रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई
जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती
जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है इसकी आदत बना लो.
लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते इसलिए पहले खुद को साबित करके दिखाओ.
कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद 5 आंकड़े वाली पगार की मत सोचो, एक रात में कोई वाइस प्रेसिडेंट नहीं बनता. इसके लिए अपार मेहनत पड़ती है.
४ अभी आपको अपने शिक्षक सख्त और डरावने लगते होंगे क्योंकि अभी तक आपके जीवन में बॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा.
तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है किसी को दोष मत दो इस गलती से सीखो और आगे बढ़ो.
तुम्हारे माता पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने निरस और ऊबाऊ नही थे जितना तुम्हें अभी लग रहा है तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इतना कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया.
सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में देखने मिलता है. कुछ स्कूलों में तो पास होने तक परीक्षा दी जा सकती है लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग हैं वहां हारने वाले को मौका नहीं मिलता.
जीवन के स्कूल में कक्षाएं और वर्ग नहीं होते और वहां महीने भर की छुट्टी नहीं मिलती. आपको सिखाने के लिए कोई समय नहीं देता. यह सब आपको खुद करना होता है.
tv का जीवन सही नहीं होता और जीवन tv के सीरियल नहीं होते. सही जीवन में आराम नहीं होता सिर्फ काम और सिर्फ काम होता है .
लगातार पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रों को कभी मत चिढ़ाओ. एक समय ऐसा आएगा कि तुम्हें उसके नीचे काम करना पड़ेगा.
"विश्वास " किसी पर इतना करो कि वो तुम्हे फंसाते समय खुद को दोषी समझें
" प्रेम " किसी से इतना करो कि उसके मन में तुम्हें खोने का डर बना रहे