भाग 17
सुमन अर्पित को स्कूटी पर बिठाकर घर की तरफ स्कूटी दौड़ाती है, अर्पित का मन सच में रोने का कर रहा था, पर वह कैसे रोए,वह अपने आंसू धीरे से पोंछता है और सोच में पड़ जाता है कि उस से क्या गलती हुई , वह तो उसे सच्चे मन से चाहता था, पर वह एकदम से और वह भी मात्र दो घंटे में एकदम से बदल गई"!! सुमन कहती हैं" जनाब कॉफी पीने का मूड है तो रोकू,"!! वह कहता है " मन तो जहर पीने का कर रहा है "!! सुमन एक कॉफी शॉप के सामने गाड़ी रोकती है और कहती है" , में आपको कॉफी पीला सकती हूं ,जहर तुम घर जाकर पी लेना"!! अर्पित उसकी तरफ देखने लगता है और सोचता है ,ये कितनी बेबाक लड़की है, जो बोलना है मुंह पर बोल देती है, दिखने में तो नंदिता से अधिक सुंदर भी है, स्मार्ट भी है, और मेरे पीछे पड़ी रहती हैं,और एक में हूं जो उसके यानी नंदिता के पीछे पागल हूं, और वह मुझे ही छोड़ कर भाग गई, पर वह भी तो मुझे दिलो जान से चाहती थी , कहीं कुछ तो गड़बड़ है , मुझे उस से एक बार मिलना पड़ेगा, सुमन उसको आवाज देती है ," अरे वो मजनू मिया, ऐसे ही ख्यालों में खोए रहोगे या कॉफी भी पिओगे,"!! उसकी तंद्रा टूटती है और वह उसे देख कहता है ," ब्लैक कॉफी, "!! सुमन मन में कहती हैं " ब्लैक कॉफी ,तभी तो उस काली के पीछे पागल है,"!! नंदिता हल्की सी सावली थी ,पर दिखने में सुंदर थी, सुमन कॉफी का ऑर्डर करती है, दोनो टेबल पर बैठते हैं, अर्पित सोचता है कि उसका एड्रेस भी नही पता है , एड्रेस तो वह डिपार्टमेंट से निकाल लेगा पर वह वहा गया और उसने मना कर दिया तो, और वह इतनी भी डरपोक नही है , उसने तो मेरे सामने ही अपने भाई और मंगेतर की फजीहत कर दी थी, हो सकता है उसका माइंड चेंज हो गया हो, मुझे उसके कॉल का वेट करना चाहिए ,तभी वेटर कॉफी लाकर रखता है तो सुमन कहती हैं," हैलो मिस्टर अर्पित इतनी सुंदर लड़की सामने बैठी है और तुम पता नही किस दुनिया में खोए हो, में अच्छी नही दिखती हूं क्या"" ?? वह हड़बड़ा कर कहता है " अरे नही नही ऐसी बात नहीं है, में कुछ टेंशन में हुं ,"!! सुमन मुस्कराकर कहती हैं ," इतने टेंशन में हो की जहर खाने के बारे में सोच लिया ,जरूर प्यार व्यार का चक्कर है, वैसे मैं भी तुम्हे बहुत चाहती हूं, इसका गलत मतलब मत निकाल लेना, और हां अगर कभी दिल से किसी और लड़की के बारे में सोचना तो पहले मेरे बारे में सोचना ,में तुम्हारा फुल लाइफ वेट करूंगी, "!! अर्पित भौचक्का सा उसको देखता रह जाता है, इतनी धृढ़ता से अपनी बात रखने वाली लड़की उसने पहली बार देखी है, इसके मन में जो भी है बोल डालती हैं, सामने वाला क्या सोचेगा या कैसे रिएक्ट करेगा इसका इसे जरा भी परवाह नहीं है, सुमन कहती हैं " यार तुम फिर सोचने लग गए देखो अपनी ये सोच की दुकान घर जाकर लगा लेना, आराम से सोचना चाय नाश्ता खाना मैं पहुंचा दूंगी, अभी कॉफी पियो, ब्लैक वाली""!! अर्पित कॉफी उठाकर पीते हुए उसे देखता है , एकदम बिंदास लड़की है ,चेहरे पर मासूमियत भी है , थोड़ा रूड दिखती है पर कुटिलता नही है, जैसी अंदर ही वैसे ही बाहर भी है अर्पित ने उसके बारे में काफी कुछ अंदाजा लगा लिया था ,वैसे आज सुबह से उसके साथ ही था सिर्फ दो घंटे नंदिता के चक्कर में बर्बाद हुए थे, "!! कॉफी खतम होता है ,वेटर बिल लाकर देता है तो अर्पित झपट कर ले लेता है ,वह कभी लड़कियों के पैसे कि कुछ खाता पीता नही है,सुमन बिल मांगते है तो वह कहता है," तुम मुझसे प्यार करती हो ,तो इतना फर्ज तो मेरा भी बनता है को कॉफी का बिल पे कर दु अपने चाहने वाले का,"!! वह मुस्कराकर कहती है ," हमेशा के लिए बिल भरने के लिए तैयार हो जाओ, "!! अर्पित कहता है " अगर मैं दूसरे किसी लड़की को चाहूंगा तो वो सिर्फ तुम होगी और मैं चाहूंगा नही डायरेक्ट तुम्हारे घर हाथ मांगने आऊंगा, पर अभी तो मैं इंगेज्ड हुं, "!!! सुमन कहती है " भगवान जल्दी से इसका चक्कर कैंसिल कर दो और मुझ से फिट करवा दो, "!! अर्पित के चेहरे पर उसके भोलेपन को देख हसी आ जाती है, दोनो उठते हैं, अर्पित कहता है " स्कूटी मैं चलाऊंगा ,आज मुझे घूमना है ,तुम्हारे पास टाइम है"!! , वह कहती हैं " तुम्हारे लिए तो हर वक्त समय ही समय है, पूरा दिन पूरी रात तुम्हारे साथ घूम सकती हूं ,सिर्फ घूम सकती हूं, चलो कहां चलना है,"!! वह चाभी देती है, अर्पित स्कूटी स्टार्ट करता है और एक पेट्रोल पंप पर आता है और टांकी फुल करने को कहता है, सुमन मन ही मन बहुत खुश है, वह अब तक कई सेल्फी फेसबुक पर अपलोड कर चुकी थी, "!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए"!!!