कवि भारत माँ की मूर्ति से अश्रु निकलते देख कर पूछता है कि :
क्यों अश्रु निकल आये !
क्यों अश्रु निकल आये !!
एक बार माँ बता दे क्यों अश्रु निकल आये
तेरे करोणों सूत है जो बाहुबल से युत है
क्या किसी में इतना दम है जो आँख भी दिखाये
एक बार माँ बता दे
क्यों अश्रु निकल आये ?
तो भारत माँ कहती है कि :
कुछ याद आ गयी थी बीती हुई वो सदिया
वो आजाद की खिलखिलाह ट
वो भगत की मुस्क राहट
वो फाँसी पे हँसकर चढ़ना
बलिदान खुद को करना
जब याद मुझे आये
तो अश्रु निकल आये !!