उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त आरोपितों के विरुद्ध अपनी कार्रवाई बढ़ाई है। वर्ष 2022 में प्रदेश में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के तहत 101 मुकदमे दर्ज हुए। जबकि इनकी सर्वाधिक संख्या जम्मू-कश्मीर में 371 मणिपुर में 167 असम में 133 रही। शेष राज्य कार्रवाई में यूपी से काफी पीछे रहे।
योगी के राज में आतंकियों से लेकर भ्रष्टाचारियों पर कसी नकेल, चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने।
कानून-व्यवस्था का मुद्दा किसी भी राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े उत्तर प्रदेश के लिए अपराधियों पर कार्रवाई का दायरा बढ़ाने का चुनौती भी सर्वाधिक अधिक होती है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट पर नजर दौड़ाये तो प्रदेश में महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं अपराधियों पर कार्रवाई के लिए विभिन्न अधिनियम व अभियोजन के तहत कदम बढ़ाकर उप्र पुलिस ने कई क्षेत्रों में नियंत्रण भी किया है। आतंकियों से लेकर भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के तहत दर्ज मुकदमों की संख्या में बढ़ोतरी इसकी कहानी कहती है।
यूपी में एटीएस की सक्रियता बढ़ी
उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त आरोपितों के विरुद्ध अपनी कार्रवाई बढ़ाई है। वर्ष 2022 में प्रदेश में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम के तहत 101 मुकदमे दर्ज हुए। जबकि इनकी सर्वाधिक संख्या जम्मू-कश्मीर में 371, मणिपुर में 167, असम में 133 रही। शेष राज्य कार्रवाई में यूपी से काफी पीछे रहे। अन्य बड़े राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अपनी सक्रियता बढ़ाई। आर्म्स एक्ट की बात करें तो यूपी में 38,094 मुकदमे दर्ज कर आरोपितों पर कार्रवाई की गई।
आरोपियों पर कार्रवाई
मध्य प्रदेश में इनकी संख्या 12,707 रही और महाराष्ट्र में 3498, बिहार में 3549 व हरियाणा में 3059 रही। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 202 मुकदमों के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की गई। महाराष्ट्र में इस अधिनियम के तहत सर्वाधिक 688 मुकदमे दर्ज किए गए। जबकि तीसरे नंबर पर हरियाणा में 43 मुकदमे दर्ज हुए।
अन्य राज्यों से बेहतर कार्रवाई
यूपी में एनडीपीएस एक्ट के तहत भी कार्रवाई अन्य बड़े राज्यों की तुलना में बेहतर रही। यूपी में 11541 मुकदमे दर्ज हुए थे। जबकि पंजाब में 12442, महाराष्ट्र में 13830 व केरल में 10385 मुकदमे दर्ज हुए थे। रेलवे एक्ट के तहत सर्वाधिक 92 व वन संरक्षण अधिनियम के तहत 1201 मुकदमे दर्ज हुए।
बढ़ी इनकी संख्या
महिला अपराध : यूपी में वर्ष 2021 में 56,083 मुकदमों की तुलना में वर्ष 2022 में 65,643 मुकदमे दर्ज हुए।
बाल अपराध: बच्चों के साथ अपराध में वर्ष 2021 में 16,838 तथा वर्ष 2022 में 18,626 मुकदमे।
दलितों के साथ अपराध: दलितों के साथ अपराध में वर्ष 2021 में 13,146 तथा वर्ष 2022 में 15,368 मुकदमे दर्ज हुए।
यूपी पुलिस ने बढ़ाया है कार्रवाई का दायरा यूपी में आबादी के अनुरूप मुकदमों की संख्या भी अधिक है। विभिन्न अभियानों के तहत महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों समेत अन्य संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इसके साथ ही विभिन्न अधिनियम के तहत कार्रवाई बढ़ाई गई है। इसका परिणाम है कि जघन्य अपराधों में प्रभावी अंकुश लगा है। (प्रशांत कुमार, स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था)