विटामिन-बी12 हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है। यह हमारे शरीर में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी के कारण हमारे शरीर में कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने शरीर में इसकी कमी न होने दें। शरीर में नजर आने वाले कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर आप इसकी कमी का पता लगा सकते हैं। जानें क्या है विटामिन-बी12 की कमी के लक्षण।

इन लक्षणों से पहचान करें विटामिन-बी12 की कमी
विटामिन-बी12 की कमी तब होती है, जब आप अपने भोजन में विटामिन-बी12 से भरपूर फूड आइटम्स को शामिल नहीं करते या आपकी बॉडी इसे अब्जार्ब नहीं करती। शरीर में इसकी कमी के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें अनदेखा करने पर आगे चलकर वे भयानक बीमारियों का रूप ले सकते हैं। इसकी कमी के कारण कई शारीरिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। यह आपके शरीर में रेड ब्लड सेल और डीएनए बनाने में मदद करता है।
हमारा शरीर खुद से विटामिन-बी12 नहीं बनाता इसलिए इसकी कमी खाने के जरिए पूरी की जाती है। यह जानवरों से मिलने वाले फूड आइटम्स जैसे दूध, मीट आदि में पाया जाता है। विटामिन-बी12 से भरपूर खाना नहीं खाने से इसकी कमी हो सकती है। आइए जानते हैं, विटामिन-बी12 की कमी होने के क्या लक्षण हो सकते हैं।
थकावट
विटामिन-बी12 की कमी के कारण थकावट होना सबसे लक्षण है। यह खून बनाने में मदद करता है। इसकी कमी होने के कारण खून बनना कम हो जाता है, जिसके कारण शरीर में कमजोरी और थकावट महसूस होती है। इससे एनीमिया होने की संभावना भी रहती है।
त्वचा का फीका रंग
विटामिन-बी12 की कमी से रेड ब्लड सेल बनने कम हो जाते हैं। इससे एनीमिया हो जाता है और त्वचा का रंग फीका सा नजर आने लगता है। इसकी कमी के कारण त्वचा का रंग पीला भी नजर आने लगता है।
जीभ में सूजन
विटामिन-बी12 की कमी के कारण जीभ में सूजन भी आ सकती है। इस कंडीशन को ग्लोसाइटिस कहते हैं। इसमें जीभ का रंग भी असामान्य लाल हो जाता है। इस बीमारी में मुंह में छाले भी हो सकते हैं।
चलने में तकलीफ
विटामिन-बी12 की कमी के कारण चलने फिरने में दिक्कत हो सकती है। इसकी कमी के कारण नर्वस डैमेज हो सकती है। यह न्यूरोट्रांसमिटर बनाने में अहम भूमिका निभाता है, इसकी कमी के कारण इन पर प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से पैरों में झनझनाहट महसूस होने लगती है। इस वजह से चलने में तकलीफ होती है।
याददाश्त कमजोर होना
विटामिन-बी12 का सीधा संबंध दिमाग से होता है। इसकी कमी के कारण सोचने और डिसीजन मेकिंग में परेशानी होती है। इसके कारण याद्दाश्त कमजोर होना और कंफ्यूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।