सूर्य -नमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति की वृद्धि के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति भी तीव्र होती है। इसके अन्य कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं :
- इसका नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्ति को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, कब्ज जैसी समस्याओं के होने की आशंका बेहद कम हो जाती है।
- सूर्य नमस्कार से विटामिन-डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।और शरीर के सभी संस्थान, रक्त संचरण, श्वास, पाचन, उत्सर्जन, नाड़ी तथा ग्रंथियों को क्रियाशील एवं सशक्त करता है।
- पाचन सम्बन्धी समस्याओं, अपच, कब्ज, बदहजमी, गैस, अफारे तथा भूख न लगने जैसी समस्याओं के समाधान में बहुत ही उपयोगी भूमिका निभाता है।
- वात, पित्त तथा कफ को संतुलित करने में मदद करता है। त्रिदोष निवारण में मदद करता है।
- इसके अभ्यास से रक्त संचालन तीव्र होता है तथा चयापचय की गति बढ़ जाती है, जिससे शरीर के सभी अंग सशक्त तथा क्रियाशील होते हैं, और आँखों की रोशनी बढती है।
- शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है जिससे ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।
- सूर्य नमस्कार का असर दिमाग पर पडता है और दिमाग ठंडा रहता है।
- पेटके पासकी वसा (चरबी) घटकर भार मात्रा (वजन) कम होती है जिससे मोटे लोगों के वजन को कम करने में यह बहुत ही मददगार होता है।
- बालों को सफेद होने झड़ने व रूसी से बचाता है।
- क्रोध पर काबू रखने में मददगार होता है।
- कमर लचीली होती है और रीढ की हडडी मजबूत होती है।
- त्वचा रोग होने की संभावना समाप्त हो जाती है।
- हृदय व फेफडोंकी कार्यक्षमता बढती है।
- बाहें व कमरके स्नायु बलवान हो जाते हैं और कशेरुक व कमर लचीली बनती है।
- पचनक्रियामें सुधार होता है।
- यह शरीर के सभी अंगों, मांसपेशियों व नसों को क्रियाशील करता है।
- इसके अभ्यास से शरीर की लोच शक्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। प्रौढ़ तथा बूढे़ लोग भी इसका नियमित अभ्यास करते हैं तो उनके शरीर की लोच बच्चों जैसी हो जाती है।
- शरीर की सभी महत्वपूर्ण ग्रंथियों, जैसे पिट्यूटरी, थायरॉइड, पैराथायरॉइड, एड्रिनल, लीवर, पैंक्रियाज, ओवरी आदि ग्रंथियों के स्रव को संतुलित करने में मदद करता है।
- मानसिक तनाव, अवसाद, एंग्जायटी आदि के निदान के साथ क्रोध, चिड़चिड़ापन तथा भय का भी निवारण करता है।
- रीढ़ की सभी वर्टिब्रा को लचीला, स्वस्थ एवं पुष्ट करता है।
- पैरों एवं भुजाओं की मांसपेशियों को सशक्त करता है। सीने को विकसित करता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।
- स्मरणशक्ति तथा आत्मशक्ति में वृद्धि करता है। और मनकी एकाग्रता बढती है।