शीशा क्या, बताएगा खूबसूरती तुम्हारीवक्त हो तो देख लेना आखें में हमारी साहिबा
मुस्कुराहट से रोशन है ये ज़िंदगी,जैसे चाँदनी से सजी हो रात।हर लफ़्ज़ में बस महक हो प्यार की,जैसे बहारों का हो कोई जश्न।
अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दे मुझे, इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए।
तुम्हें देखते ही ये दिल बेकरार होने लगता हैतेरी चाहत पर मुझे इक़रार होने लगता है
तुम्हें देखते ही ये दिल बेकरार होने लगता हैतेरी चाहत पर मुझे इक़रार होने लगता है
कोई सुलह करा दे जिंदगी की उलझनो से मेरीबड़ी तलब है हमें भी खुलकर मुस्कुराने की
तेरी मोहब्बत का आलम है दिवाना कर देता है,तेरे इश्क में ये दिल जिंदगी को भर देता है।
तुम जो पूछो, अपनी अहमियत मुझसे, तो सुनोएक तुझको, जो चुरा लूं तो जमाना, गरीब हो जाए
बड़े महँगे किरदार है ज़िंदगी में साहिबासमय-समय पर सबके भाव बढ़ जाते हैं
तुम्हारें बिछड़ने का मलाल नहीं चाहताइसलिए तुम्हें हर हाल में पाना चाहता हूँ
मुद्दत बाद उसने पूछा, कहां रहते हो हमने मुस्कुरा के कहा, तुम्हारी तलाश में
ना जाने कौन सा ऐसा छुपा हुआ रिश्ता है तुमसेहजारों अपने है पर याद तुम ही आते हो
रेस वो लोग लगाते है जिसे अपनी किस्मत आजमानी हो, हम तो वो खिलाडी है जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है!
ज़हरीली हो गई है बाहर की हवाएं,माँ मुझे फिर से अपने आंचल में छुपा लो
संबंध और पानी एक सम्मान होते है ना कोई रंग, ना कोई रूप, ना कोई खुशबूपर फिर भी जीवन के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण है
महकता रहेगा हमेशा मेरा ख्याल तुम्हारे मन मेंतेरे न चाहने पर भी हम तुझे याद आया करेगें
फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पर खड़ी हैंवही मौसम, वही हवा, वही बारिश की झड़ी है
बरसात की सुबह आई, लेकर ताज़गी की बहार,धरती पर बिखरी हरियाली, झूम उठे पेड़-पहाड़।फूलों पर ओस की बूंदें, चमक उठी जैसे मोती,नवीन जीवन की कहानी, कह रही है ये ज्योति।पंछी गा रहे गीत नए, नदियाँ बहती अविरल,आ
यदि ये चेहरे बयां करते जज़्बात दिलों के तो शायद इन एहसासों की जरूरत न होती यदि महज़ कहने से कोई अपना हो जातातो शायद रिश्ते निभान