भाग 2
सुमन को अपने आप पर बहुत ही गुस्सा आता है, वह अपने कमरे में बैठी आंसू बहा रही है , उसकी सहेली मिताली कहती है," अब रोने का क्या फायदा , तू तो एकदम से बेवकूफ है , तु इतनी पढ़ने में इंटेलीजेंट है पर लडको से बात करने में क्या प्रोब्लम होती हैं, देख तेरा जो भी हसबैंड बनेगा वह तो एक हफ्ते में तुझे घर छोड़ जाएगा, "!
सुमन कहती है, " जी नहीं में शादी करूंगी तो अर्पित से ही करूंगी और किसी से नहीं,"! मिताली कहती हैं " अगर तेरे घर वाले नही माने तो ,? सुमन कहती हैं, " मेरे मम्मी पापा मुझे बोल चुके हैं तुझे जो भी पसंद आए बता देना हम उसी से तेरी शादी करवा देंगे, तो मेरे लिए वो कोई प्रोब्लम नहीं है,"! मिताली कहती है " तेरे जैसी लड़की के मां बाप और कर ही क्या सकते हैं, "! सुमन उस से कहती हैं " तू मेरा स्पोर्ट करने आई है या मेरा मोरल डाउन करने , कोई आइडिया दे ना प्लीज, "! मिताली कहती है, " पहले बोलने का लहजा सही कर ,लोगो से ऐसे बात करती हैं जैसे सब तेरे नौकर हैं , कल फिर ट्राई करेंगे ,पर जैसा बोलूंगी वैसे बोलना,"! उसी समय सुमन की मां पुष्पा चाय लेकर आती हैं और कहती हैं " सुबह सुबह क्या मीटिंग चल रही है, ( मिताली से ) तुम लोग इसे समझाती नही हो क्या, किस तरह छोटे बड़े से बात करनी है, "! मिताली कहती है " जब आप लोग नही समझा सके तो मैं कैसे समझा पाऊंगी और फिर समझने वाले को भी तो समझ आना चाहिए, "! उसकी मां सुमन को देख कर जाती है , सुमन कहती हैं " ये कल क्या करना है बता देना मैं प्रिपेयर कर लूंगी "! मिताली उसे देख सर हिलाती है और उसे कुछ बतातीं है,जिसे वह ध्यान से सुनती है, ।
सुबह सुबह सुमन पूरा रिहर्सल करने के बाद पहले से ही बाहर आकर खड़ी हो जाती है, अर्पित अपने टाइम पर जैसे ही बाहर आकर ऑटो रिक्शा का वेट कर रहा है वह उसके पास जाकर प्यार से हैलो बोलती है , अर्पित उसकी तरफ देखता भी नही है, वह उसके सामने खड़ी होती है ,तभी ऑटो आ जाता है ,और वह सुमन से एक्सक्यूज मि कहकर साइड होने का इशारा करता है और वह कुछ और कहे उसके पहले ऑटो में सवार होकर निकल जाता है, वह बड़बड़ाती है " कमाल है मैं इतनी बुरी दिखती हुं कि यह मुझे देखता तक नहीं या फिर खुद को ज्यादा स्मार्ट और स्टाइलिश समझता है, शाम को इसका दिमाग ठिकाने लगती हुं, "!
कॉलेज में उसका दिल नही लगता है , उसका लास्ट सेमिस्टर का एग्जाम चल रहा है , वह आई टी साइंस से पढ़ रही उसका जॉब सिलेक्शन भी हो गया है और एक अच्छा पैकेज भी मिलेगा, एग्जाम खतम होते ही उसे ज्वाइन करना है, वह उसके पहले ही अर्पित को पटा लेना चाहती है क्योंकि बाद में उसे टाइम नही मिलेगा, आजकल कॉरपोरेट वाले अपने एम्प्लाइज से खुब काम लेते हैं , उसकी जितने सीनियर सहेलियां हैं सब रोती रहती हैं की उनके पास मरने की भी फुर्सत नहीं है, तो वह ब्वॉय फ्रेंड कैसे बना पाएंगी , उसकी सभी सहेलियों और फ्रैंड्स के पास गर्ल फ्रेंड और ब्वॉय फ्रेंड है,वही एक इकलौती ऐसी लड़की है जिसके पास लड़के आना तो छोड़ दूर से देखकर रास्ता बदल लेते हैं, वह सोचो में गुम थीं तभी मिताली आती है और पूछती हैं, " क्या हुआ सुबह बात हुई " ? सुमन कहती हैं " हां हुई ना ,वह एक्सक्यूज मि कहकर साइड करके चला गया , मैने तो उसे बड़े प्यार से हैलो कहा था, पर उस कमीने को देखने तक कि फुरसत नहीं है,"!!! मिताली कहती है " फिर शुरू हो गई,अबे दिमाग शांत रख और शाम को आज वॉक पर बात करना, "! सुमन उसे भी आने को कहती है पहले तो मिताली मना करती है लेकिन फिर बोलने पर मान जाती है, वैसे मिताली का भी कोई ब्वॉय फ्रेंड नहीं है ,उसकी तो सगाई बचपन में ही उसके पिता ने अपने एक दोस्त के बेटे से तय कर दिया था और वह लड़का भी स्मार्ट सुन्दर है , और अभी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है और नेक्स्ट मंथ इंडिया आकर उसके साथ शादी कर के साथ ले जायेगा , मिताली की दिन में दो बार उस से video call पर बात हो जाती है दोनो एक दूसरे को बचपन से ही चाहते हैं, इसलिए वह किसी लड़के की तरफ देखती भी नहीं है, मिताली सुमन से कहती है " यार कहीं उसका भी मेरी तरह सेटिंग तो नही है ,इसीलिए वो तुझे नही देखता है, "!! सुमन भड़क कर कहती है " यार कभी तो अच्छा बोला कर , और उसका चक्कर भी रहा तो भी मैं उसे घनचक्कर बना कर अपना बना कर रहूंगी,"!!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए""!!!