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-व्यंग

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किसी के आसेब ने इस क़दर कब्जा कर लिया,जैसे बाज़ ने उड़ते परिंदे पर कब्जा कर लिया।हवा में ज़हर ही ज़हर फिका रहा फजा का रंग,ये किस ने आब-ओ-हवा पर क़ब्जा कर लिया।अंधेरों की ख़ुश-मिजाज को कैसी आदत लगी,उजा

प्रत्येक गांव की ग्राम सभा को ई ग्राम सभा के माध्यम से करवाना जरूरी हो जिसमे ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों की भागीदारी व ग्राम पंचायत के सभी सदस्यों की उपस्थिति जरुरी हो। जिसकी शुरुवात वर्तमान सरकार ने क

फूल मुरझाये है एक सहारा चाहिए।बाग के माली की निगरानी चाहिए।भंवरे बहुत है खिलते फूलों पर मंडराने के लिए।तोड़ने वाले हैं बहुत माला बनाने और चढ़ाने के लिए।लेकिन कोई नहीं मुरझाते पेड़ों पर जल पिलाने के लि

उन्हें होली में भी लिहाज की दरकार थी........... लाल कर दिए गए😊

प्रेम के इस अनूठे सनातनी त्योहार पर उनको भी हार्दिक शुभकामनाएं जिनका प्रेम से सदैव तनातनी या छत्तीस का आंकड़ा रहता है💐💐💐

प्रेम के इस अनूठे सनातनी त्योहार पर उनको भी हार्दिक शुभकामनाएं जिनका प्रेम से सदैव तनातनी या छत्तीस का आंकड़ा रहता है💐💐💐

घर के न घाट के                                                    &nbs

होली से पहले हमारे यहाँ होली मिलन समारोह था। मैने अपनी कुछ सहेलियों को बुलाया और चाय नाश्ते के प्रोग्राम रखा। सबने भाँग की चाय पी फिर चाय नाश्ता करने के बाद गपशप चली। फिर सखियां बन्दर के ऊपर रंग

द्वापर युग में एकलव्य अपनी धनुर्विद्या का अभ्यास कर रहे थे। तब उन्होंने एक कुक्कर (कुत्ते) का मुँह तीरों से भर दिया। वह कुक्कर भगवान श्री कृष्ण के पास गया और बोला कि भगवन मैं तो एक श्वान हूँ और मेरा क

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तू तू मैं मैं बंद भइल अब बंद भइल रउबार । बुलडोजर के देख पसीना फेंकें जीजा सार । जोगीरा सा रा रा रा रा ।। तीन तलाक अउ 370 भागल सरहद पार । कांग्रेस के कीड़ा मरलस कीटनाशक सरकार । जोगीरा सा रा रा रा रा

अंधेरी रातों के पीछे,कुछ पल बाद उजाले।ऐसे ही बदला करते हैं,हाल पूछने वाले।।शुभचिंतक कहलाते हैं,और शुभ से चिंतित होते।शुभ को अशुभ बनाते हैं वे,हाल पूछने वाले।।हर पर हर क्षण साथ रहें,पर साथ नहीं रहते है

खचेडू अपने दोस्तों के साथ पेड़ के नीचे बैठा था। उनमें बातें चल रही थीं।खचेडू- भारत में 6 प्रकार के डॉक्टर पाए जाते हैं।1) पड़ोसी : जो बुखार आने पर क्रोसिन खाने की सलाह देते हैं।2) पसारी : जो 1 या 2 रुपय

भैया छोटू चले शहर रहने नए किराए घरवहाँ करेंगे खूब पढ़ाई गांव से होगी शहर चढ़ाईभैया अब ना घर आएंगे वहीं बनाएंगे खाएंगे मम्मी का है गजब तमाशा सुबह शाम बस आशा झांसाचावल दाल वही तरकारी छोड़ेंगे शाला स

हर कोई कुछ न कुछ करना चाहता है पर किसी को करते नही देखना चाहता,खुद को भी नही।हर व्यक्ति को सफाई पसंद है पर करना किसी को नहीं।आज मेरा दिन कुछ ऐसा ही रहा, मेरे मित्र को मदद की इतनी जरूरत थी जैसे बेहोश प

"शादी क्या हुई , आफत मोल ले ली" हंसमुख लाल जी बड़बड़ाते चले जा रहे थे । वैसे एक राज की बात बताऊं आपको कि ऑफिस में जिनकी बात ना तो बॉस सुनता है और ना ही मातहत । यहां तक कि चपरासी भी पानी पिलाने से इंकार

होली का मौसम आते ही होली मिलन के कार्यक्रम भी शुरू हो जाते हैं। ये समारोह होली से एक महीने पहले शुरू होते हैं और होली के एक महीने बाद तक चलते रहते हैं। ब्रज में होली एक महीने की होती हैं पर ये होली मि

 खेल   रहे हैं उन्मुक्त और मगन      गरीबो के बच्चे                               

आशा पर कवितानिराशा के दीप बुझाकरआशाओं के दीप जलायेंदसों दिशा में फैले तम को मिलकर कोसो दूर भागायें,स्नेहरूपी दीप जलाकरजीवन मे उजियारा लायेंनिराशा के दीप बुझाकरआशाओं के दीप जलायें।मिटाकर मन के अंधकार क

 आप क्या हंै? कितनेगुणी महान और प्रतापी हंै ? ये आप जानते हैं, मगर दूसरे लोग नहीं जानते ।यही हमारेसमय की सबसे बड़ी समस्या है।फिर गाहे-बगाहे हमें स्वयं आगे बढ़कर अपने ही श्रीमुख सेया अन्य किसी माध्यम से

कैसी लगी है लोगों को आजकल भूख  ,नहीं दिखाई देता अपने अपनों का मुख ,मुँह पर करते तारीफें पीठ पिछे देते चोट ,पहने सभी ने यहाँ शराफतों के हँसी कोट ।।खुर्ची के लिए खिंचते अपनों को ही नीचे ,कहाँ प्यार

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