ रोहन की हालत देखती है और पूछती है क्या ...

१.चुनौती " Sir, कोई आपसे मिलने आया है।" एक बड़े हॉल में प्रवेश करते ही नौकर ने कहा, इसी के साथ उसने हॉल के बीच में ही रखी एक छोटी सी टेबल से खाली चाय के कप ट्रे में रख लिए। उस हॉल में बाई ओर की&nbs


कैरी की गाड़ी को मिसाईल हमले में ध्वस्त होता देख, वह आदमी सहम सा ग


उसी समय ट्रेड सेंटर के गेट से दोनों गाड़ियाँ बाह


एरोचीफ कर्नल बत्रा का इस मिशन के लिए अंतिम निर्


रॉकेट के हमले से ट्रेड सेंटर में खलबली मच गयी। चायनीज आर्मी के जव


लोकेशन सिक्स,
इंडियन सेफ हाउस


'मिनी कूपर' के अंदर,
शमशेर राणा, रूही को गाड़ी के ड्राइविंग स

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