पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस चल रही है सरकार को; सेना के जवानों और जनता दोनों को बचाना है !
नुक्सान जनता का हो या फिर सेना का अल्टीमेटली नुक्सान तो देश का ही है !
जनता भी हमारी और सेना भी हमारी ! सवाल यह कि सरकार करे तो क्या करे !
किसका पक्ष ले और किसका पक्ष न ले ! दोनों जिंदगियां सरकार के लिए अहम् हैं !
कुछ अराजक तत्वो की वजह से जनता और सेना दोनों भुगत रहे हैं ! देशद्रोही लोग मासूम जनता को भड़काते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं !
आजकल कश्मीर मुद्दे पर पैलेट गन के उपयोग और अनुपयोग पर बड़ी बहस चल रही है ! लगभग सभी राजनितिक दल यह मान रहे है कि पैलेट गन का उपयोग बंद होना चाहिए ! यह सही भी है हम भी यही मानते हैं ! नुक्सान जनता का हो या फिर सेना का अल्टीमेटली नुक्सान तो देश का ही है !
सवाल यह कि पैलेट गन के उपयोग पर सभी राजनितिक दल विरोध में तो है लेकिन पत्थरबाजी बंद होनी चाहिए इस पर सभी लोग मौन धारण किये हुए हैं !
हमारा मानना है कि पैलेट गन और पत्थर बाजी दोनों ही एकसाथ बंद होनी चाहिए तभी जाकर कुछ बात बनेगी वर्ना पत्थरबाजी के जबाब में कुछ तो नुक्सान जनता को भी उठानी ही पड़ेगी !
कश्मीर की विषम परिस्थियों में भारतीय सैनिको ने जिस स्तर का संयम और सहिष्णुता का प्रदर्शन किया है !
वह न सिर्फ काबिले तारीफ़ है अपितु संयम और सहिष्णुता का महान मापदंड है जो कि दुनियां के किसी भी देश कि सेना के लिए बड़ी सीख है !
दुनियां में कौन सी सेना है जो जनता के लिए खुद को पत्थरो के हवाले कर दे !
हम भारतीय सैनको के संयम और सहिष्णुता कि पराकाष्ठा को प्रणाम करते हैं !
उनकी (सैनिको की ) संयम और सहिष्णुता को सलाम !