भाग 25
सुमन अपना थरमस और कप उठाकर चलती बनती है ,अर्पित उसे जाते हुए देखता है , वह बहुत बुरी स्थिति में है अभी वह नंदिता के झटके से बाहर नहीं निकला था ,वह सोचता है कि उसे इस समस्या से बाहर निकलना होगा वरना वह घुट घुट कर मर जायेगा , वह सोचता है वह मामा से बात कर लूं ,और घर में भी बात कर लूं तो शायद कुछ दिमाग शांत हो जाए ,फिर वह सोचता है ,नंदिता और सुमन में कितना फर्क है , सुमन हर मामले में नंदिता से बीस है ,और उसे दिलों जान से चाहती भी है,पर उसने उसे कभी लिफ्ट ही नही दिया और जिसकी वह चाहता था उसने इसको जोर का झटका धीरे से दिया था , वह तो अच्छा यह हुआ था की जाने से पहले पूरा दिन सुमन के साथ था और उसका माइंड थोड़ा उसकी तरफ डायवर्ड हुआ था, कुछ असर तो नंदिता के मैसेज का पहले ही हो गया था,वह यह सोच कर ही गया था जो भी होगा वह झेलेगा , वह तो इस उम्मीद से गया था कि शायद कहीं नंदिता किसी दबाव में आकर ऐसा कर रही है ,और अगर वहां जाने पर वह हां कहती तो उसने आगे का प्रोग्राम तय कर रखा था , वह अपने घर फोन करता है, "!!
सुमन घर में आती हैं तो पुष्पा उस से पुछती है " क्या हुआ चेहरा क्यों लटका के आ रही है ,"!! वह कहती हैं " कुछ लटका वटका नही है, अब तुमने जैसा शकल दिया है वैसा ही रहेगा ना , क्या मां मैं इतनी बुरी दिखती हुं की मुझे कोई भी पसंद नही करता है ," !! उसकी आंखो में पहली बार इस बात पर आंसु आए थे , उसे अर्पित के कुछ न बोलने से बहुत दुख हुआ था , पता नही क्यों आज उसका मन बहुत रोने को कर रहा था , पुष्पा बेटी का दुख समझ गई थी वैसे भी एक मां से अधिक बच्चो का दुख कौन समझ सकता है, वह उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहती है," बेटी तू शादी के लिए हां कर लडको की लाइन लग जायेगी ,पर तुझे लवेरिया का रोग लगा है, तो क्या करे , अभी भी कानपुर से कई लोग फोन कर तुझे अपने घर कि बहु बनाने को तैयार हैं, पर तेरी जिद्द की वजह से मैं चुप हो जाती हूं, "!! सुमन पहली बार हताश होकर मां को देखती है और कहती है, " मां सिर्फ आज का दिन दे दे कल तु किसी फुटपाथ के कुत्ते से भी शादी के लिए बोलेगी मैं कर लूंगी ,"!! वह रोती हुई अंदर भागती है, ,"!! उसी समय मिताली आती है तो पुष्पा उसे सब बताती है ,मिताली भी भाग कर ऊपर जाती है , सुमन बेड पर औंधी लेटी रो रही थी ,मिताली उसके सर पर हाथ फेरने लगी तो वह पलट कर उसे देखती हैं ,मिताली पूछती हैं ,तो वह सब बताती हैं और कहती हैं ," अब यार मैं इतने से सुबह सुबह गई थी, पर उसने तो मुझे देखने तक कि कोशिश नही कि बस सामने बैठ कर कॉफी पी लिया और वह भी दो बार पर जुबान से एक शब्द नही निकाला , में उसे चाहती हूं इसका मतलब ये तो नही कि मैं फालतू हूं,भाड़ में जाए ,आज शाम तक उसका रिप्लाई नही आया तो कल से उसका चैप्टर क्लोज कर दूंगी, फिर मम्मी पापा को जहां भी करना हो कर दे, "!! मिताली कहती है " क्यों तु तो कहती थी की अगर उसने एक्सेप्ट नही किया तो तु शादी ही नही करेगी , "!! अबे बोलने से क्या होता है ,अब मोदी जी ने बोल दिया पाकिस्तान को खतम कर देंगे तो कर दिया क्या , बोलने और करने में बहुत फर्क है, आज मेरा मूड बहुत खराब है चल कही। बाहर जाते है ,फिल्म देखेंगे कुछ तो माइंड डायवर्ट होगा, "!!
दोनो शाम तक घूम फिर कर घर आए हैं ,वह अर्पित के खिड़की कि तरफ देखती है तो वह बंद था ,वह सोचती है एक बार कॉल कर लेती हूं ,वह कॉल करती है पर वह उठाता नही है और मैसेज करता है , प्लीज डोंट डिस्टर्ब मि ,"!! सुमन को बहुत ही गुस्सा आता है और वह गुस्से में मोबाइल सड़क पर पटक देती हैं ,फोन के अस्थि पंजर बिखर जाते हैं,मिताली कहती हैं ," पागल हो गई है क्या ,,? अब मोबाइल की क्या गलती थी , वन प्लस था 55 हजार का नुकसान कर दिया, "!! सुमन कहती है ," यहां मेरी पूरी जिंदगी बरबाद हो रही है उसकी चिंता किसी को नही है, मेरे पापा एक बार उसके मामा से या उस से बात नही कर सकते थे क्या, पर किसको पड़ी है बेटी को गरज हो तो ढूंढे, मुझे तो लड़कों से नफरत सी होने लगी है,,"!! वह गुस्से में आकर अर्पित के दरवाजे पर दो लात मारकर आती हैं, आस पास में खड़े लोग उसे देखने लगे वह चुप चाप घर जाती है ,मिताली भी उसके पीछे जाती है, ,!
पुष्पा उसे देख खुश होकर कहती हैं ," तेरे फूफा जी ने तेरे लिए एक लड़का फाइनल किया है , कल सुबह उसके घर वाले लड़के के साथ आ रहे हैं ,फूफा और बुआ भी सुबह सुबह आ जाएंगे ,मिताली तु जल्दी आकर जरा इसे थोड़ा मेक अप कर देना खुद तो करेगी नही, सुमन की आंखो में आंसु आते हैं वह फिर गुस्से में ऊपर चली जाती हैं, ,पुष्पा कहती है " क्या हुआ इसे सब ठीक तो हैं,"!! मिताली कहती हैं ," वह बहुत डिस्टर्ब है ,अगर एक दो दिन बाद देखने आते तो चलता नही क्या ,"!! पुष्पा कहती हैं ," मेरी बात होती तो , में समझ देती पर इसके फूफा ने कहा है तो हम कैसे टाले, "!!
दूसरे दिन सुबह सुबह सुमन के घर मोहिनी और कमिश्नर साहब मिठाई और ढेर सारा सामान लेकर पहुच जाते हैं , सुमन तो मारे गुस्से के अभी भी बेड पर ही पड़ी थी, मिताली आकर उस से कहती हैं " , चल तैयार हो जा , लड़के वाले आने वाले हैं, "!! सुमन कहती है " वो मुझे देखने आने वाले हैं , या मेरे मेक अप को, में ऐसे ही रहूंगी पसंद करना है तो ऐसे ही करे ,वरना चलते बने, "!! मिताली उसे देखती हैं फिर नीचे जाती हैं, उसके बाद मोहिनी आती हैं तो सुमन उठाकर पैर छूकर प्रणाम करती है, मोहिनी उसे आशीर्वाद देकर कहती है ," चल जल्दी से तैयार हो जा तेरे लिए ऐसा लड़का ढूंढा है कि तू अपने फूफा कि गुलाम हो जायेगी , "!! सुमन की आंखो में आंसू आते हैं वह कहती है ," बुआ मैं आज तैयार नहीं हो पाऊंगी मैं बहुत अपसेट हूं ,"!! बुआ कहती हैं " अरे बेवकूफ बड़ी मुश्किल से सेट किया है , चल तैयार हो जा , जरा अच्छे से मैं मिताली को भेज रही हूं 10 मिनट में लड़के वाले आ जायेंगे, तु मेरी अच्छी बच्ची है , ओके ,"!! सुमन बुआ की आंखो में देखती है, मोहिनी मुस्कराकर उसके गालों को खीच कर जाती हैं, ,!!
सुमन को मिताली तैयार करती है ,तभी पुष्पा आकर कहती है ," चलो लड़के वाले आ गये हैं ,लड़का तो सच में बहुत सुंदर है अब तू कुछ नाटक मत करना तूने कहा था कि कल शाम तक के लिए तो अब तो मेरी सुनेगी ना चल जल्दी नीचे आ"!! , वैसे सुमन हल्के मेक अप में बहुत ही सुंदर लग रही थी वह खुद ही खुद को देख आश्चर्य चकित होती हैं ,मिताली उसे चलने को कहती हैं , सुमन बुझे मन से निकलने से पहले अर्पित के घर की ओर देखती है ,तो उसका खिड़की बंद था वह गुस्से में मन ही मन कहती है ,धोखेबाज कही का , "!!
वह नीचे आती हैं ,और सर झुकाए ही ही खड़ी है उसके फूफा जी बड़े खुश होते हैं सभी नंदिता को देख ताली बजाते हुए है उसका स्वागत करते हैं , तभी फूफा जी कहते हैं " ये है हमारी भतीजी सुमन , सुमन बेटा सर ऊपर उठाकर एक बार लड़के को देख लो नही पसंद आए तो अभी भागा देंगे , वह धीरे से सर उठाती है और सामने देखती हैं तो आवाक रह जाती हैं ,उसकी आंखो से आंसु बहाने लगती है ,फूफा जी कहते है " सुमन अगर पसंद नही तो बता दो अभी रिश्ता तय नहीं हुआ है ,"!!
सुमन भाग कर फूफा जी के गले लग जाती हैं, और रोने लगती हैं ,सभी जोर जोर से हंसते हैं ,सामने अर्पित था और उसके मामा और माता पिता और बहन सभी थे, हुआ ये था , कि उसके जाने के बाद अर्पित ने अपने घर फ़ोन करके मम्मी पापा से सुमन के बारे में बात करता है और फिर मामा से भी बात कर कमिश्नर से बात करने के लिए कहता है , उसके मामा कमिश्नर साहब से बात करते हैं वह तो तैयार ही बैठे थे ,मोहिनी ने उन्हे सब बता चुकी थी, तो जैसे ही अर्पित का मामा बात करता है तो वह सुमन को बिना बताए दूसरे दिन सुबह का प्रोग्राम तय कर दिया था , अर्पित शाम को कई बार सुमन को फोन ट्राई करता है पर उसने तो गुस्से में अपना फोन तोड़ दिया था, सुमन बहुत खुश होती हैं उसका प्यार जो उसे मिल गया था, "!!!!
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