भाग 7
नंदिता अपने भाई से कहती है " तुझे मेरे पिछे पिछे आने के लिए किसने कहा ,इस बेवकूफ ने ,"!! वह ललित की तरफ देखती है , तो वह हड़बड़ा कर बाइक से गिरते गिरते बचते है ,फिर सम्हल कर कहता है, " ये तु बेवकूफ किसे बोल रही है , मैं तेरा ऑफिशियल होने वाला पति हुं , समझी की नही , "!! नंदिता कहती हैं," होने वाला है ना हुआ तो नही, अभी तु गर्भ में है ,और कभी कभी बच्चे गर्भ में ही मर जाते हैं ,या तो फिर उन्हे अबॉर्शन करके निकाल दिया जाता है, अपनी इज्जत बचाना चाहते हो तो चुप चाप निकल लो वरना यही अबॉर्शन हो जायेगा, "!! सुरेश और ललित एक दूसरे को देखते हैं और निकलने में ही भलाई समझते हैं, जाते जाते ललित कहता है ",इसीलिए हमारे यहां लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था, अब सब सर चढ़ने लगी है,"!!! नंदिता सुनकर गुस्से में कहती हैं ," तभी हरामखोरो भटकते फिर रहे हों, कुछ दिनों में तरस जाओगे कोई लड़की नहीं देगा,"!!! सभी नंदिता को देखने लगते हैं ,नंदिता अपनी स्कूटी स्टार्ट करती हैं और निकल जाती है, मिताली कहती है " ये तो तेरी ही बहन है , अब क्या करेंगी , ये तो बराबर लड़ेगी, "!! सुमन कहती हैं " लड़ेगी तभी तो मरेगी , आई मीन ,मेरे रास्ते से हटेगी, तू देखती रह मेरी चाल को ,""!!!!! मिताली कहती हैं " तेरे दिमाग में शैतानी शुरू हो गई , अब उसकी या तेरी किसकी बैंड बजेगी पता नही,""! सुमन कहती है " चल देखते हैं वह कहां तक जाएगी, ""?
अर्पित सी सी डी में बैठा नंदिता का वेट कर रहा है, नंदिता स्कूटी खड़ी कर के अर्पित के पास आकर बैठती है ,वही पीछे दूर ही सुमन भी अपनी स्कूटी रोकती है , अर्पित और नंदिता दोनो का ही मूड ऑफ है, नंदिता कहती है " ऐसी क्या प्रोब्लम हो गई कि ऑफिस नही गए और अर्जेंट मिलने को बुलाया ,में दूसरे काम में व्यस्त थी ,"?? अर्पित कहता है " सही कहा ,तुम वहां बिजी थी और तुम्हारा भाई वो क्या नाम है सुरेश और वो तुम्हारा होने वाला पति ललित मेरा हाथ पैर तोड़ने आए थे, ""!! नंदिता चौकती है,और कहती है " ओह माई गॉड , उनको कैसे पता चला कि हमारा चक्कर है, ""? अर्पित कहता है " मैं ही घनचक्कर हूं जो जाकर बता दिया कि भाई मैं तुम्हारी होने वाली पत्नी से प्यार करता हूं, और साले साहब को भी बोल दिया कि अपने क्रिमिनल बाप सॉरी क्राईम ब्रांच ऑफिसर बाप को बोल कर मेरी लाइफ बरबाद कर दो, ""!! नंदिता बोली" यार तुम तो मुझ पर इल्जाम लगा रहे हो , हां अब समझ आया इसीलिए मैं घर तक छोड़ने को माना करती थीं ,पर जनाब को घर तक छोड़ने से ही दिल भरता हैं तो भुगतो ,"!!!
अर्पित चिढ़ कर कहता है, " भुगतना पड़ेगा, आखिर तुमने तो मुझे पहले ही बता दिया था की तुम्हारा होने वाला पति भी है,""!!!
नंदिता कहती हैं ," देखो यार अभी मैं उन दोनो की बैंड बजा कर आ रही हुं ,हरामखोर मेरा पीछा करते हुए आ रहे थे, और वो मेरा कुछ पति तो छोड़ो नौकर भी नहीं बन सकता है ,अब बोलो क्या बोलना है, !!! अर्पित कहता है," ओके तो मैं किस कैटेगरी में रहूंगा, ( वह देखती है ) मेरा मतलब नौकर वाली या ,,,!! नंदिता बीच में ही बोलती है," पति और नौकर में क्या फर्क है , दोनो ही बनने के चांस हैं, अब च्वाइस तुम्हारी हैं, "!! मिताली कहती हैं ," अब यहां से चले वो उसको नही छोड़ेगी और ना ही अर्पित उसे छोड़ने वाला, कोई दुसरा ढूंढ यार , "!! सुमन कहती है ," अबे तु मेरी फ्रेंड है या दुश्मन है ,कभी अच्छा भी बोला कर , अब कौन छोड़ेगा और कौन पकड़ेगा ये समय बताएगा , चल गेम शुरू करते हैं,"! मिताली सर पर हाथ मारती हैं कि कहां इस सनकी के चक्कर में पड़ गई, सुमन गाड़ी स्टार्ट करके जाती है,
नंदिता कहती है ," लिशन मिस्टर अर्पित , इस तरह के बहुत से हर्डल आयेंगे और मुझे चाहते हो तो झेलना भी पड़ेगा, नही तो दूसरी कोई देख लो अगर दम है तो , बाय "!!! वह अर्पित को भौचक्का छोड़ निकल जाती है, अर्पित उसे जाता देखता है और सोचने लगता है कि यार मेरे साथ हो क्या रहा है , ये लड़कियां हैं या गुंडी , एक घर के सामने खड़ी रहती है और ये दिल में,"!! वह बिल भर कर जाता है !!
सुमन के घर उसके पापा बैठे हैं ,पापा को इस वक्त देख वह चौकती है , क्योंकि पापा तो अपने काम से फुर्सत नही पाते थे,फिर आज इस वक्त कैसे वह पापा से पूछती है ," पापा आप ठीक तो हैं ना , आज ऑफिस नही गए क्या "??
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए,,!!