भारत मॅा के सपूत
भारत मॅा के अश्रु निकलते देख कर कवि भारत मॅा से पूछता है कि:
मॅा क्यो अश्रु निकल आये ,
क्यो अश्रु निकल आये ,
एक बार मॅा बता दे क्यो अश्रु निकल आये,
तेरे करोडा़े सुत है
जो बाहुबल से युत है।
क्या किसी में इतना दम हैं ,
जो अॅाख भी उठायें।
एक बार मॅा बता दे क्यो अश्रु निकल आयें।
तो भारत मॅा कहती हैं।
कुछ याद आ गयी थी ,
बीती हुई वो सदियॅा
वो गुलामी की जंजीरे
वो शहीदों की गााथायें,
वो फाॅंसी पर हॅसकर चढ़ना,
बलिदान खुद को करना
वो आजाद का अट्टाहस
भगत की मुस्कराहट
जब याद मुझे आये ,
तो अश्रु निकल आयें।
तो अश्रु निकल आयें।