भाग 13
नंदीता अपने घर पहुंचती है तो वहां तो घर में समान पैक हो रहा था, पूछने पर पता चलता है कि सभी लोग यहां से शिफ्ट कर के राजस्थान जा रहे हैं, तो वह कहती है, कि उसके पढाई का क्या होगा , तभी पीछे से उसके पापा प्रदीप आते हुए कहते हैं, वहां भी अच्छे कॉलेज हैं एडमिशन दिलवा दूंगा ,मैने कल का टिकट बुक कर दिया है , नंदीता कहती हैं ,"मैं इतने जल्दी कैसे जा सकती हुं, मेरे बहुत सारे काम हैं यहां पर, "!! प्रदीप कहते हैं " अरे कौन सा बिजनेस शुरू किया है , जो तुने काम फैला रखा है,मुझे कुछ नहीं सुनना है ,हम कल जा रहे हैं तो जा रहे हैं, "!! नंदिता कहती है, " मैं कैसे जा सकती हुं , पापा प्लीज मुझे थोड़ा समय चाहिए,"!! प्रदीप कहता है , " क्यों बची खुची इज्जत भी डुबानी है, तुझे तो उस लड़के के कारण जाने में तकलीफ हो रही है, मुझे कुछ नहीं सुनना कल सब निकल रहें हैं ,"!! नंदिनी भौचक्की सी पापा का और मां का मुंह देखने लगती हैं, उसकी मां कहती है " बेटी कुछ हमारी भी इज्जत का ख्याल रख,"!!
अर्पित शाम को गॉर्डन में वॉक कर रहा था, सुमन भी आती हैं और उसको हैलो बोलती हैं ,अर्पित भी उसे जवाब देता है, वह पूछती है " दो दिन कहां गए थे,दिखाई नही पड़े थे , "!! वह कहता है ," दिल्ली गया था ,कुछ अर्जेंट काम था ,और थैंक्स फॉर सपोर्ट , "!!! सुमन कहती है," इट्स ओके, वैसे भी तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं , "!! अर्पित उसे देखते रह जाता है, वह सोचता है अजीब लड़की है यह तो जबरदस्ती मेरे सर पड़ रही है, और तो और डायरेक्टली मेरे हर काम में एंट्री मार रही है, उसी समय नंदिता का कॉल आता है वह कहती है " कहां हो मुझे अभी इसी वक्त मिलना है "!! अर्पित कहता है " यार मैं वॉक कर रहा हूं , अभी बिजी हुं , ऐसी भी क्या इमरजेंसी है, "!!! वह कहती हैं " तुम मुझे चाहते हो तो अभी और इसी वक्त मिलना पड़ेगा, वरना मुझे भुल जाओ ,"!!! अर्पित कहता है " आर यू मैड ,? ये क्या बकवास कर रही हो, ठीक है कहां मिलोगी "!!, वह कहती हैं ," वहीं जहां मिलते हैं , "!! अर्पित कहता है " ठीक है CCD, ! मैं ट्रैकिंग शूट में ही आ रहा हूं, "!! सुमन उसको देख रही है, वह उस से कहता है " सॉरी मुझे कुछ अर्जेंट काम है, निकलना है ,"!! वह जाता है , सुमन मन में कहती हैं " तो यह उस कुतीया से मिलने जा रहा है , अब मजा आयेगा , "!! वह फोन निकाल कर कॉल करती हैं , सामने प्रदीप उठाता है ," वह कहती हैं ," हैलो , नंदिता है क्या , उसका नंबर लग नही रहा है , वो क्या है ना उसे अर्पित से मिलने आना था हम दोनों CCD पर वेट कर रहे हैं, पर वह अभी तक पहुंची नही , वैसे आप कौन हैं, "!! वह कहता है " उसका बाप हूं, अच्छा हुआ बता दिया, मैं अभी CCD आ रहा हूं ,"!! वह हड़बड़ाहट में कहती है ,"" अरे नहीं नहीं , ये शायद रॉन्ग नंबर लग गया, सॉरी ,"!! वह मुस्कुराकर फोन काटती है , "!!
नंदिता CCD पर अर्पित का वेट कर रही हैं तभी अर्पित ऑटो से उतरता है, और नंदिता के पास जाता है नंदिता भाग कर उसके गले लग कर रोने लगती है ,तभी बाइक पर प्रदीप वहां पहुंचता है, और दोनो को इस तरह चिपके देख आग बबूला हो जाता है, वह उनके पास जाकर नंदिता को खीच कर एक जोरदार थप्पड़ मारकर कहता है , " हरामखोर तु सरे आम इज्ज़त नीलाम कर रही हो ,"!! वह अर्पित को देख कहता है " तुम्हारी बहन के साथ कोई इस तरह करे तो तुम्हे अच्छा लगेगा , तुम्हारे मामा मेरे सिनियर है तो मैं उनकी गुलामी करूंगा, मैने ट्रांसफर करवा लिया है , मेरा दिमाग खराब हुआ तो बहुत बुरा हो जायेगा, हम राजस्थानी ठाकुर है ,अपनी इज्जत के लिए बेटी को भी मार देते हैं , आज से इसे भुल जाओ, वरना ये दुनिया में नही रहेंगी,"!! अर्पित को कुछ समझ नहीं आता है, वह अचानक घट रही इन बातों के लिए तैयार नहीं था, वह समझ नही पाता है की क्या
करे , वह कुछ सोचे इसके पहले प्रदीप नंदिता को जबरन बाइक पर बिठाकर ले जाता है, अर्पित अपने मामा को कॉल करता है और उसे बताता है तो मामा कहते हैं ,," देखो अर्पित बाप बेटी के मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं , हैं अगर बेटी कंप्लेंट करे तो हम एक्शन ले सकते हैं ,"!! अर्पित फोन काटता है , और सोच में पड़ता है ,तभी उसे याद आता है कि सुमन का फूफा पुलिस कमिश्नर है , उस से बात करता हूं, "!!!
आगे कि कहानी अगले भाग में पढ़िए """!!