भाग 10
सुमन मिताली के साथ है , मिताली कहती हैं, " यार तु तो उसे मरवा देगी ,उसका बाप
क्राईम ऑफिसर है , किसी को भी बोलेगा तो ,उसका गेम हों जायेगा, सुमन कहती है, " अबे उसके पहले मैं उस क्राइम ऑफिसर कि बैंड बजवा दूंगी , कमिश्नर हमारे अंकल लगते हैं , मैं आज ही उनके घर जाकर इसकी शिकायत करती हूं, "!! मिताली कहती हैं " यार तूने तो कभी बताया नही ,के कमिश्नर तेरे रिलेटिव है, "!!! सुमन कहती है " वो मेरे सगे फूफा जी हैं ,मेरे पापा की सगी बहन है उनकी पत्नी, पर बुआ ने लव मैरेज किया था , तो दादा जी ने कसम दे दिया था कि अगर उनसे किसी ने भी रिश्ता रखा तो उसे घर से बाहर निकाल दिया जायेगा, जब बुआ से शादी किया था , तब फूफा जी ने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट किया था, और वह हमारे बिरादरी के भी नही थे , पापा बुआ जी को बहुत चाहते थे और उनके चले जाने से उन्हे बहुत दुख हुआ ,इसीलिए तो उन्होंने मुझे फ्री कर रखा है , में सोच रही हुं ,रिश्ते को दुबारा जोड़ने कि शुरुवात में ही कर दूं , बुआ जी को तो पता ही नही है कि हम यहां हैं, "!!! मिताली कहती है " तुझे कैसे पता चला कि तेरी बुआ यहां है,"!! वह बोली ," आज ही पापा ने बताया कि ये नए कमिश्नर मेरे जीजा है, और आज मैं बुआ जी को सरप्राईज विजिट दूंगी, ""!
सुमन मिताली के साथ कमिश्नर हाउस जाती है , बाहर गेट पर पुलिस वाले उसे अंदर जाने से रोकते हैं तो वह कहती हैं की उसे मोहिनी जी से मिलना है ,"!! पहले तो पुलिस वाले नही समझते हैं कि मोहिनी कौन है , तो वह बताती है की आपके साहब की वाइफ वह हमारी बुआ जी हैं , पुलिस वाले अंदर मैडम से बात करते हैं और बताते हैं कि दो लड़कियां आई हैं ,उसमे से एक आपको बुआ जी कह रही है , तो मैडम सोच में पड़ जाती हैं, वैसे मोहिनी ने कुछ 15 साल पहले अपने भाई भाभी और सुमन का फोटो तो देखा था ,पर ये लोग कानपुर से यहां कब आए, वह सोचती है फिर कहती हैं " ठीक है ,उन्हे ले आओ देखती हूं कौन है, "!! पुलिस गार्ड उन्हे साथ लेकर बंगलो में ले जाता है , तभी सामने से मोहिनी आती है ,वह भी सुमन की तरह ही रौबदार और सुंदर महिला हैं ,सुमन तो देखते ही समझ गई कि यही बुआ हैं तो वह उनके पैर छूती है और उन्हे देखने लगती है, मोहिनी उसे ध्यान से देखती है और खुशी के मारे उसे गले लगा कर रोने लगती है,क्योंकि शादी के बाद जब से पिताजी ने उसे घर निकाला का आदेश दिया था उसके बाद आज पहली बार कोई मिलने आया था और वह भी भतीजी जिसे उन्होंने कभी देखा ही नहीं था, पुलिस गार्ड भी चौक जाता है , क्योंकि इस तरह के रिलेशन की उम्मीद उसे भी नही थी, मोहिनी उसे चूमती है और फिर मिताली की तरफ़ देखती है तो सुमन कहती है, ये मेरी खास फ्रेंड है ,मिताली भी बुआ के पैर छूती है, बुआ दोनो को लेकर अंदर जाती है और रसोइए को नाश्ता चाय लाने के लिए कहती है, सुमन को लगता है ,इतनी अच्छे रिलेशन को क्यों इतना दूर रखा गया, उसे अपने पापा और मम्मी पर भी गुस्सा आता है की उन लोगों को तो दादा के जाने के बाद तो बुआ से मिलना था, पर हो सकता है कि कोई ना कोई वजह होगी , तभी मोहनी पूछती है ," संजय कैसा है तुम लोग , यहां कहां रहते हो और तुम्हे कैसे पता चला कि हम यहां हैं, "!!? सुमन बताती है कि " आज ही पापा आपकी बात कर रहे थे और उन्होंने ही मां से आपके बारे में बताया था तभी मुझे पता चला तो मैं उन लोगों से बिना बताए आपसे मिलने चली आई, पापा तो आज घर पर ही हैं, "!! उनमें घर के बारे में बहुत सारी बातें होती है ,चाय नाश्ता भी हो जाता है, सुमन कहती हैं ," बुआ आप घर चलिए ना ,आप तो बड़ी हैं , अब तो दादा भी नही रहे भूल जाइए पुरानी यादों को,"!! मोहिनी कहती है ," बेटी मैं तो हमेशा सबको मिस करती हूं ,पर किसी का पता भी नहीं था , कानपुर एक बार किसी को भेजा था जब ये पहली बार ऑफिसर बने थे , तब पता चला था कि बाबूजी नही रहे और संजय कानपुर छोड़ दिया है कहा गया किसी ने नहीं बताया,"!! सुमन कहती है ," पापा तो दिन में एक बार आपके बारे में बात जरूर करते हैं, मोहिनी कहती चल अभी चल कर उस नालायक का दिमाग ठिकाने लगाते हैं , वह हरिमोहन को कॉल कर कहती हैं की वह ऑफिस से सीधे ek एड्रेस भेज रहे हैं उस जगह डायरेक्ट आ जाइए, तो वह पूछते हैं ये किसका एड्रेस है, तो वह कहती है " आप आइए ये आपके डिपार्टमेंट का नही मेरा पर्सनल काम है, "! वह फोन रखती है,""!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए,,,