यदि चाहो कल्याण विश्व का,
योग करो सब योग करो|
यदि चाहो नित खुशियाँ पाना||
योग करो भई योग करो||
योग ही सत है , योग ही ऋत है, योग ही रस, अमृत, मधु, घृत है |
योग प्रेम है, योग क्षेम है, योग ही संबल प्रभु श्रुति पथ है॥
यदि चाहो तन स्वस्थ बनाना||
योग करो……..
योग है ऊर्जा, योग स्फूर्ति, योग ही मोद, प्रमोद, विनोद है |
योग ही धर्म है ,योग ही मर्म है, योग ही तप, स्वाध्याय, सुकर्म है |
यदि चाहो मन स्वस्थ बनाना||
योग करो……..
योग दे सम्मति ,योग दे सम्पति, योग ही दूर करे दुःख दुर्मति |
योग है शिक्षा, योग है दीक्षा, योग है दर्शन कला पद्धति।
यदि चाहो सुख – वैभव पाना ||
योग करो……..
पतंजलि ने योग दिया था, श्रीकृष्ण ने योग किया था|
योगी बनकर ऋषि मुनियों ने, ईश्वर का साक्षात् किया था|
यदि चाहो प्रभु दर्शन पाना||
योग करो……..
जो करते हैं योग नित्य प्रति, खुशियों से भर जाते हैं |
छोड़ पाप, दुर्व्यसन व दुर्गुण ,जीवन विमल बनाते हैं |
यदि चाहो मोक्षानंद पाना||
योग करो……..
योग दिवस की शुभ कामनाएँ, योग दिवस की लाख बधाई|
संकल्पित हों योग दिवस पर, नित प्रति योग करेंगे भाई|
यदि चाहो जग आर्य बनाना ||
21 जून को सफल बनाना||
योग करो……..