भाग 6
वह तीनों अपनी गाड़ी में बैठकर जाने लगते हैं , लोग भी तमाशा देखने लगते हैं, सुमन उन लोगो को चिल्लाती है" अगर दुबारा यहां दिखाई दिए तो सही सलामत नही रहोगे, वह लोग जाते हैं,सुमन घूम कर अर्पित को देखती है फिर मिताली के पास आकर कहती है," चल री ,यहां सब अहसान फरामोश हैं ,चल चले घर में,"!! वह बिना रुके फटाफट जाती है, ! अर्पित भौचक्का सा उसे देखता रह जाता है, इतनी हिम्मत तो उसमे भी नही था , वह तो अंदर ही अंदर डर गया था , पर सुमन की हिम्मत और तेज़ी देख तो वह देखता ही रह गया ,वह समझ नही पा रहा था की वह उसे थैंक्यू बोले या क्या कहें ,तब तक तो उसे अहसान फरामोश बना कर चली गई, वह उसके घर की तरफ देखता है, फिर घड़ी देखता है , तो हड़बड़ा उठता है उसे बहुत देर हो गई थी, वह कमरे की तरफ जल्दी से जाता है और फटाफट तैयार होने लगता है, !
सुमन और मिताली कमरे में जाते हैं , उसकी मां पूछती हैं "किस से लड़ रही थी, तुझे कितनी बार समझाया है की तु लड़की है ,हमारी मत मारी गई थी जो तुझे लडको की तरह पाला , अब गुंडी बनाने का इरादा है क्या, आने दे तेरे बाप को कल से ही तेरे लिए लड़का ढूढना शुरू करना होगा, "!! सुमन कहती है" टेंशन मत लो मैं ख़ुद ढूंढ लुंगी , वैसे ढुंढ भी लिया है लाखो में एक है खाली उसके हां बोलने कि देरी है, "!! उसकी मां अपने सर पर हाथ मारकर कहती है, " हे भगवान , ( मिताली से ) तु भी ऐसे करती है , देख इसको कितना सर चढ़ी हुई है, "!! सुमन कहती है " छोड़ ना मम्मी चल एक अच्छी सी चाय पिला दे प्लीज ,!! मां मुंह बनाती जाती है, सुमन मिताली को देखती है,मिताली कहती है," आज तो तूने धमाल कर दिया ,आज तेरा गुस्सा सही समय पर निकला , उस बेचारे की बोलती बंद हो गई, ( सोच कर ) यार इसका। उल्टा रिएक्शन भी हो सकता है,कहीं वह तुझे झगड़ालू ना समझ ले, "!! सुमन भी चौक उठती है और कहती है " हां यार ये तो हो सकता है पर मैं लड़ी तो उसी के लिए, अब जो सोचना है सोचे पर वो हसबैंड मेरा ही बनेगा , वरना उसकी बैंड बजा दूंगी, !!
अर्पित बाहर आकर रिक्शे का वेट कर रहा था , और फिर उसकी नजर फिर से सुमन के घर की तरफ जाती है, आज पहली बार वह उसके घर की तरफ देखा था क्योंकि उसे इस बात का अहसास हो गया था कि वह उस पर नजर रखती है,तभी तो उनके आने पर तुरन्त नीचे आ गई थी, जो भी हो उस समय तो उसी ने बचाया था, उसे थोड़ा गुस्सा नंदिनी पर आता है , पिछले 6 महीने से दोनों डेट कर रहे हैं पर उसने कभी यह नहीं बताया कि उसकी सगाई हो चुकी है ,जबकि उसने कभी कुछ उस से नही छुपाया था, फिर सोचता है कि कहीं मैं रिलेशन ना तोड़ लूं इस डर से भी नही बताया हो, तभी ऑटो रिक्शा आता है वह बैठकर एक बार फिर से सुमन के घर कि तरफ़ देखा, !!
सुमन और मिताली स्कूटी पर निकलते हैं ,मिताली पूछती है " कहां जा रहे हैं, "?
वह कहती है " जहन्नुम में , चुप चाप बैठी रह ,"! थोड़ी देर में वह नंदिता के घर के पास कॉर्नर पर खड़ी होती है,मिताली कहती है " यार तुझे फिर से पंगा करना है तो मुझे घर छोड़ कर आ , तेरे प्यार के चक्कर में मैं अपना कचुंबर नही बनाने देगी, "!! सुमन कहती हैं , " कितनी डरपोक है तु ,में पंगे नही ले रही हूं , में तो सिर्फ उसकी पूरी इंक्वायरी निकालनी चाहती हूं, उसका मामला कुछ तो गड़बड़ है, बस वह पता चल जाए ,फिर वह अर्पित के दिल से हमेशा के लिए बाहर और मैं परमानेंट इंटर कर जाऊंगी, !! नंदिता थोड़ी देर में अपने घर से निकलती है ,और वह दूसरी तरफ जाती है , उसी समय उसके पीछे उसका भाई और वह लड़का भी जाता है , जिसे सुमन ने भगाया था , मिताली कहती है " अब तेरा मामला क्लियर हो सकता है , क्योंकि जब होने वाला पति और भाई पीछे लगे हैं तो उसका अर्पित से मिलना जुलना धीरे धीरे खतम हो जायेगा, "! सुमन कहती है " चल हम भी पीछे जायेंगे ,देखते हैं क्या क्या होगा," ? वह गाड़ी स्टार्ट कर के जाती है, वह उसके भाई से थोड़ा पीछे चल रही थी, थोड़ी दूर जाने पर नंदिता अचानक अपनी स्कूटी रोकती है और ,उतरकर पीछे मुड़कर देखती है , तो उसका भाई सुरेश और और उसका होने वाला पति ललित रुकते रुकते भी उसके पास आ जाते हैं , नंदिता उन्हे गुस्से से देख भड़क कर कहती है," क्या हुआ ,मेरा पीछा किया जा रहा है , ( सुरेश को देख ) और तु आजकल इसका चमचा बना है,,! सुमन थोड़ी दूर स्कूटी रोकती है ,"!!
आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए"'!