लोग मुझसे जल्दी खफा हो जाते हैं क्योंकि मुझे बहाने बनाने नहीं आते हैं घुमा फिरा कर कहने की आदत नहीं सत्य कहने सुनने से सब घबराते हैं दर्द के सागर में उन्हें भी डूबे हुए देखा&nb
दिनाँक : 05.04.2022समय :रात 10:15 बजेप्रिय डायरी जी,'आजकल सभी नशे में हैं।" यह कहावत उत्तर प्रान्तों में बहुत प्रचलित है जिसका मतलब है "अपनी ईगो या शान में रहना"।लेकिन वास्तव में सभी लोग नशे में
दिनाँक : 05.04.2022समय :रात 10:15 बजेप्रिय डायरी जी,'आजकल सभी नशे में हैं।" यह कहावत उत्तर प्रान्तों में बहुत प्रचलित है जिसका मतलब है "अपनी ईगो या शान में रहना"।लेकिन वास्तव में सभी लोग नशे में
यह मेरी आदतें हमने जन्म से ना पाई है यह सीखी नहीं परिस्थितियों ने सिखाई हैं एक दिन गए बिजली विभाग के दफ्तर में, चार बाबू चाय की चुस्ती में मस्त थे, हमारी कौन सुने वो तो अपने में ही व्यस्त थे लाइन जित
आज सुबह सुबह "लेखन मंच" की सैर के लिए जा रहा था । पिछले दो वर्षों से जबसे पहली बार लॉकडाउन लगा था तबसे लेखन मंच की ही सैर कर रहा हूं । लॉकडाउन के कारण सब कुछ बंद था । बस लेखन मंच, संगीतमंच, मनोरंजन मं
खेल समय का कैसा हैक्या मन की खींचा तानी हैएक पल में बचपन बीता,दो पल रही जवानी हैदोनों हाथों भर भर पूरा,आस का थैला खाली हैदुख की बरफ पिघलती धीरे,सुख सर सर बहता पानी हैआंसू , प्यार, हसीं, दुत्कारजीवन बा
बड़ा गजब का मेला लग रहा है आज । लेखन मंच ने सब लेखक लेखिकाओं को "श्रंगार" करके आने के लिए कहा है । लेखकगण को तो क्या श्रंगार करना था ? उनके पास है ही क्या जो उसका श्रंगार करें ? ले दे कर दो चार बाल बचे
ऐसी मधुर मधुर धुनछेड़ रहें हैं जमुना तट पर गिरधारी झूमे गोकुल नगरी सारीकान्हा ऐसी तान सुनाये सुध बुध सबकी हरता जाये झनक रही राधा की पायल पिया मिलन की प्यास जगाये ऐसी मधुर
बसा ले मुझे अपनी अलकों मेंतो मैं "अलका" बन जाऊँगालगा ले अपने ललाट परमैं "बिंदिया" बन जाऊँगाबसा ले मुझको नैनों मेंमैं "काजल" नाम धराऊँगामुझे पहनोगे कानों मेंमैं "श्रुति" बन जाऊँगामुझे लगा ले अधरों सेतो
🌹😜🤣😂🧐🤗पत्नी ने पति से पूछा *"सारे पति अपनी खुद की पत्नी को छोड़कर दूसरों की पत्नियों को क्यूं देखते हैं*" ??😌पति ने वाजिब जवाब दिया *"आदमी हमेशा दूसरों की गलती देखता है,,अपनी नहीं *"!!😜�
ऐसे है मेरे राम ह्रदय कमल नयन कमल सुमुख कमल चरण कमल कमल की कुंज तेज कुंज &n
सलोनी की कहानी सुनने के बाद शालू सकते में आ गई । कोई आदमी इतना नृशंस, हैवान भी हो सकता है, उसने सोचा नहीं था । शालू का डर अब और बढ़ गया था । उसने तय कर लिया कि अब वह दिव्या को लेने के लिए उसके घर नहीं
आजादी के इतने सालों बाद हमें कुछ मिला हो या न मिला हो पर एक चीज है जिस पर हर भारतीय अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता है... वो है सड़क। सरकार भले ही कहती रहे 'सड़क किसी के बाप की नहीं है।' पर हम लोग सड़क को अप
3 अप्रैल 2022 रविवार समय 11:35 मेरी प्यारी सखी, तुम तो जानती ही हो जब हम बच्चे थे, हम पर मार भी पड़ती थी और डांट भी हम लोग खाते थे। पर जब स
पता-ही-नहीं-चलाअरे यारों कब तीस चालीस 50 के हो गये पता ही नहीं चला। कैसे कटा 21 से 31,41, 51 तक का सफ़र&nb
प्रथम महीना चैत से गिन।राम जनम का जिसमें दिन।। द्वितीय माह आया वैशाख।वैसाखी पंचनद की साख।। ज्येष्ठ मास को जान तीसरा।अब तो जाड़ा सबको बिसरा।। चौथा मास आया आषाढ़नदियों में आती है बाढ़।।&n
संसद से लेकर विधान सभाओं में शोर सडक़ जाम कर बैठे अराजकों का शोर हारने वालों का ईवीएम हैकिंग का शोर रैल , सभा , प्रदर्शनों में नेताओं का शोर कार, बस, ट्रक से निकलने वाला शोर रेल
मेरी ही खता मानी मैंने,दोष तुम्हारा कहां कुछ कहा।हर बार ऐसा हो जरूरी तो नहीं, लहरें सदा सीधी ही बहती कहां।।
आज सुबह जैसे ही हम जगे , सामने श्रीमती जी चमकते चेहरे पर चार इंची मुस्कान लिये खड़ी थीं । सुबह सुबह से ऐसा चमकता चेहरा मुस्कान के साथ नजर आ जाये तो समझो दिन बन जाता है । हमने कहा "बड़ी खूबसूरत लग रही हो
दोस्त का कॉल आया सुन प्राइवेट बैंक में केशियर का पद खाली है ,करेगा क्या ? मस्त सैलरी है। मैंने कहा तेरी दाढ़ी में सफेद बाल आ गए हैं ना ? उसने कहा क्या ? मैंने कहा तू सुबह 8:30 -9 बजे जाता ह