भाग 9
सुरेश अपने डैड से कहता है की उसे अर्पित का घर पता है , तो उसके पिता प्रदीप उसको एक और थप्पड़ मारते हैं, और कहते है" हरामखोर ,तुझे सब कुछ पता है फिर भी मुझे नही बताया, वह कहता है" आप मार क्यों रहें हैं अभी दो दिन पहले ही तो मुझे भी पता चला तो मैने इंक्वायरी शुरू किया आज भी इसके पीछे गए थे मैं और जीजा, "!!! प्रदीप फिर उसे जोरदार थप्पड़ मारता है और कहता है " अब तो इंक्वायरी ऑफिसर बन गया है, और तु ललित को भी बता दिया, पर मुझे नही बताया ,पूरी इज्जत नीलम करने पर लगे हो तुम दोनो भाई बहन, ( नंदिता से ) क्यों कब से चक्कर चल रहा है, "??? नंदिता गुस्से में जाने लगती है तो उसका हाथ पकड़ कर वह पिस्टल उसके ऊपर तान कर कहते हैं " बोलेगी या एकाध गोली उतार दूं तेरी खोपड़ी में ,"! नंदिता हाथ छुड़ा कर कहती हैं," आप को तो घर हो या ड्यूटी सभी अपराधी ही नज़र आते हैं , मारना है तो मार दीजिए पूछते क्या है,पर एक बात सुन लीजिए मैं उस गधे से शादी नहीं करुंगी , आपको मारना है तो अभी मार दीजिए, "!!!
प्रदीप कहता है, " जी नहीं , अब तो मरेगा तेरा वो कमीना प्रेमी, वो मर गया तो सब झंझट ही खतम हो जायेगा, चल सुरेश उसका घर बता ,"!!! वह सुरेश को खीच कर ले जाते हैं, नंदिता अर्पित को फोन लगाती है तो वह उठाता है ,नंदिता पूछतीहै की वह कहां है तो वह कहता है कि वह अर्जेंट काम से दिल्ली जा रहा है तो एयरपोर्ट पहुंचने वाला है, वह एयरपोर्ट से फोन करने वाला था , क्योंकि सब कुछ जल्दी जल्दी डिसाइड हुआ, तो वह 5 मिनट के लिए घर गया और बैग पैक करके निकाल गया ,2 दिन के बाद आऊंगा और फोन पर टच में रहेंगे,"!!! नंदिता कहती हैं " थैंक्स गॉड , आज नई मुसीबत खड़ी कर दी है मेरे भाई और उस कमीने ललित ने ,तुम्हारे नाम से गिफ्ट घर भेज दिया, I love you लिख कर ,और वो डैड के हाथ लग गया, बहुत गुस्से में है डैड और सुरेश की तो पिटाई भी खुब हुई , मुझ पर कभी हाथ नही उठाया पर धमका रहे थे, अभी अभी तुम्हारे घर गए हैं, अच्छा हुआ तुम नही हो , वरना उनका दिमाग भी क्रिमिनल लोगों के साथ रहते हुए क्रिमिनल जैसा ही हो गया है, तुम दो दिन में आओगी तब तक थोड़ा शांत हो जायेगा , "!! अर्पित कहता है" अपने डैड का जरा बैच नंबर और रैंक बताना उनका दिमाग ठंडा करवाते हैं , "!! वह कहती है ," तुम क्या करोगे ,वैसे भी उनकी पोजिशन बहुत अच्छी है डिपार्टमेंट में ,"!! अर्पित कहता है ," मेरे अपने मामा A C P हैं यहीं पर , उनसे बड़े तो कमिश्नर ही है, और तुम्हारे डैड अधिक से अधिक इंस्पेक्टर होंगे, "!!! नंदिता उसे डिटेल्स देती है,""!
प्रदीप अर्पित के घर पहुंचता है तो वहां उसे पता चलता है कि वह एक घंटे पहले ही कही गया है ,तो उसे बहुत गुस्सा आता है ,और वह चिल्लाकर उसके मकान मालिक से कहता है , " उस हरामखोर के पिल्ले अर्पित को बोल देना की आज उसकी किस्मत अच्छी थी जो वह बच गया ,अगर दुबारा मेरी बेटी के पीछे पड़ा तो यही सड़क पर गोली मारूंगा , मेरा नाम प्रदीप राठौर है, पी आई राठौर, " ( वह सुरेश को फिर से एक थप्पड़ रसीद कर ) कमीने की औलाद पहले दिन साथ आता तो उसकी अर्थी उठ गई होती,चल तेरी खबर लेता हूं,""! वह जाते हैं ,तब तक काफी लोग जमा हो जाते हैं, ऊपर से देख रही सुमन बहुत खुश होती है , उसका तीर निशाने पर जो लगा था, उसे लगने लगा कि उसका प्यार अब उसका होने में समय नहीं लगेगा, वह खुश होकर मिताली को फोन करके सब बताती हैं तो वह भी खुश होती है, पर उसे इस बात कि उम्मीद नहीं थी की उसके उम्मीदो के पर भी kutre जा सकते हैं, वह तो मारे खुशी के मां को पकड़ नाचने लगती है, !!
अर्पित एयरपोर्ट पर बोर्डिग के लिए बैठा है, वह अपने मामा A C P सत्य प्रकाश को कॉल करता है, और उसे सब बताता है ,उसके मामा उस से उसका डिटेल्स लेकर कहते हैं ," तु जा शांति से मैं इस राठौर को देख लेता हूं , मेरे ही अंडर में है, "!!!
प्रदीप घर पहुंचता है और नंदिता से कहता है आज तो बच गया , अब जिस दिन वह आएगा एयरपोर्ट से ही उठा लेंगे मैने एयरपोर्ट पर अपने फ्रेंड ऑफिसर को उसका डिटेल्स विथ फोटो दे दिया हैं, आते ही हमारे हाथो उसका स्वागत होगा उसे राठौर की बेटी से प्यार करने का मजा to चखना होगा और अगले महीने ही मुहूर्त देख तेरी शादी करवा देंगे,"!!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए ""!!