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दीपावली मनाने की सार्थकता?

24 अक्टूबर 2016

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  • दीपावली मनाने की सार्थकता तभी है जब भीतर का अंधकार दूर हो। दीया घर की मुंडेर पर ही नहीं, घट में भी जलाने की जरूरत है। अंधकार जीवन की समस्या है और प्रकाश उसका समाधान। जीवन जीने के लिए सहज प्रकाश चाहिए। प्रारंभ से ही मनुष्य की खोज प्रकाश को पाने की रही। असली प्रकाश मनुष्य के घट यानी हृदय में ही है, उसे पाने के लिये बाहर नहीं, भीतर की यात्रा करनी होगी। हमारे मनीषियों ने हमारी संस्कृति मेंतमसो मा ज्योतिर्गमयका संबोध दिया है। हर वर्ष इसी संबोध को जीवंतता देने के लिए दीवाली जैसे पर्व की व्यवस्था प्रचलित है।। अंग्रेजी में एक कहावत है किहम घोड़े को पानी तक ले जा सकते हैं, पर उसे पानी पिला नहीं सकते।पानी तो घोड़े को स्वयं ही पीना होता है और वह पीने को तैयार नहीं दिखता। हम मनुष्यों की भी यही स्थिति है। प्रकाश का घट हमारे पास होते हुए भी हम अंधकार को ही जीते हंै।
यह अंधकार वास्तव में, ज्ञान , अंधविश्वास और अपसंस्कृति का अंधकार है। दूसरी ओर प्रकाश से तात्पर्य मुख्यतः ज्ञान, पवित्रता, संस्कार और विवेक के प्रकाश से लिया जाता है। ऐसे में, आज मानव जाति विज्ञान , तकनीकी, विचार, दर्शन आदि से हर तरह से इतना समर्थ है कि दुनिया से अज्ञान, अपराध, आतंक, अपसंस्कृति और अंधविश्वास को समाप्त किया जा सकता है। पर आज निहित स्वार्थों के कारण योजना और षडयंत्र के तहत ज्ञान-विज्ञान का इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है कि लोगों में रूढ़िवादिता और अंधविश्वास बना रहे, हिंसा एवं अपराध बढ़ते रहे, अत्याचार एवं क्रूरता छायी रहे, संकीर्णता एवं स्वार्थ पनपते रहे।
अंधकार हमारे अज्ञान का, दुराचरण का, दुष्टप्रवृत्तियों का, आलस्य और प्रमाद का, बैर और विनाश का, क्रोध और कुंठा का, राग और द्वेष का, हिंसा और कदाग्रह का अर्थात अंधकार हमारी राक्षसी मनोवृत्ति का प्रतीक है। जब मनुष्य के भीतर असद् प्रवृत्ति का जन्म होता है, तब चारों ओर वातावरण में कालिमा व्याप्त हो जाती है। अंधकार ही अंधकार नजर आने लगता है। मनुष्य हाहाकार करने लगता है। मानवता चीत्कार उठती है। अंधकार में भटके मानव का क्रंदन सुनकर करुणा की देवी का हृदय पिघल जाता है। ऐसे समय में मनुष्य को सन्मार्ग दिखा सके, ऐसा प्रकाश स्तंभ चाहिए। इन स्थितियों में हर मानव का यही स्वर होता है कि-प्रभो, हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। बुराइयों से अच्छाइयों की ओर ले चलो। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो। इस प्रकार हम प्रकाश के प्रति, सदाचार के प्रति, अमरत्व के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए आदर्श जीवन जीने का संकल्प करते हैं।
प्रकाश हमारी सद् प्रवृत्तियों का, सद्ज्ञान का, संवेदना एवं करुणा का, प्रेम एवं भाईचारे का, त्याग एवं सहिष्णुता का, सुख और शांति का, ऋद्धि और समृद्धि का, शुभ और लाभ का, श्री और सिद्धि का अर्थात् दैवीय गुणों का प्रतीक है। यही प्रकाश मनुष्य की अंतर्चेतना से जब जागृत होता है, तभी इस धरती पर सतयुग का अवतरण होने लगता है।
प्रकाश तो आदिकाल से है, पर उस समय वानर से नर बना मनुष्य जानवर की ही तरह जीवन व्यतीत करता था। प्रकाश का वास्तविक अवतरण तो उस समय माना गया जब उसकी समझ बढ़ी, उसमें करूणा जागी, संवेदनाएं पैदा हुई, तभी उसने सभ्यता और मानव संस्कृति का विकास किया और तमसो मा ज्योतिर्गमय उसी ओर यात्रा की आकांक्षा है। इस प्रकार का आविर्भाव और विस्तार जब से हुआ, तब से मनुष्य ने चातुर्दिक अनंत यात्राएं शुरू कर दी हैं।
असल में अंधकार से प्रकाश की ओर जाने के लिए केवल प्रकाश जरूरी नहीं है। अगर जाने वाले में आत्मविश्वास ही हो और वह नियतिवादी हो, तो वह अंधकार को ही अपनी नियति मानकर, उसी में मर-खप जाता है। इस बात का महत्व हम बहुत-सी बातों की तरह अपने मिथकों के माध्यम से भी समझ सकते हैं। सीताहरण के बाद, सीता की तलाश में राम अपने दल-बल के साथ रावण की लंका तक पहुंचना चाहते हैं। रास्तें में समुद्र गया। सभी हताश हो गए। कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था। निराशा ही निराशा के बादल छाये हुए थे, तभी जामवंत मुंह लटकाए बैठे हनुमान के पास जाकर कहा कि भाई सभी हताश बैठे हैं, पर आप भी? आपको याद नहीं कि आपने एक बार सूर्य को भी लील लिया था? जामवंत द्वारा आत्म साक्षात्कार कराए जाने पर हनुमान में आत्मविश्वास जागा और गरजकर उन्होंनेभूधराकारशरीर धारण कर लिया। हम जानते हैं कि उन्होंने समुद्र पारकर सीता से भेंट कर ली और बाद में लंकापति रावण पराजित भी किया। जरूरत आत्मविश्वास को जगाने की है। दीपावली का यह पर्व इसी आत्मविश्वास की ज्योति को जगाने का अवसर है।
अधिकतर लोग सिर्फ धन अर्जन को ही सफलता मान लेते हैं और इसी कारण जीवन का रोमांच, उमंग और आनंद उनसे दूर चला जाता है, जबकि गुणों को कमाने वाले लोगों के पास धन एक सहज परिणाम की तरह चला आता है। इसी में शोहरत भी अप्रयास मिल जाती है। साधारणता में ही असाधारणता फलती है। जड़ को सींचने से पूरे पौधे में फल-फूल आते हैं, जबकि टहनियों को भिगोते रहने से जड़ के साथ ही टहनियां भी सूख जाती हैं। आप बांसुरी बजाते हों, नाचते हों, गाते या लिखते हों, खेती-बाड़ी करते हों या भेड़-बकरियां चराते हों- आप जितने बेहतर तरीके से किसी भी काम को करते हों, उतने ही बेहतर परिणाम आपको मिलने लगते हैं। आपकी असंतुष्टि का स्तर भी ऊंचा उठता है और आप श्रेष्ठतर की यात्रा पर रहते हैं। यही नहीं, उतने ही बेहतर गुणग्राहक आपके पास ंिखंचे चले आते हैं। अच्छा हलवाई कही नहीं जाता, अच्छा टेलर, अच्छा डाॅक्टर, वकील को कहीं जाना नहीं पड़ता, खरीददार या उन सेवाओं को लेने वाले ही उनके पास चले आते हैं। अतः अपनी क्षमताओं और गुणवत्ता को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए। हमारी कमजोेर मानसिकता का ही परिणाम है कि चीन को पानी पी-पीकर गाली देने वाले भी चीन में बनी गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों की पूजा करते हैं और दीप जलाने के बजाय चीन में बनी सस्ती झालरें लटका प्रकाश पर्व की फर्ज अदायगी पूरी कर लेते हैं।
दीपावली का अवसर हमें एक बार फिर स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार की प्रेरणा दे रहा है। अपना सर्वश्रेष्ठ बनाना और बांटना। सिर्फ सामान नहीं, बल्कि अपनी मौजूदगी भी। आप चल रहे हों, गा रहे हों, बांसुरी बजा रहे हों या बतिया रहे हों, उससे यदि लोगों को खुशी मिलती है तो यह आपका बहुत बड़ा दान है एवं स्वयं की स्वतंत्र पहचान है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक अखंड ज्योति जल रही है। उसकी लौ कभी-कभार मद्धिम जरूर हो जाती है, लेकिन बुझती नहीं है। उसका प्रकाश शाश्वत प्रकाश है। वह स्वयं में बहुत अधिक देदीप्यमान एवं प्रभामय है। इसी संदर्भ में महात्मा कबीरदासजी ने कहा था-‘बाहर से तो कुछ दीसे, भीतर जल रही जोत
जो महापुरुष उस भीतरी ज्योति तक पहुँच गए, वे स्वयं ज्योतिर्मय बन गए। जो अपने भीतरी आलोक से आलोकित हो गए, वे सबके लिए आलोकमय बन गए। जिन्होंने अपनी भीतरी शक्तियों के स्रोत को जगाया, वे अनंत शक्तियों के स्रोत बन गए और जिन्होंने अपने भीतर की दीवाली को मनाया, लोगों ने उनके उपलक्ष में दीवाली का पर्व मनाना प्रारंभ कर दिया।
भगवान महावीर का निर्वाण दिवस-दीपावली, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का आसुरी शक्तियों पर विजय के पश्चात अयोध्या आगमन का ज्योति दिवस-दीपावली, तंत्रोपासना एवं शक्ति की आराधक माँ काली की उपासना का पर्व-दीपावली, धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना का पर्व-दीपावली, ऋद्धि-सिद्धि, श्री और समृद्धि का पर्व-दीपावली, आनंदोत्सव का प्रतीक वात्सायन का शंृगारोत्सव-दीपावली, ज्योति से ज्योति जलाने का पर्व-दीपावली। पर्व एक पर्याय अनेक-दीपावली के इस पर्व का प्रत्येक भारतीय उल्लास एवं उमंग से स्वागत करता है। यह पर्व हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की गौरव गाथा है। प्रत्येक भारतीय की रग-रग में यह पर्व रच-बस गया हैं
दीपावली का पर्व ज्योति का पर्व है। दीपावली का पर्व पुरुषार्थ का पर्व है। यह आत्म साक्षात्कार का पर्व है। यह अपने भीतर सुषुप्त चेतना को जगाने का अनुपम पर्व है। यह हमारे आभामंडल को विशुद्ध और पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश देने का पर्व है।
हमारे भीतर अज्ञान का तमस छाया हुआ है। वह ज्ञान के प्रकाश से ही मिट सकता है। ज्ञान दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाश दीप है। जब ज्ञान का दीप जलता है तब भीतर और बाहर दोनों आलोकित हो जाते हैं। अंधकार का साम्राज्य स्वतः समाप्त हो जाता है। ज्ञान के प्रकाश की आवश्यकता केवल भीतर के अंधकार मोह-मूच्र्छा को मिटाने के लिए ही नहीं, अपितु लोभ और आसक्ति के परिणामस्वरूप खड़ी हुई पर्यावरण प्रदूषण और अनैतिकता जैसी बाहरी समस्याओं को सुलझाने के लिए भी जरूरी है।
आतंकवाद, भय, हिंसा, प्रदूषण, अनैतिकता, ओजोन का नष्ट होना आदि समस्याएँ इक्कीसवीं सदी के मनुष्य के सामने चुनौती बनकर खड़ी है। आखिर इन समस्याओं का जनक भी मनुष्य ही तो है। क्योंकि किसी पशु अथवा जानवर के लिए ऐसा करना संभव नहीं है। अनावश्यक हिंसा का जघन्य कृत्य भी मनुष्य के सिवाय दूसरा कौन कर सकता है? आतंकवाद की समस्या का हल तब तक नहीं हो सकता जब तक मनुष्य अनावश्यक हिंसा को छोड़ने का प्रण नहीं करता।
दीपावली पर्व की सार्थकता के लिए जरूरी है, दीये बाहर के ही नहीं, दीये भीतर के भी जलने चाहिए। क्योंकि दीया कहीं भी जले उजाला देता है। दीए का संदेश है-हम जीवन से कभी पलायन करें, जीवन को परिवर्तन दें, क्योंकि पलायन में मनुष्य के दामन पर बुजदिली का धब्बा लगता है, जबकि परिवर्तन में विकास की संभावनाएँ जीवन की सार्थक दिशाएँ खोज लेती हैं। असल में दीया उन लोगों के लिए भी चुनौती है जो अकर्मण्य, आलसी, निठल्ले, दिशाहीन और चरित्रहीन बनकर सफलता की ऊँचाइयों के सपने देखते हैं। जबकि दीया दुर्बलताओं को मिटाकर नई जीवनशैली की शुरुआत का संकल्प है।

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संसारी

7 अगस्त 2015
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photo

7 अगस्त 2015
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अक्ल बड़ी या भैंस

13 जून 2016
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महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस,फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस,अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं,महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई,मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी,भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा,कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे,अक्ल घास जब चरने जाये-

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हिंदोस्ता

14 जून 2016
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हिंदोस्ता जहां हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी है  जिसकी जुबा वाही है मेरा हिंदोस्ता                           जहां ग़ालिब की गजल है वो प्यारा ताजमहल है प्यार का एक निशा वाही है मेरा हिंदोस्ता जहां फूलों का बिस्तर  है जहां अम्बर की चादर है नजर तक फैला सागर है सुहाना हर एक मंजर है वो झरने व

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15 जून 2016
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हिंदोस्ता जहां हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी है  जिसकी जुबा वाही है मेरा हिंदोस्ता                           जहां ग़ालिब की गजल है वो प्यारा ताजमहल है प्यार का एक निशा वाही है मेरा हिंदोस्ता जहां फूलों का बिस्तर  है जहां अम्बर की चादर है नजर तक फैला सागर है सुहाना हर एक मंजर है वो झरने व

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भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण तथ्य

18 जून 2016
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भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण तथ्य (गर्व से SHARE करें ) ******************************************* 1. जब कई संस्कृतियों 5000 साल पहले ही घुमंतू वनवासी थे, भारतीय सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की। 2. भारत के इतिहास के अनुसार, आखिरी 100000 वर्षों में किसी भी देश पर हमला

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योग करो सब योग करो .( योग दिवस 21 जून 2016 )

18 जून 2016
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यदि चाहो कल्याण विश्व का,योग करो सब योग करो|यदि चाहो नित खुशियाँ पाना||योग करो भई योग करो||योग ही सत है , योग ही ऋत है, योग ही रस, अमृत, मधु, घृत है |योग प्रेम है, योग क्षेम है, योग ही संबल प्रभु श्रुति पथ है॥यदि चाहो तन स्वस्थ बनाना||योग करो……..योग है ऊर्जा, योग स्फूर्ति, योग ही मोद, प्रमोद, विनोद

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प्राचीन काल मे भारत में सुदृढ़ लोकतान्त्रिक व्यवस्था

20 जून 2016
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yksdतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन",) या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जा

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बेहतरीन कुकिंग टिप्स- महत्वपूर्ण जानकारी

23 जून 2016
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माइक्रोवेव- माइक्रोवेव में एक कटोरे में दो कप पानी भरें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस डालें। अब माइक्रोवेव को पांच मिनट तक के लिए चला कर छोड़ दें। जब वह रुक जाए तब उसके भीतर को एक पेपर टॉवल लें कर साफ करें। इससे माइक्रोवेव भी साफ हो जाएगा और उसमें से अच्छी महक भी आने लगेगी।सिंक- सिंक से चिपचिपे ग्रीस

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दिन में चार चमच और कैंसर गायब

24 जून 2016
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दिन में चार चमच और कैंसर गायब ! रूस के मशहूर वैज्ञानिक ने बनाई एक शक्तिशाली औषधि.!!दुनिया भर के अरबों लोग कैंसर से पीड़ित हैं, आज के समय की यह सबसे घातक बीमारी है। लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि यह रूसी वैज्ञानिक Hristo Mermerski द्वारा की खोजे एक प्राकृतिक उपचार से ठीक किया जा सकता है।रूस के एक वैज्

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देश हमारा बदल रहा है

27 जून 2016
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देश हमारा बदल रहा हैदेश हमारा बदल रहा हैधीरे धीरे संभल रहा है दुनिया में खुद को साबित करने कोयुवा हदृय फिर मचल रहा है।।गॅाव -गाॅव और शहर -शहर में परिवर्तन का दौर चला हैंऐसा लगता है मानोदेश हमारा दौड़ पडा है।।नये अन्वेषण,नये लक्ष्य सेप्रतिपल भारत बदल रहा हैउन्नत तकनीको के प्रयोग सेकृषि जगत भी संभल रहा

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भारत मॅा के सपूत

28 जून 2016
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भारत मॅा के सपूतभारत मॅा के अश्रु निकलते देख कर कवि भारत मॅा से पूछता है कि: मॅा क्यो अश्रु निकल आये ,क्यो अश्रु निकल आये ,एक बार मॅा बता  दे क्यो अश्रु निकल आये,तेरे  करोडा़े सुत है जो बाहुबल से युत है।क्या किसी में इतना दम हैं ,जो अॅाख भी उठायें।एक बार मॅा बता दे क्यो अश्रु निकल आयें।तो भारत मॅा क

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क्या है मनुवाद ?

29 जून 2016
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जब हम बार-बार मनुवाद शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में भी सवाल कौंधता है कि आखिर यह मनुवाद है क्या? महर्षि मनु मानव संविधान के प्रथम प्रवक्ता और आदि शासक माने जाते हैं। मनु की संतान होने के कारण ही मनुष्यों को मानव या मनुष्य कहा जाता है। अर्थात मनु की संतान ही मनुष्य है। सृष्टि के सभी प्राणियों में एकम

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वीर गोरा और बादल

30 जून 2016
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 रावल समरसिंह के बाद उनका पुत्र रत्नसिंह चितौड़ की राजगद्दी पर बैठा | रत्नसिंह की रानी पद्मिनी अपूर्व सुन्दर थी | उसकी सुन्दरता की ख्याति दूर दूर तक फैली थी | उसकी सुन्दरता के बारे में सुनकर दिल्ली का तत्कालीन बादशाह अल्लाउद्दीन खिलजी पद्मिनी को पाने के लिए लालायित हो उठा और उसने रानी को पाने हेतु च

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बेटी न अपने कफ़न से सजाओ

1 जुलाई 2016
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                  बेटी, न अपने कफन से सजाओं                 दैजा के कारण न इनकों सताओं                 पाला है इन्हे पिता  ने प्यार करके                 माता दुलारी है गोदी में भरकें                 भैया संग सदा सुख से है खेली                 भाभी का नाता इससे मत छुड़ाओं                 नही है यह नाग

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साक्षरता का दीपक जलाते चलो तुम

2 जुलाई 2016
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          साक्षरता  का दीपक जलाते चलो तुम          अशिक्षा  का  अँधेरा   मिटाते   चलो तुम     बुझी दीप बाती है कितने महल मे भटकते निरक्षर की काली निशा में  केख मॅा की लज्जित किये ये दशा डसती निरक्षरता की नागिन जहॅंा पर  सपेरा अब हमे बुलाना पड़ेगा घासों के घर की बन महलों की रानी  उठके जलाओं अग

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परोपकार

2 जुलाई 2016
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 रामू  बहुत गरीब घर  का लडका था  सिर्फ एक मॅा ही थी , जो  दूसरो के घरांे में खाना बनाती थी और वहाॅ से जो मिलता था उससे घर का खर्चा चलाती थी। अब मॅा भी बीमार रहने लगी  तो उसने सोचा कि क्या किया जाये तो उसकी मॅा ने कहा कि बेटा  तुम रोटी सब्जी बनाकर सड़क पर बेचांे। मॅा के सहयोग से उसने रोटी सब्जी बनाई औ

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टालमटोल का रोग

15 जुलाई 2016
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यहां दोस्तों हमारे अंदर एक बहुत बुरी आदत है काम को टाल देने की। अपनी इसी आदत के कारण हम कभी.कभी अपने बनते हुए कामों को बिगाड़ बैठते हैंए जिससे हमारी बड़ी भारी हानि हो जाती है और कभी.कभी तो अपनी मंजिल पर पहुँचते.पहुँचते रह जाते हैं।जो काम हमें आज करने हैंए वह कल भी उतने ही महत्व के रहेंगेए यह नहीं कह

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गुरु पूर्णिमा पर गुरु वंदन - हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम

19 जुलाई 2016
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हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम नित्य साधना में रत रहकर देते सबको ज्ञान हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम दिधिच सा है त्याग तुम्हारा गार्गी जैसा ज्ञान सुप्त ज्ञान के चच्क्षु खोलकर भर देते नवप्राण हे ---------  जीवन के तुम रंग बदल दो  जीवन के तुम ढंग  बदल दो जगा दो आशाओ के नित नए आयाम हे --------- ज्ञान और विज्ञानं सी

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गलती का अहसास

23 जुलाई 2016
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यह बात सर्वविदित हैं कि हमने इस दुनिया में अगर इंसान के रूप में जन्म लिया है तो हमसे गलतियाँ अवश्य होंगी और फिर एक जुमला भी प्रचलित हैं “नो वन इज़ परफेक्ट इन दिस वर्ल्ड”.जिसने भी यह बात कही हैं बहुत सोच समझ कर कहीं हैं कि कोई भी इंसान पूरी तरह से कभी सही नहीं हो सकता उससे कोई न कोई गलती ज़रूर होती हैं

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" सेक्लयूलर वादी नेता "

1 अगस्त 2016
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सेकुलर वादी नेताहमे चाहिए ऐसा नेता जो लगता सेकुलरवादी हो।चाहे पहने चिकन का कुर्ताअथवा पहने खादी हों ।।जुल्म किये हो चाहे जितनेकितना ही भ्रष्टाचारी होंराष्ट्रद्रोह का दोषी हो याकितना ही अवसरवादी हों।।हर दंगे में बढ़चढ़ कर शिरकतपर बातें सेकुलरवादी होंवादे पर वादे करने का चाहे जितना आदी हो।।चाहे बहनों की

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रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती

1 अगस्त 2016
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रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जातीजीवन उतार-चढ़ाव से भरा है इसकी आदत बना लो.लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते इसलिए पहले खुद को साबित करके दिखाओ. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद 5 आंकड़े वाली पगार की मत सोचो, एक रात में कोई वाइस प्रेसिडें

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मतदान- लोकतंत्र का वरदान

2 अगस्त 2016
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मतदान- लोकतंत्र का वरदानदानों की चलती श्रृंखला में एक ज़रूरी दान करें।राम राज्य को लाने हेतु मिलकर सब मतदान करें॥प्रजा.तांत्रिक देश हमारा हमको यह अधिकार मिला।भारत माँ की रक्षा हेतु चंद मिनट का कार्य मिला।मत से वंचित रह न जाए कोई भी यह ध्यान करें॥राम राज्य....सूझ बूझ व स्वविवेक से सुंदर देश बनाना है।म

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देश हमारा बदल रहा है

2 अगस्त 2016
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देश हमारा बदल रहा हैदेश हमारा बदल रहा हैधीरे धीरे संभल रहा है दुनिया में खुद को साबित करने कोयुवा हदृय फिर मचल रहा है।।गॅाव -गाॅव और शहर -शहर में परिवर्तन का दौर चला हैंऐसा लगता है मानोदेश हमारा दौड़ पडा है।।नये अन्वेषण,नये लक्ष्य सेप्रतिपल भारत बदल रहा हैउन्नत तकनीको के प्रयोग सेकृषि जगत भी संभल रहा

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"आजाद" की शहादत के बाद उनके परिवार का हुआ ये हश्र

8 अगस्त 2016
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चंद्रशेखर " आजाद " की शहादत के बाद उनके परिवार का क्या हश्र हुआ उसे सुनकर आपकी आँखे नम हो जाऐंगीभारत माता के अमर बलिदानी सपूत चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी माता की पुण्य स्मृतियों के साथ इस कहानी  का जन्म हुआ ! यह कहानी आजाद की शहादत के बाद जन्मी ! यह कहानी हम भारतीयों की कहानी कहती है ! सच की पृष्ठभूमि

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क्यों अश्रु निकल आये ?

8 अगस्त 2016
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कवि भारत माँ की मूर्ति से अश्रु निकलते देख कर पूछता है कि : क्यों  अश्रु निकल आये ! क्यों  अश्रु निकल आये !! एक बार माँ बता  दे क्यों अश्रु निकल आये तेरे करोणों सूत है जो बाहुबल से युत है क्या किसी में इतना दम है जो आँख भी दिखाये एक बार माँ बता  देक्यों  अश्रु निकल आये ?तो भारत माँ कहती है कि : कुछ 

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एक बाल श्रमिक की दास्तान

9 अगस्त 2016
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एक बाल श्रमिक की दास्तान मिस्टर आनन्द अपने परिवार के साथ लांग रूट पर लखनऊ से बनारस कार से जा रहे थे , तभी रास्ते में एक ढाबा मिला तो सोचा यही पर खाना खाया जाये। यह सोचकर उन्होने ढाबा के सामने अपनी कार रोक दी। कार के रूकते ही सामने से एक गन्दे से कपड़े पहने लड़का आया और बोला, बाबू जी आइयें। मिस्टर आनन

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एकदम मस्त चुटकुला 😃

9 अगस्त 2016
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एकदम मस्त चुटकुला 😃...एक बार संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को ले कर चर्चा चल रही थी।...एक भारतीय प्रवक्ता बोलने के लिए खड़ा हुआ। अपना पक्ष रखने से पहले उसने ऋषि कश्यप की एक बहुत पुरानी कहानी सुनाने की अनुमति माँगी।अनुमति मिलने के बाद भारतीय प्रवक्ता ने अपनी बात शुरू की....."एक बार महर्षि कश्यप, जिनके

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स्त्री की रचना

10 अगस्त 2016
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जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे तब उन्हें काफी समय लग गया। 6ठा दिन था और स्त्री की रचना अभी अधूरी थीइसलिए देवदूत ने पूछा- भगवान, आप इसमें इतना समय क्यों ले रहे हो? भगवान ने जवाब दिया- क्या तुमने इसके सारे गुणधर्म (specifications) देखे हैं, जो इसकी रचना के लिए जरूरी हैं। यह हर प्रकार की परिस्थितियो

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दुनिया की सबसे पहली भाषा ( संस्कृत भाषा और ब्राह्मी लिपि)

11 अगस्त 2016
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संस्कृत भाषा और ब्राह्मी लिपि : संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है तथा समस्त भारतीय भाषाओं की जननी है। 'संस्कृत' का शाब्दिक अर्थ है 'परिपूर्ण भाषा'। संस्कृत से पहले दुनिया छोटी-छोटी, टूटी-फूटी बोलियों में बंटी थी जिनका कोई व्याकरण नहीं था और जिनका कोई भाषा कोष भी नहीं था। कुछ बोलियों ने संस्कृत क

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"सत्यार्थ प्रकाश" अथार्त सत्य का प्रकाश

12 अगस्त 2016
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"सत्यार्थ प्रकाश" को पढकर बडे-बडे कट्टर लोग  बदल गये, आर्य (हिन्दू या सनातनी) हो गये !(१.) वर्तमान में महेन्द्रपाल आर्य जो कि अमृतसरमें फारसी भाषा के विद्वान मौलवी थे ! २००३ से जाकिर नाइक को चैलेन्ज कर रहे है मगर आज तक हिम्मत नही हुई डिबेट कीआज जाकिर नायक भी इनसे डिबेट करने से कतराता है !(२.) जिसे प

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स्वतन्त्रता की नई कहानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस होते तो ये कहानी बिलकुल अलग होती न कोई विभाजन होता ना बंदर बांट?

16 अगस्त 2016
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युद्ध भूमि में भारत कभी नहीं हारा, लेकिन अपने ही चन्द जयचन्दों से हारा है। अपनों ने जो समझौते किये, यह उससे हारा है, अपनी मूर्खता से हारा है। उन्हीं समझौतों में एक "सत्ता के हस्तांतरण का समझौता" भी शामिल है।पाकिस्तान गान्धी की लाश पर बन रहा था, लेकिन इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 का न तो गान्धी ने वि

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मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।" - कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र

19 अगस्त 2016
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पालमपुर निवासी जी.एल. बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर 9 सितंबर 1974 को दो बेटियों के बाद दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। माता कमलकांता की श्रीरामचरितमानस में गहरी श्रद्धा थी तो उन्होंने दोनों का नाम लव-कुश रखा। लव यानी विक्रम और कुश यानी विशाल। पहले डीएवी स्कूल, फिर सेंट्रल स्कूल पालमपुर में दाखिल करवा

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........ तो सुलझ जाती कश्मीर समस्या?

19 अगस्त 2016
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इतिहास कैसे रचा जाता है इसका इतिहास जानने के लिए भारत में वल्लभ भाई पटेल का प्रयास प्रत्यक्ष प्रमाण है। संकल्प, साहस, सूझ-बूझ के धनी पटेल ने तत्कालीन 565 से भी अधिक देशी रियासतों का भारत मे विलीनीकरण करके राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार के रूप में इतिहास रच दिया है। भारत को सुदृढ़ बनाना उनका सपना था।जिसे

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हम जोकर ही अच्छे है,जिस के नसीब में आऐंगे, बाज़ी पलट देंगे।

22 अगस्त 2016
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मिली थी जिन्दगी,किसी के 'काम' आने के लिए ।पर वक्त बित रहा है,कागज के टुकड़े कमाने के लिए ।क्या करोगे,इतना पैसा कमा कर.ना कफन मे 'जेब' है,ना कब्र मे 'अलमारी..!'और ये मौत केफ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।खुदा की मोहब्बतको फना कौन करेगा ?सभी बंदे नेकतो गुनाह कौन करेगा ?"ए खुदा मेरे इन दोस्तोको सलामत

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पानी के लिए बलिदान?

22 अगस्त 2016
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<!--[if !supportLineBreakNewLine]--><!--[endif]-->सागर झीललक्खी बंजारा अपने कबीले का मुखिया था। उसका घुमंतू कबीला सारे देश में घूम-घूम कर गुड़ व नमक का व्यापार करता था। यह दल अधिकांश सागर में भी ठहरता था। उन दिनों भी वहां पानी की किल्लत थी। उनके मवेशी अक्सर मर जाते थे। इससे निजात पाने के लिए लक्खी न

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ओजोन परत में बढ़ता क्षरण समूची दुनिया के लिए स्पस्ट चेतावनी : 16 सितम्बर विश्व ओजोन दिवस पर विशेष :

23 अगस्त 2016
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1985 के अंत में दक्षिण ध्रुव (एंटार्कटिक) के ऊपर ओजोन की परत में छेद का पता चलने के बाद सरकारों ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी-11, 12, 113, 114 और 115) और अनेक हैलॅन्स (1211,1301, 2402) के उत्पादन और खपत को कम करने के कड़े उपायों की आवश्यकता को पहचाना। प्रोटोकॉल इस तरह से तैयार किया गया है ताकि समय-स

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जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य

23 अगस्त 2016
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आज हम जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य बताएंगे !! जो शायद आप न जानते हों! !।👌1. जापान में हर साल लगभग 1500 भुकंम्प आते हैं! !मतलब कि हर दिन चार !!👌2. मुसलमानों को “नागरिकता” न देने वाला,"जापान"अकेला राष्ट्र है। 👌यहाँ तक कि,"मुसलमानों"को जापान में,किराए पर मकान भी नहीं मिलता।👌3. जापान के किसी "विश्व

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ओ॰ पी॰ जैशा ओलंपियन की दर्दनाक कहानी - हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण ?

23 अगस्त 2016
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रियो ओलंपिक खत्म हो गया है और अपने साथ तमाम खट्टी मीठी यादें छोड़ गया है।खेल और खिलाड़ियों के प्रति हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण सामने आया है। भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हें अधिकारियों द्व

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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!

27 अगस्त 2016
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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में महिला कुश्ती का कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी समाज और परिवार से लड़ कर इस मकाम तक पहुंची है। क्योंकि एक लड़की पहलवान बने, न तो यह उसके मां-बाप को मंजूर था और न उनके पहलवान दादाजी को ही।

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भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दी

27 अगस्त 2016
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अब आप एक एप्लीकेशन की मदद से बिना बैंक डिटेल मांगे किसी को भी पैसे भेज सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दे दी है जो आपके बैंक से लिंक होगा और आप यूपीआई एप्लीकेशन की मदद से बैंक का काम अपने फोन से ही कर सकेंगे। यूपीआई एप्लीकेशन को किसी अन्य बैंक के अकाउंट के लिए भी इस्ते

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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस ?

27 अगस्त 2016
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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस चल रही है सरकार को; सेना के जवानों और जनता दोनों को बचाना है !नुक्सान जनता का हो या फिर सेना का अल्टीमेटली नुक्सान तो देश का ही है !जनता भी हमारी और सेना भी हमारी ! सवाल यह कि सरकार करे तो क्या करे !किसका पक्ष ले और किसका पक्ष न ले ! दोनों जिंदगियां सरकार के लिए अहम्

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समय का फेर

31 अगस्त 2016
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चौबे जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए चौबे जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। बियाह कर देना चाहिए। मिश्रा जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, मिश्रा भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।सयानों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया। पता चला वैसे तो र

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स्वास्थ्य और सौन्दर्य के लिए नीम तेल का 9 लाभ

2 सितम्बर 2016
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1. मलेरिया नीमका तेल रोगके प्रभावित क्षेत्रो मेंलार्वा के जन्मकी गिनती कोकम करने मेंअसरदार काम करताहै। नीम केतेल का प्रयोगमलेरिया को नियंत्रित करनेके लिए एकअनुकूल तरीका है।2. दांतोंकी सुरक्षा केलिए हम कईदांतों की सुरक्षा वालेउत्पादों में नीम कोपाते है क्योंकि इसमेंबेक्टीरिया को खत्म करनेकी शक्ति होत

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आधी रोटी का कर्ज..

2 सितम्बर 2016
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पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जारही थी और पति बार बार उसको अपनी हद मेंरहने की कह रहा थालेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही लेरही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रहीथी कि"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारेऔर मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आयाअंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।बात जब पति की

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समस्याओ से भागने से नहीं बल्कि सामना करने से ही समस्याओ से निपटा जा सकता है ?

2 सितम्बर 2016
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जंगली भैंसों का एक झुण्ड जंगल में घूम रहा था , तभी एक बछड़े (पाड़ा) ने पुछा , ” पिताजी, क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज है जिससे डरने की ज़रुरत है ?”” बस शेरों से सावधान रहना …”, भैंसा बोला .“हाँ , मैंने भी सुना है कि शेर बड़े खतरनाक होते हैं . अगर कभी मुझे शेर दिखा तो मैं जितना हो सके उतनी तेजी से दौड़ता ह

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गरीबों और अनाथों की भगवान् मदर टेरेसा को मिली संत की उपाधि !

5 सितम्बर 2016
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गरीबों और अनाथों के लिए मदर टेरेसा किसी भगवान से कम नहीं रहीं. जितने गरीब और निराश्रित लोगों की मदर टेरेसा ने सेवा की, उनके लिए तो वे जीवित रहते हुए ‘संत’ थीं.ऐसे में मदर टेरेसा को ‘संत’ की उपाधि को लेकर उनके अनुयायियों और वेटिकन सिटी में जर्बदस्त उत्साह है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी शख

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दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण त्रासदी में से एक...अरल सागर के सूखने की घटना!

7 सितम्बर 2016
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अराल सागर पश्चिमी एशिया की एक झील अथवा अंतर्देशीय सागर है। इसका नामकरण खिरग़्ज़ी शब्द अरालडेंगिज के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ है द्वीपों का सागर। विश्व के अंतर्देशीय सागरों में क्षेत्रफल के अनुसारए इसका स्थान चौथा थी इसकी लंबाई लगभग २८० मील और चौड़ाई १३० मील थी इसकी औसत गहराई ५२ फुट थी और अधिकतम गहर

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मै नारी हूँ ?

8 सितम्बर 2016
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मै नारी हूँ मै प्यारी हूँ, मै मनुहार करती हूँ मै पालनहार हूँ ,पर गुहार भी करती हूँ मै सृजन भी जानती हूँपर विनाश भी करती हूँमै संसार रचती हूँ इसलिए मै जननी हूँमै सत्य हूँ सुन्दर हूँ सहनशील हूँमै ही माँ हूँ बेटी हूँ बहन हूँ और एक प्रिय पत्नी भी,जो तुम कहते हो, मै योवन औ

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जिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।

8 सितम्बर 2016
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राह मत देखों कि चलता साथ कौनआस मत रक्खों कि देता साथ कौनजिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।हॅसों मत गिर गया कोई कही जलों मत यदि कोई शिखर पर जा चढा चढ़ सकों तो साथियों तुम भी चढ़ों।एक छोटा सा दिया तिल - तिल जलेंएक छोटा सा तना जो परहित फलेंजल सकें तो साथियों तुम भी जलोतुम भी फलों।

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आर्थिक रूप से कमजोर लोगो( जैसे रिक्शा ,सब्जी वाला,खेमचे वाला आदि ) से ही मोल भाव क्यों ?

15 सितम्बर 2016
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ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया, पत्नी ने कहा था,१ दर्ज़न केले लेते ना। तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी।वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" सेही लेते थे, पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद

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सेकुलरवादी नेता?

15 सितम्बर 2016
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सेकुलरवादी नेताहमें चाहिए ऐसा नेता जो लगता सेकुलरवादी हो।चाहे पहने चिकन का कुर्ता अथवा पहने खॉदी हो।हमे चाहिए......................जुल्म किये हो चाहे जितनेकितना ही भ्रष्टाचारी हो ।देश द्रोह का दोषी हो या कितना ही अवसरवादी हो।हमे चाहिए......................हर दंगे में बढ़- चढ़ कर शिरकतपर बाते सेकुलरवा

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वायरल फीवर/बुखारके सम्भावित लक्षण एवं उपचार

20 सितम्बर 2016
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देशभर में वायरल फीवर/बुखार का प्रकोप व्याप्त है। जिसके लक्षण सामान्यत: निम्न हैं :—रोग के सम्भावित लक्षण :थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द, गले में दर्द, सर दर्द, जोड़ो में दर्द, ग्रस्नी/गलकोष (pharynx) में सूजन, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, तेज बुखार, सर्दी, खाँसी, दस्त (diarrhea), त्वचा के ऊपर

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सूर्य -नमस्कार के लाभ :

20 सितम्बर 2016
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सूर्य -नमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति की वृद्धि के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति भी तीव्र होती है। इसके अन्य कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं :सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है, और इसके नियमित अभ्यास से मोटापे को दूर किया जा सकता है और इससे दूर रहा भी जा सकता है।इसका नि

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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य :

20 सितम्बर 2016
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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी परन्तु सुदृण व्यक्ति के रूप में डॉ0 आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्

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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की कूटनीति :

27 सितम्बर 2016
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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जब पूरे देश में आक्रोश है और बहुत सारे लोग इसे युद्ध की स्थिति के रूप में देख रहे हैं, जनभावना ईंट का जबाव ईंट से देने के पक्ष में है। इन स्थितियों में सभी देशवासियों की नजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ी और निर्णायक घोषणा की अपेक्षा से ल

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बेटी है शक्ति, हिम्मत और अभिमान?

27 सितम्बर 2016
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मॅा क्या सुन रही हो मेरी आवाजमै आपकी ही परछाई क्या भूल गयी मुझे मै आपकी अजन्मी बेटीशायद समय के चक्र ने विस्मृत कर दिया होगा आपकोपर मुझे आज भी सब याद है वो आपका मुस्कराता चेहरा ममता भरी आॅंखें कुछ भी नही भूली हूॅ।वो दादी की कर्कश आवाजवो बात -बात पर तानों से आगाजआखिर मजबूर होगयी थी आप भी मुझसे मुक्ति

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महगाई का लफड़ा ?

28 सितम्बर 2016
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महगाई का खेल ?

29 सितम्बर 2016
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पहले था वह बीस कमाता अब पाता चालीसपहले बेचता चाय बडा थाअब पालिस भी करता है ।फिर भी महगाई के चलते रोज उधारी करता हैउसको यह समझ न आया ऐसा भी क्या धपला है ।इतनी मेहनत के बाद भी क्यो रोजी रोटी का लफडा हैबीवी कहती और कमाओ खर्चा अब नही चलता है ।दूघ के खातिर उसका बच्चारोज .रोज मचलता है उसको वो कैसे समझाये

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भगत सिंह का अपने परिवार को लिखा ऐतिहासिक खत ?

29 सितम्बर 2016
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दिल्ली जेल26-4-29पूज्य पिताजी महाराजवन्देमातरम्!अर्ज है कि हम लोग 22 अप्रैल को पुलिस की हवालात से दिल्ली जेल में मुन्तकिल (तब्दील) कर दिये गये थे और इस वक्त दिल्ली जेल में ही हैं। मुकदमा 7 मई को जेल के अन्दर ही शुरू होगा। गालिबन (सम्भवतः) एक माह में सारा ड्रामा खत्म हो जायेगा। ज्यादा फिक्र करने की ज

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मोदी जी ने क्या किया अब तक ?

6 अक्टूबर 2016
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एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो दिन रात सिर्फ और सिर्फ देश के लिए सोचता है, जीता है. जिसके पास अपना कुछ भी नहीं, जिसके परिवार के लोग आज भी साधारण सा जीवन जीते हैं....सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये....पेट्रोल 73 से 56 हो गया....डॉलर 70 से 60 हो गया.....सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी, जिससे टाइम पे जल्दी काम हो

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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार आखिर क्यों ?

8 अक्टूबर 2016
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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अवॉर्ड ज्यूरी ने नॉर्वे में फार्क विद्रोहियों के साथ बीते महीने किए गए उनके शांति समझौते के प्रयासों की सराहना की। फार्क विद्रोहियों और कोलंबियाई सरकार के बीच हवाना में चार साल

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जीवन की नसीहते ?

8 अक्टूबर 2016
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1. परेशान ना हुआ करो सबकी बातों से.. कुछ लोग पैदा ही बकवास करने को होते हैं.2. गलती उसी से होती है जो मेहनत से काम करता है, निकम्मों की ज़िंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने में खत्म हो जाती हैं.3. पैसा इंसान को ऊपर ले जा सकता है, लेकिन इंसान पैसे को ऊपर नही ले जा सकता.4. तुम दुनिया में सबसे जीत सकते हो,

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दीपावली मनाने की सार्थकता?

24 अक्टूबर 2016
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दीपावली मनाने की सार्थकता तभी है जब भीतर का अंधकार दूर हो। दीया घर की मुंडेर पर ही नहीं, घट में भी जलाने की जरूरत है। अंधकार जीवन की समस्या है और प्रकाश उसका समाधान। जीवन जीने के लिए सहज प्रकाश चाहिए। प्रारंभ से ही मनुष्य की खोज प्रकाश को पाने की रही। असली प्रकाश मनुष्य के घट यानी हृदय में ही है, उस

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ईमानदारी और सादगी सफलता की एक कहानी - अश्वनी लोहानी

26 अक्टूबर 2016
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ईमानदारी ऐसी कि अशोका होटल में अपना ऑफिस होने पर भी कभी बीवी.बच्चों संग सरकारी पैसे से इस दिल्ली के फाइव स्टार होटल मे एक कप चाय भी नहीं पी। खुद को पहले नजीर बनाकर स्टाफ को भी शाहखर्ची से रोकने में सफल हुए अश्वनी लोहानी ने जब घाटे में चल रही इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन;प्ज्क्ब्द्ध को मुनाफे म

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भारत में इन महर्षियों ने कर दिए थे हजारों साल पहले अविष्कार

27 अक्टूबर 2016
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आचार्य कणादअगर बात परमाणु की आती है तो आज के लोग सिर्फ जोंनडाल्टन की बात करते है पर यह सत्य है की आचार्य कणाद ने हजारों साल पहले ही इस रहस्य को उजागर कर दिया था की द्रव्य के परमाणु होते है |भास्कराचार्यजब बात गुरुत्वाकर्षण शक्ति की होती है तो सब न्यूटन को याद करते है पर बहुत कम लोग जानते है की गुरु

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प्रदूषण का जिम्मेदार कौन?

9 नवम्बर 2016
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हाल में एनसीआर में दिवाली के चौथे दिन भी स्मॉग का असर रहा। गुरुवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर की तुलना में कई गुना अधिक रहा। दिल्ली के कई पल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन में पीएम 25 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का स्तर सामान्य से पांच गुना तक ज्यादा दर्ज हुआ। सर्दियों की शुरुआत अभी हुई है और उ

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नई अर्थक्रांति की शुरुवात है यह सर्जिकल स्ट्राइक

10 नवम्बर 2016
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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि आज मध्यरात्रि यानी 8 नवंबर 2016 की रात 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपए और एक हजार रुपए के करंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। यानी ये मुद्राएं कानून अमान्य होंगी। पीएम ने कहा कि हमने काले धन

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जाली नोट बैंकों और एटीएम मशीनों तक कैसे पहुंचे सनसनीखेज खुलासा–

10 नवम्बर 2016
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देश के रिजर्व बैंक के वाल्ट पर सीबीआई ने छापा डाला. उसे वहां पांच सौ और हजार रुपये के नकली नोट मिले. वरिष्ठ अधिकारियों से सीबीआई ने पूछताछ भी की. दरअसल सीबीआई ने नेपाल-भारत सीमा के साठ से सत्तर विभिन्न बैंकों की शाखाओं पर छापा डाला था, जहां से नकली नोटों का कारोबार चल रहा था. इन बैंकों के अधिकारियों

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रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्‍याश‍ित जीत ?

11 नवम्बर 2016
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अप्रत्‍याश‍ित नतीजों से चौंकाया: 2014 में जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा था, तो किसी राजनैतिक विश्‍लेषक ने भाजपा की इतनी बड़ी जीत की कल्‍पना नहीं की थी। खुद भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों में इतनी ज्‍यादा सीटों का अनुमान नहीं लगाया गया था, मगर जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने स्‍थापना काल से अ

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फुटबॉल के बारे में रोमांचकारी तथ्य ?

14 नवम्बर 2016
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भारत ने FootballFifa World Cup के लिए Qualify नहीं किया था, फिर भी इसे 1950 के WorldCup के Fourth Edition में भाग लेने के लिए Invite किया गया, लेकिन IndianTeam ने Tournament के पहले ही Match में स्‍वयं कोDisqualify कर दिया था।इसका कारण ये था कि Indian Team के पास Football Game खेलने के लिए Proper Sh

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