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प्राचीन काल मे भारत में सुदृढ़ लोकतान्त्रिक व्यवस्था

20 जून 2016

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yksdतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन",) या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किंतु लोकतंत्र का सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। सामांयतः लोकतंत्र विभिन्न सिद्धांतों के मिश्रण से बनते हैं, पर मतदान को लोकतंत्र के अधिकांश प्रकारों का चरित्रगत लक्षण माना जाता है।

प्राचीन काल मे भारत में सुदृढ़ व्यवस्था विद्यमान थी। इसके साक्ष्य हमें प्राचीन साहित्य, सिक्कों और अभिलेखों से प्राप्त होते हैं। विदेशी यात्रियों एवं विद्वानों के वर्णन में भी इस बात के प्रमाण हैं।

प्राचीन गणतांत्रिक व्यवस्था में आजकल की तरह ही शासक एवं शासन के अन्य पदाधिकारियों के लिए निर्वाचन प्रणाली थी। योग्यता एवं गुणों के आधार पर इनके चुनाव की प्रक्रिया आज के दौर से थोड़ी भिन्न जरूर थी। सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार नहीं था ऋग्वेद तथा कौटिल्य साहित्य ने चुनाव पद्धति की पुष्टि की है परंतु उन्होंने वोट देने के अधिकार पर रोशनी नहीं डाली है।

वर्तमान संसद की तरह ही प्राचीन समय में परिषदों का निर्माण किया गया था। जो वर्तमान संसदीय प्रणाली से मिलता-जुलता था। गणराज्य या संघ की नीतियों का संचालन इन्हीं परिषदों द्वारा होता था। इसके सदस्यों की संख्या विशाल थी। उस समय के सबसे प्रसिद्ध गणराज्य लिच्छवि की केंद्रीय परिषद में 7707 सदस्य थे। वहीं यौधेय की केन्द्रीय परिषद के 5000 सदस्य थे। वर्तमान संसदीय सत्र की तरह ही परिषदों के अधिवेशन नियमित रूप से होते थे।

किसी भी मुद्दे पर निर्णय होने से पूर्व सदस्यों के बीच में इस पर खुलकर चर्चा होती थी। सही-गलत के आकलन के लिए पक्ष-विपक्ष पर जोरदार बहस होती थी। उसके बाद ही सर्वसम्मति से निर्णय का प्रतिपादन किया जाता था। सबकी सहमति होने पर बहुमत प्रक्रिया अपनायी जाती थी। कई जगह तो सर्वसम्मति होना अनिवार्य होता था। बहुमत से लिये गये निर्णय कोभूयिसिक्किमकहा जाता था। इसके लिए वोटिंग का सहारा लेना पड़ता था। तत्कालीन समय में वोट कोछन्दकहा जाता था। निर्वाचन आयुक्त की भांति इस चुनाव की देख रेख करने वाला भी एक अधिकारी होता था जिसे शलाकाग्राहक कहते थे। वोट देने के लिए तीन प्रणालियां थीं।

(1) गूढ़क (गुप्त रूप से) अर्थात अपना मत किसी पत्र पर लिखकर जिसमें वोट देने वाले व्यक्ति का नाम नहीं आता था।

(2) विवृतक (प्रकट रूप से) इस प्रक्रिया में व्यक्ति संबंधित विषय के प्रति अपने विचार सबके सामने प्रकट करता था। अर्थात खुले आम घोषणा।

(3) संकर्णजल्पक (शलाकाग्राहक के कान में चुपके से कहना) - सदस्य इन तीनों में से कोई भी एक प्रक्रिया अपनाने के लिए स्वतंत्र थे। शलाकाग्राहक पूरी मुस्तैदी एवं ईमानदारी से इन वोटों का हिसाब करता था।

इस तरह हम पाते हैं कि प्राचीन काल से ही हमारे देश में गौरवशाली लोकतंत्रीय परम्परा थी। इसके अलावा सुव्यवस्थित शासन के संचालन हेतु अनेक मंत्रालयों का भी निर्माण किया गया था। उत्तम गुणों एवं योग्यता के आधार पर इन मंत्रालयों के अधिकारियों का चुनाव किया जाता था।

मंत्रालयों के प्रमुख विभाग थे-

(1) औद्योगिक तथा शिल्प संबंधी विभाग

(2) विदेश विभाग

(3) जनगणना

(4) क्रय विक्रय के नियमों का निर्धारण

मंत्रिमंडल का उल्लेख हमेंअर्थशास्त्र’ ‘मनुस्मृति’, ‘शुक्रनीति’, ‘महाभारत’, इत्यादि में प्राप्त होता है। यजुर्वेद और ब्राह्मण ग्रंथों में इन्हेंरत्निकहा गया। महाभारत के अनुसार मंत्रिमंडल में 6 सदस्य होते थे। मनु के अनुसार सदस्य संख्या 7-8 होती थी। शुक्र ने इसके लिए 10 की संख्या निर्धारित की थी।

इनके कार्य इस प्रकार थे:-

(1) पुरोहित- यह राजा का गुरु माना जाता था। राजनीति और धर्म दोनों में निपुण व्यक्ति को ही यह पद दिया जाता था।

(2) उपराज (राजप्रतिनिधि)- इसका कार्य राजा की अनुपस्थिति में शासन व्यवस्था का संचालन करना था।

(3) प्रधान- प्रधान अथवा प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य था। वह सभी विभागों की देखभाल करता था।

(4) सचिव- वर्तमान के रक्षा मंत्री की तरह ही इसका काम राज्य की सुरक्षा व्यवस्था संबंधी कार्यों को देखना था।

(5) सुमन्त्र- राज्य के आय-व्यय का हिसाब रखना इसका कार्य था। चाणक्य ने इसको समर्हत्ता कहा।

(6) अमात्य- अमात्य का कार्य संपूर्ण राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का नियमन करना था।

(7) दूत- वर्तमान काल की इंटेलीजेंसी की तरह दूत का कार्य गुप्तचर विभाग को संगठित करना था। यह राज्य का अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभाग माना जाता था।

इनके अलावा भी कई विभाग थे। इतना ही नहीं वर्तमान काल की तरह ही पंचायती व्यवस्था भी हमें अपने देश में देखने को मिलती है। शासन की मूल इकाई गांवों को ही माना गया था। प्रत्येक गांव में एक ग्राम-सभा होती थी। जो गांव की प्रशासन व्यवस्था, न्याय व्यवस्था से लेकर गांव के प्रत्येक कल्याणकारी काम को अंजाम देती थी। इनका कार्य गांव की प्रत्येक समस्या का निपटारा करना, आर्थिक उन्नति, रक्षा कार्य, समुन्नत शासन व्यवस्था की स्थापना कर एक आदर्श गांव तैयार करना था। ग्रामसभा के प्रमुख को ग्रामणी कहा जाता था।

सारा राज्य छोटी-छोटी शासन इकाइयों में बंटा था और प्रत्येक इकाई अपने में एक छोटे राज्य सी थी और स्थानिक शासन के निमित्त अपने में पूर्ण थी। समस्त राज्य की शासन सत्ता एक सभा के अधीन थी, जिसके सदस्य उन शासन-इकाइयों के प्रधान होते थे।

एक निश्चित काल के लिए सबका एक मुख्य अथवा अध्यक्ष निर्वाचित होता था। यदि सभा बड़ी होती तो उसके सदस्यों में से कुछ लोगों को मिलाकर एक कार्यकारी समिति निर्वाचित होती थी। यह शासन व्यवस्था एथेन्स में क्लाइस्थेनीज के संविधान से मिलती-जुलती थी। सभा में युवा एवं वृद्ध हर उम्र के लोग होते थे। उनकी बैठक एक भवन में होती थी, जो सभागार कहलाता था।

एक प्राचीन उल्लेख के अनुसार अपराधी पहले विचारार्थ विनिच्चयमहामात्र नामक अधिकारी के पास उपस्थित किया जाता था। निरपराध होने पर अभियुक्त को वह मुक्त कर सकता था पर दण्ड नहीं दे सकता था। उसे अपने से ऊंचे न्यायालय भेज देता था। इस तरह अभियुक्त को : उच्च न्यायालयों के सम्मुख उपस्थित होना पड़ता था। केवल राजा को दंड देने का अधिकार था। धर्मशास्त्र और पूर्व की नजीरों के आधार पर ही दण्ड होता था।

देश में कई गणराज्य विद्यमान थे। मौर्य साम्राज्य का उदय इन गणराज्यों के लिए विनाशकारी सिद्ध हुआ। परंतु मौर्य साम्राज्य के पतन के पश्चात कुछ नये लोकतांत्रिक राज्यों ने जन्म लिया। यथा यौधेय, मानव और आर्जुनीयन इत्यादि।

प्राचीन भारत के कुछ प्रमुख गणराज्यों का ब्योरा इस प्रकार है:-

शाक्य- शाक्य गणराज्य वर्तमान बस्ती और गोरखपुर जिला (उत्तर प्रदेश) के क्षेत्र में स्थित था। इस गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु थी। यह सात दीवारों से घिरा हुआ सुन्दर और सुरक्षित नगर था। इस संघ में अस्सी हजार कुल और पांच लाख जन थे। इनकी राजसभा, शाक्य परिषद के 500 सदस्य थे। ये सभा प्रशासन और न्याय दोनों कार्य करती थी। सभाभवन को सन्यागार कहते थे। यहां विशेषज्ञ एवं विशिष्ट जन विचार-विमर्श कर कोई निर्णय देते थे। शाक्य परिषद का अध्यक्ष राजा कहलाता था। भगवान बुद्ध के पिता शुद्धोदन शाक्य क्षत्रिय राजा थे। कौसल के राजा प्रसेनजित के पुत्र विडक्घभ ने इस गणराज्य पर आक्रमण कर इसे नष्ट कर दिया था।

लिच्छवि- लिच्छवि गणराज्य गंगा के उत्तर में (वर्तमान उत्तरी बिहार क्षेत्र) स्थित था। इसकी राजधानी का नाम वैशाली था। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बसाढ़ ग्राम में इसके अवशेष प्राप्त होते हैं। लिच्छवि क्षत्रिय वर्ण के थे। वर्द्धमान महावीर का जन्म इसी गणराज्य में हुआ था। इस गणराज्य का वर्णन जैन एवं बौद्ध ग्रंथों में प्रमुख रूप से मिलता है। वैशाली की राज्य परिषद में 7707 सदस्य होते थे। इसी से इसकी विशालता का अनुमान लगाया जा सकता है। शासन कार्य के लिए दो समितियां होती थीं। पहली नौ सदस्यों की समिति वैदेशिक सम्बन्धों की देखभाल करती थी। दूसरी आठ सदस्यों की समिति प्रशासन का संचालन करती थी। इसे इष्टकुल कहा जाता था। इस व्यवस्था में तीन प्रकार के विशेषज्ञ होते थे- विनिश्चय महामात्र, व्यावहारिक और सूत्राधार।

लिच्छवि गणराज्य तत्कालीन समय का बहुत शक्तिशाली राज्य था। बार-बार इस पर अनेक आक्रमण हुए। अन्तत: मगधराज अजातशत्रु ने इस पर आक्रमण करके इसे नष्ट कर दिया। परंतु चतुर्थ शताब्दी . में यह पुन: एक शक्तिशाली गणराज्य बन गया।

वज्जि- लिच्छवि, विदेह, कुण्डग्राम के ज्ञातृक गण तथा अन्य पांच छोटे गणराज्यों ने मिलकर जो संघ बनाया उसी को वज्जि संघ कहा जाता था। मगध के शासक निरन्तर इस पर आक्रमण करते रहे। अन्त में यह संघ मगध के अधीन हो गया।

अम्बष्ठ- पंजाब में स्थित इस गणराज्य ने सिकन्दर से युद्ध करके संधि कर ली थी।

अग्रेय- वर्तमान अग्रवाल जाति का विकास इसी गणराज्य से हुआ है। इस गणराज्य में सिकंदर की सेनाओं का डटकर मुकाबला किया। जब उन्हें लगा कि वे युद्ध में जीत हासिल नहीं कर पायेंगे तब उन्होंने स्वयं अपनी नगरी को जला लिया।

इनके अलावा अरिष्ट, औटुम्वर, कठ, कुणिन्द, क्षुद्रक, पातानप्रस्थ इत्यादि गणराज्यों का उल्लेख भी प्राचीन गंथों में मिलता है।

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संसारी

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यदि चाहो कल्याण विश्व का,योग करो सब योग करो|यदि चाहो नित खुशियाँ पाना||योग करो भई योग करो||योग ही सत है , योग ही ऋत है, योग ही रस, अमृत, मधु, घृत है |योग प्रेम है, योग क्षेम है, योग ही संबल प्रभु श्रुति पथ है॥यदि चाहो तन स्वस्थ बनाना||योग करो……..योग है ऊर्जा, योग स्फूर्ति, योग ही मोद, प्रमोद, विनोद

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यहां दोस्तों हमारे अंदर एक बहुत बुरी आदत है काम को टाल देने की। अपनी इसी आदत के कारण हम कभी.कभी अपने बनते हुए कामों को बिगाड़ बैठते हैंए जिससे हमारी बड़ी भारी हानि हो जाती है और कभी.कभी तो अपनी मंजिल पर पहुँचते.पहुँचते रह जाते हैं।जो काम हमें आज करने हैंए वह कल भी उतने ही महत्व के रहेंगेए यह नहीं कह

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हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम नित्य साधना में रत रहकर देते सबको ज्ञान हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम दिधिच सा है त्याग तुम्हारा गार्गी जैसा ज्ञान सुप्त ज्ञान के चच्क्षु खोलकर भर देते नवप्राण हे ---------  जीवन के तुम रंग बदल दो  जीवन के तुम ढंग  बदल दो जगा दो आशाओ के नित नए आयाम हे --------- ज्ञान और विज्ञानं सी

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रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती

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"सत्यार्थ प्रकाश" को पढकर बडे-बडे कट्टर लोग  बदल गये, आर्य (हिन्दू या सनातनी) हो गये !(१.) वर्तमान में महेन्द्रपाल आर्य जो कि अमृतसरमें फारसी भाषा के विद्वान मौलवी थे ! २००३ से जाकिर नाइक को चैलेन्ज कर रहे है मगर आज तक हिम्मत नही हुई डिबेट कीआज जाकिर नायक भी इनसे डिबेट करने से कतराता है !(२.) जिसे प

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स्वतन्त्रता की नई कहानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस होते तो ये कहानी बिलकुल अलग होती न कोई विभाजन होता ना बंदर बांट?

16 अगस्त 2016
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युद्ध भूमि में भारत कभी नहीं हारा, लेकिन अपने ही चन्द जयचन्दों से हारा है। अपनों ने जो समझौते किये, यह उससे हारा है, अपनी मूर्खता से हारा है। उन्हीं समझौतों में एक "सत्ता के हस्तांतरण का समझौता" भी शामिल है।पाकिस्तान गान्धी की लाश पर बन रहा था, लेकिन इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 का न तो गान्धी ने वि

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मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।" - कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र

19 अगस्त 2016
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पालमपुर निवासी जी.एल. बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर 9 सितंबर 1974 को दो बेटियों के बाद दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। माता कमलकांता की श्रीरामचरितमानस में गहरी श्रद्धा थी तो उन्होंने दोनों का नाम लव-कुश रखा। लव यानी विक्रम और कुश यानी विशाल। पहले डीएवी स्कूल, फिर सेंट्रल स्कूल पालमपुर में दाखिल करवा

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........ तो सुलझ जाती कश्मीर समस्या?

19 अगस्त 2016
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इतिहास कैसे रचा जाता है इसका इतिहास जानने के लिए भारत में वल्लभ भाई पटेल का प्रयास प्रत्यक्ष प्रमाण है। संकल्प, साहस, सूझ-बूझ के धनी पटेल ने तत्कालीन 565 से भी अधिक देशी रियासतों का भारत मे विलीनीकरण करके राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार के रूप में इतिहास रच दिया है। भारत को सुदृढ़ बनाना उनका सपना था।जिसे

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हम जोकर ही अच्छे है,जिस के नसीब में आऐंगे, बाज़ी पलट देंगे।

22 अगस्त 2016
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मिली थी जिन्दगी,किसी के 'काम' आने के लिए ।पर वक्त बित रहा है,कागज के टुकड़े कमाने के लिए ।क्या करोगे,इतना पैसा कमा कर.ना कफन मे 'जेब' है,ना कब्र मे 'अलमारी..!'और ये मौत केफ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।खुदा की मोहब्बतको फना कौन करेगा ?सभी बंदे नेकतो गुनाह कौन करेगा ?"ए खुदा मेरे इन दोस्तोको सलामत

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पानी के लिए बलिदान?

22 अगस्त 2016
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<!--[if !supportLineBreakNewLine]--><!--[endif]-->सागर झीललक्खी बंजारा अपने कबीले का मुखिया था। उसका घुमंतू कबीला सारे देश में घूम-घूम कर गुड़ व नमक का व्यापार करता था। यह दल अधिकांश सागर में भी ठहरता था। उन दिनों भी वहां पानी की किल्लत थी। उनके मवेशी अक्सर मर जाते थे। इससे निजात पाने के लिए लक्खी न

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ओजोन परत में बढ़ता क्षरण समूची दुनिया के लिए स्पस्ट चेतावनी : 16 सितम्बर विश्व ओजोन दिवस पर विशेष :

23 अगस्त 2016
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1985 के अंत में दक्षिण ध्रुव (एंटार्कटिक) के ऊपर ओजोन की परत में छेद का पता चलने के बाद सरकारों ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी-11, 12, 113, 114 और 115) और अनेक हैलॅन्स (1211,1301, 2402) के उत्पादन और खपत को कम करने के कड़े उपायों की आवश्यकता को पहचाना। प्रोटोकॉल इस तरह से तैयार किया गया है ताकि समय-स

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जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य

23 अगस्त 2016
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आज हम जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य बताएंगे !! जो शायद आप न जानते हों! !।👌1. जापान में हर साल लगभग 1500 भुकंम्प आते हैं! !मतलब कि हर दिन चार !!👌2. मुसलमानों को “नागरिकता” न देने वाला,"जापान"अकेला राष्ट्र है। 👌यहाँ तक कि,"मुसलमानों"को जापान में,किराए पर मकान भी नहीं मिलता।👌3. जापान के किसी "विश्व

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ओ॰ पी॰ जैशा ओलंपियन की दर्दनाक कहानी - हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण ?

23 अगस्त 2016
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रियो ओलंपिक खत्म हो गया है और अपने साथ तमाम खट्टी मीठी यादें छोड़ गया है।खेल और खिलाड़ियों के प्रति हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण सामने आया है। भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हें अधिकारियों द्व

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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!

27 अगस्त 2016
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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में महिला कुश्ती का कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी समाज और परिवार से लड़ कर इस मकाम तक पहुंची है। क्योंकि एक लड़की पहलवान बने, न तो यह उसके मां-बाप को मंजूर था और न उनके पहलवान दादाजी को ही।

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भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दी

27 अगस्त 2016
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अब आप एक एप्लीकेशन की मदद से बिना बैंक डिटेल मांगे किसी को भी पैसे भेज सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दे दी है जो आपके बैंक से लिंक होगा और आप यूपीआई एप्लीकेशन की मदद से बैंक का काम अपने फोन से ही कर सकेंगे। यूपीआई एप्लीकेशन को किसी अन्य बैंक के अकाउंट के लिए भी इस्ते

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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस ?

27 अगस्त 2016
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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस चल रही है सरकार को; सेना के जवानों और जनता दोनों को बचाना है !नुक्सान जनता का हो या फिर सेना का अल्टीमेटली नुक्सान तो देश का ही है !जनता भी हमारी और सेना भी हमारी ! सवाल यह कि सरकार करे तो क्या करे !किसका पक्ष ले और किसका पक्ष न ले ! दोनों जिंदगियां सरकार के लिए अहम्

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समय का फेर

31 अगस्त 2016
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चौबे जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए चौबे जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। बियाह कर देना चाहिए। मिश्रा जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, मिश्रा भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।सयानों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया। पता चला वैसे तो र

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स्वास्थ्य और सौन्दर्य के लिए नीम तेल का 9 लाभ

2 सितम्बर 2016
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1. मलेरिया नीमका तेल रोगके प्रभावित क्षेत्रो मेंलार्वा के जन्मकी गिनती कोकम करने मेंअसरदार काम करताहै। नीम केतेल का प्रयोगमलेरिया को नियंत्रित करनेके लिए एकअनुकूल तरीका है।2. दांतोंकी सुरक्षा केलिए हम कईदांतों की सुरक्षा वालेउत्पादों में नीम कोपाते है क्योंकि इसमेंबेक्टीरिया को खत्म करनेकी शक्ति होत

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आधी रोटी का कर्ज..

2 सितम्बर 2016
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पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जारही थी और पति बार बार उसको अपनी हद मेंरहने की कह रहा थालेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही लेरही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रहीथी कि"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारेऔर मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आयाअंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।बात जब पति की

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समस्याओ से भागने से नहीं बल्कि सामना करने से ही समस्याओ से निपटा जा सकता है ?

2 सितम्बर 2016
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जंगली भैंसों का एक झुण्ड जंगल में घूम रहा था , तभी एक बछड़े (पाड़ा) ने पुछा , ” पिताजी, क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज है जिससे डरने की ज़रुरत है ?”” बस शेरों से सावधान रहना …”, भैंसा बोला .“हाँ , मैंने भी सुना है कि शेर बड़े खतरनाक होते हैं . अगर कभी मुझे शेर दिखा तो मैं जितना हो सके उतनी तेजी से दौड़ता ह

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गरीबों और अनाथों की भगवान् मदर टेरेसा को मिली संत की उपाधि !

5 सितम्बर 2016
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गरीबों और अनाथों के लिए मदर टेरेसा किसी भगवान से कम नहीं रहीं. जितने गरीब और निराश्रित लोगों की मदर टेरेसा ने सेवा की, उनके लिए तो वे जीवित रहते हुए ‘संत’ थीं.ऐसे में मदर टेरेसा को ‘संत’ की उपाधि को लेकर उनके अनुयायियों और वेटिकन सिटी में जर्बदस्त उत्साह है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी शख

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दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण त्रासदी में से एक...अरल सागर के सूखने की घटना!

7 सितम्बर 2016
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अराल सागर पश्चिमी एशिया की एक झील अथवा अंतर्देशीय सागर है। इसका नामकरण खिरग़्ज़ी शब्द अरालडेंगिज के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ है द्वीपों का सागर। विश्व के अंतर्देशीय सागरों में क्षेत्रफल के अनुसारए इसका स्थान चौथा थी इसकी लंबाई लगभग २८० मील और चौड़ाई १३० मील थी इसकी औसत गहराई ५२ फुट थी और अधिकतम गहर

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मै नारी हूँ ?

8 सितम्बर 2016
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मै नारी हूँ मै प्यारी हूँ, मै मनुहार करती हूँ मै पालनहार हूँ ,पर गुहार भी करती हूँ मै सृजन भी जानती हूँपर विनाश भी करती हूँमै संसार रचती हूँ इसलिए मै जननी हूँमै सत्य हूँ सुन्दर हूँ सहनशील हूँमै ही माँ हूँ बेटी हूँ बहन हूँ और एक प्रिय पत्नी भी,जो तुम कहते हो, मै योवन औ

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जिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।

8 सितम्बर 2016
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राह मत देखों कि चलता साथ कौनआस मत रक्खों कि देता साथ कौनजिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।हॅसों मत गिर गया कोई कही जलों मत यदि कोई शिखर पर जा चढा चढ़ सकों तो साथियों तुम भी चढ़ों।एक छोटा सा दिया तिल - तिल जलेंएक छोटा सा तना जो परहित फलेंजल सकें तो साथियों तुम भी जलोतुम भी फलों।

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आर्थिक रूप से कमजोर लोगो( जैसे रिक्शा ,सब्जी वाला,खेमचे वाला आदि ) से ही मोल भाव क्यों ?

15 सितम्बर 2016
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ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया, पत्नी ने कहा था,१ दर्ज़न केले लेते ना। तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी।वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" सेही लेते थे, पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद

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सेकुलरवादी नेता?

15 सितम्बर 2016
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सेकुलरवादी नेताहमें चाहिए ऐसा नेता जो लगता सेकुलरवादी हो।चाहे पहने चिकन का कुर्ता अथवा पहने खॉदी हो।हमे चाहिए......................जुल्म किये हो चाहे जितनेकितना ही भ्रष्टाचारी हो ।देश द्रोह का दोषी हो या कितना ही अवसरवादी हो।हमे चाहिए......................हर दंगे में बढ़- चढ़ कर शिरकतपर बाते सेकुलरवा

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वायरल फीवर/बुखारके सम्भावित लक्षण एवं उपचार

20 सितम्बर 2016
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देशभर में वायरल फीवर/बुखार का प्रकोप व्याप्त है। जिसके लक्षण सामान्यत: निम्न हैं :—रोग के सम्भावित लक्षण :थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द, गले में दर्द, सर दर्द, जोड़ो में दर्द, ग्रस्नी/गलकोष (pharynx) में सूजन, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, तेज बुखार, सर्दी, खाँसी, दस्त (diarrhea), त्वचा के ऊपर

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सूर्य -नमस्कार के लाभ :

20 सितम्बर 2016
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सूर्य -नमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति की वृद्धि के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति भी तीव्र होती है। इसके अन्य कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं :सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है, और इसके नियमित अभ्यास से मोटापे को दूर किया जा सकता है और इससे दूर रहा भी जा सकता है।इसका नि

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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य :

20 सितम्बर 2016
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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी परन्तु सुदृण व्यक्ति के रूप में डॉ0 आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्

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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की कूटनीति :

27 सितम्बर 2016
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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जब पूरे देश में आक्रोश है और बहुत सारे लोग इसे युद्ध की स्थिति के रूप में देख रहे हैं, जनभावना ईंट का जबाव ईंट से देने के पक्ष में है। इन स्थितियों में सभी देशवासियों की नजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ी और निर्णायक घोषणा की अपेक्षा से ल

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बेटी है शक्ति, हिम्मत और अभिमान?

27 सितम्बर 2016
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मॅा क्या सुन रही हो मेरी आवाजमै आपकी ही परछाई क्या भूल गयी मुझे मै आपकी अजन्मी बेटीशायद समय के चक्र ने विस्मृत कर दिया होगा आपकोपर मुझे आज भी सब याद है वो आपका मुस्कराता चेहरा ममता भरी आॅंखें कुछ भी नही भूली हूॅ।वो दादी की कर्कश आवाजवो बात -बात पर तानों से आगाजआखिर मजबूर होगयी थी आप भी मुझसे मुक्ति

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महगाई का लफड़ा ?

28 सितम्बर 2016
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महगाई का खेल ?

29 सितम्बर 2016
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पहले था वह बीस कमाता अब पाता चालीसपहले बेचता चाय बडा थाअब पालिस भी करता है ।फिर भी महगाई के चलते रोज उधारी करता हैउसको यह समझ न आया ऐसा भी क्या धपला है ।इतनी मेहनत के बाद भी क्यो रोजी रोटी का लफडा हैबीवी कहती और कमाओ खर्चा अब नही चलता है ।दूघ के खातिर उसका बच्चारोज .रोज मचलता है उसको वो कैसे समझाये

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भगत सिंह का अपने परिवार को लिखा ऐतिहासिक खत ?

29 सितम्बर 2016
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दिल्ली जेल26-4-29पूज्य पिताजी महाराजवन्देमातरम्!अर्ज है कि हम लोग 22 अप्रैल को पुलिस की हवालात से दिल्ली जेल में मुन्तकिल (तब्दील) कर दिये गये थे और इस वक्त दिल्ली जेल में ही हैं। मुकदमा 7 मई को जेल के अन्दर ही शुरू होगा। गालिबन (सम्भवतः) एक माह में सारा ड्रामा खत्म हो जायेगा। ज्यादा फिक्र करने की ज

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मोदी जी ने क्या किया अब तक ?

6 अक्टूबर 2016
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एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो दिन रात सिर्फ और सिर्फ देश के लिए सोचता है, जीता है. जिसके पास अपना कुछ भी नहीं, जिसके परिवार के लोग आज भी साधारण सा जीवन जीते हैं....सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये....पेट्रोल 73 से 56 हो गया....डॉलर 70 से 60 हो गया.....सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी, जिससे टाइम पे जल्दी काम हो

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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार आखिर क्यों ?

8 अक्टूबर 2016
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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अवॉर्ड ज्यूरी ने नॉर्वे में फार्क विद्रोहियों के साथ बीते महीने किए गए उनके शांति समझौते के प्रयासों की सराहना की। फार्क विद्रोहियों और कोलंबियाई सरकार के बीच हवाना में चार साल

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जीवन की नसीहते ?

8 अक्टूबर 2016
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1. परेशान ना हुआ करो सबकी बातों से.. कुछ लोग पैदा ही बकवास करने को होते हैं.2. गलती उसी से होती है जो मेहनत से काम करता है, निकम्मों की ज़िंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने में खत्म हो जाती हैं.3. पैसा इंसान को ऊपर ले जा सकता है, लेकिन इंसान पैसे को ऊपर नही ले जा सकता.4. तुम दुनिया में सबसे जीत सकते हो,

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दीपावली मनाने की सार्थकता?

24 अक्टूबर 2016
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दीपावली मनाने की सार्थकता तभी है जब भीतर का अंधकार दूर हो। दीया घर की मुंडेर पर ही नहीं, घट में भी जलाने की जरूरत है। अंधकार जीवन की समस्या है और प्रकाश उसका समाधान। जीवन जीने के लिए सहज प्रकाश चाहिए। प्रारंभ से ही मनुष्य की खोज प्रकाश को पाने की रही। असली प्रकाश मनुष्य के घट यानी हृदय में ही है, उस

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ईमानदारी और सादगी सफलता की एक कहानी - अश्वनी लोहानी

26 अक्टूबर 2016
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ईमानदारी ऐसी कि अशोका होटल में अपना ऑफिस होने पर भी कभी बीवी.बच्चों संग सरकारी पैसे से इस दिल्ली के फाइव स्टार होटल मे एक कप चाय भी नहीं पी। खुद को पहले नजीर बनाकर स्टाफ को भी शाहखर्ची से रोकने में सफल हुए अश्वनी लोहानी ने जब घाटे में चल रही इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन;प्ज्क्ब्द्ध को मुनाफे म

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भारत में इन महर्षियों ने कर दिए थे हजारों साल पहले अविष्कार

27 अक्टूबर 2016
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आचार्य कणादअगर बात परमाणु की आती है तो आज के लोग सिर्फ जोंनडाल्टन की बात करते है पर यह सत्य है की आचार्य कणाद ने हजारों साल पहले ही इस रहस्य को उजागर कर दिया था की द्रव्य के परमाणु होते है |भास्कराचार्यजब बात गुरुत्वाकर्षण शक्ति की होती है तो सब न्यूटन को याद करते है पर बहुत कम लोग जानते है की गुरु

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प्रदूषण का जिम्मेदार कौन?

9 नवम्बर 2016
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हाल में एनसीआर में दिवाली के चौथे दिन भी स्मॉग का असर रहा। गुरुवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर की तुलना में कई गुना अधिक रहा। दिल्ली के कई पल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन में पीएम 25 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का स्तर सामान्य से पांच गुना तक ज्यादा दर्ज हुआ। सर्दियों की शुरुआत अभी हुई है और उ

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नई अर्थक्रांति की शुरुवात है यह सर्जिकल स्ट्राइक

10 नवम्बर 2016
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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि आज मध्यरात्रि यानी 8 नवंबर 2016 की रात 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपए और एक हजार रुपए के करंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। यानी ये मुद्राएं कानून अमान्य होंगी। पीएम ने कहा कि हमने काले धन

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जाली नोट बैंकों और एटीएम मशीनों तक कैसे पहुंचे सनसनीखेज खुलासा–

10 नवम्बर 2016
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देश के रिजर्व बैंक के वाल्ट पर सीबीआई ने छापा डाला. उसे वहां पांच सौ और हजार रुपये के नकली नोट मिले. वरिष्ठ अधिकारियों से सीबीआई ने पूछताछ भी की. दरअसल सीबीआई ने नेपाल-भारत सीमा के साठ से सत्तर विभिन्न बैंकों की शाखाओं पर छापा डाला था, जहां से नकली नोटों का कारोबार चल रहा था. इन बैंकों के अधिकारियों

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रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्‍याश‍ित जीत ?

11 नवम्बर 2016
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अप्रत्‍याश‍ित नतीजों से चौंकाया: 2014 में जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा था, तो किसी राजनैतिक विश्‍लेषक ने भाजपा की इतनी बड़ी जीत की कल्‍पना नहीं की थी। खुद भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों में इतनी ज्‍यादा सीटों का अनुमान नहीं लगाया गया था, मगर जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने स्‍थापना काल से अ

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फुटबॉल के बारे में रोमांचकारी तथ्य ?

14 नवम्बर 2016
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भारत ने FootballFifa World Cup के लिए Qualify नहीं किया था, फिर भी इसे 1950 के WorldCup के Fourth Edition में भाग लेने के लिए Invite किया गया, लेकिन IndianTeam ने Tournament के पहले ही Match में स्‍वयं कोDisqualify कर दिया था।इसका कारण ये था कि Indian Team के पास Football Game खेलने के लिए Proper Sh

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