भाग 8
सुमन अपने पापा को इस वक्त घर में देख चौकती है , वह पापा से पूछती है , " पापा आपकी तबियत ठीक है ना, "!! उसके पापा संजय सिंह कहते हैं," जब तुम्हारे जैसे गुंडी बेटी घर में हो तो पापा की तबियत कैसे ठीक रहेगी, "?? वह कहती हैं " मैने क्या किया पापा , मैं तो कभी आपको परेशान भी नही करती , "!! संजय कहते हैं " सुना है सुबह तुम सड़क पर गुंडा गिरी कर रही थी, बेटी तुम समझती क्यों नहीं तुम लड़की हो, कल को कुछ ऊपर नीचे हो गया तो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे,"!!
सुमन कहती है " आप का मुंह बहुत अच्छा है ,और मेरा भी ,और रही बात लड़की वाली तो उसमे आपकी गलती हैं, पहले तो आपने मुझे लड़कों की तरह पाला पोसा और अब आपको टेंशन हो रही है,आप बेफिक्र रहिए आपकी बेइज्जती नही होने दूंगी ,"!! पुष्पा आते हुऐ कहती हैं," सही कहा बेटी , बेइज्जती नही होनी चाहिए बाकी सब तो चलेगा ,"!! वह दोनो को छाया देती है , और वही बैठती है, संजय कहता है " एक लड़के का रिश्ता आया है ,क्या इरादा है लड़का डॉक्टर है ,दहेज का चक्कर भी नही है, भले लोग हैं, "!! वह पुष्पा और सुमन की तरफ देखते हैं , सुमन पापा को देख मुस्कराई और बोली ," पापा आप भले हैं तो आप को सभी भले लगते हैं, पिछली बार वाले भी तो बहुत भले थे, बाद में वो भोले लोगो की पोल खुली तो क्या निकले, इसलिए आप से हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट है कि आप अपनी खोज को यहीं रोकिए ,और हां मैने आपके लिए दामाद ढूंढ लिया है ,स्मार्ट है सुंदर है , अच्छा कमाता है, "!! संजय अपनी पत्नी की तरफ देखते हैं तो वह मुस्करा देती है, संजय कहता है " चलो एक टेंशन तो कम हुई , बता देना जब बिदाई करनी हो, "!! पुष्पा कहती है " इसका क्या भरोसा कल ही लेकर चली आए की को लो ये है आपका दामाद , "!! सुमन कहती हैं" ऐसे कैसे दामाद आएगा ,बारात लेकर जायेंगे फिर लेकर आएंगे, "! संजय चौक कर पुष्पा को देखता है, तो वह कहती है। " देखो अपनी लाडली के सपने कितने अच्छे हैं, ये बारात लेकर जायेंगे और अपने पति को बिदा कराके लायेंगी, "!! सुमन कहती है ," क्यों ये हक सिर्फ लडको का है क्या, मैं सब सिस्टम बदल दूंगी, ऐप शांति से बैठिए ,और हां दहेज पूरा चाहिए याद रखिएगा वह भी पूरा कैश में, "! ! पुष्पा कहती हैं " अरे पगली सब तेरा ही है ,और कोई हकदार हैं क्या,"? वह कहती है, " जब तक आप लोग हो मेरा कोई हक़ नहीं है, इसलिए मेरे शादी में जो खर्च करने की सोचे हो वह सब कैश में दे दीजिए मैं अपना बिजनेस करूंगी, ओके मैं चलती हु"!! वह उठकर बाहर जाती है, संजय सर पर हाथ रख कर पुष्पा से कहता है ," बड़ी खतरनाक बेटी पैदा की है तुमने,"!!
बाहर निकल कर सुमन अर्पित की घर की तरफ देखती है, और बड़बड़ाती है ," कितनी लकी हुं मैं घर के सामने ही ससुराल , एक छलांग लगाई तो मायके दूसरे में ससुराल, वाह जिंदगी में मज़ा आ जाएगा,"!! वह स्कूटी स्टार्ट कर के जाती है, !
अर्पित अपने ऑफिस में बैठा हुआ काम कर रहा है, उसका बॉस उसको बुलाकर कहता है कि उसे 2 दिन के लिए अर्जेंट दिल्ली जाना है, तो वह चौकता है,पर बॉस तो बॉस है उसके ऑर्डर को ना मानना भी खतरनाक हो सकता है, तो वह हां बोलता है, "!!
नंदिता के घर में कोहराम मचा हुआ है, उसके घर में गिफ्ट 🎁 आया है जिसपे उसके लिए I love you 💖 लिखा है और नाम में अर्पित लिखा है , उसकी मां और उसके डैड उस से पूछ रहे हैं कि ये अर्पित कौन है , नंदिता समझ नहीं पाती की आखिर ये कांड किसने किया है, उसको लगता है ये सब ललित का किया धरा है , पर अभी घर के माहौल को कैसे ठीक करे ,तभी सुरेश आता है और 🎁 गिफ्ट देख कहता है " वाह तो नए जीजाजी ने गिफ्ट भी भेजना शुरू कर दिया बधाई हो दी, "!! यह सुन कर उसके पापा सुरेश को एक जोरदार थप्पड़ मरती है और कहते हैं " हरामखोर तुझे इसका चक्कर पता था तो हमें क्यो नही बताया, " !! सुरेश तो नंदिता के लिए ये सब बोला था ताकि उसको बाते सुनाई जाए और हो सके तो दो चार फटके भी लगा दिया जाए ,पर उसका गेम उल्टा हो गया ,उसी की धुलाई हो गई,उसके पापा गुस्से में अपनी रिवाल्वर निकालते हैं और नंदिता को टारगेट कर कहते हैं " कौन हैं वो कमीना अर्पित ,आज ही उसका काम तमाम करवाता हूं जल्दी से पता बता , "!! सुरेश कहता है उसे उसका घर पता है,!!
नंदिता चौकती है,"!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए"'!!