कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत
कविता शीर्षक - मेरे मित्र भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ निभाते है । ऐसे मित्र जो सबके काम आते है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होत
मित्र और मित्रता भूल जाते है सभी रिश्ते को पर मित्र हमेशा साथ रहता है । ऐसा मित्र जो सबके काम आता है बहुत थोड़े मिल पाते है । दोस्ती में ना कोई दीवार होती है सिर्फ प्रेम की मीनार होती है । जीवन क
कुदरत का दिया आंखे है अनमोल गहना आंखो से कितनी खूबसूरत दुनिया नजर आती है । अमूल्य है ये जो चहरे की खूबसूरती बढ़ाती है । भला हो या बुरा सब आंखो से ही नजर आता आंखे ही सच्चा दोस्त है जीवन भर साथ
आपकी दोस्ती जो मिला प्यार आपसे उसका कर्जदार हू आपकी दोस्ती का शुक्रगुजार हू । अगर आपलोग ना आते जीवन में लिखना, गाना ,रूठना मनाना सब अधूरा रह जाता जिंदगी तो यूंही कट रही थी पर आप सभी के
तुम्हारा आखिरी ख़त आज भी मेरे पास है, ख़त लिखकर तुमने मुझे बताया था, मेरे पास अब तुम न आओगे, मेरे दिल की गलियों को , अपने प्यार से न महकाओगे, तुम एक ख्वाब थे जिसे मैं भूल जाऊं, ख्वाब देखा जा सकता है,
नैना और अमन एक ही ओफिस में काम करते थे। दोनो में अच्छी मित्रता थी । समझ की बात हैं जब एक ही जगह साथ में कामकरते हैं तो दिन भर का ज़्यादातर वक़्त साथ ही गुजारते हैं। घर की बहुत सी बातें एक दूसरे से करत
काश्वी के बड़े होने के सिलसिले में कई मोड़ आए, कभी वो खुद से सवाल करती, तो कभी कोई उससे, कब खुश होती, कब उदास उसे खुद भी नहीं पता चलता, दूसरी लड़कियों से कुछ अलग थी, उसके पापा उससे अक्सर पूछते थे कि उ
बात बहुत पुरानी है पर जेहन मे उसकी याद ऐसे है जैसे कल ही की बात हो।"सुंदर लाल अपने साथी विष्णु को पार्क की हरी घास मे बैठ कर बतियाते हुए कह रहे थे।"तुम्हें पता है आजकल दोस्ती बस नाम की रह गयी है ।दोस्
आज का समय आभासी दुनिया में डूबी दोस्ती–यारी का है। आज दुनिया में एक दिन फ्रेंडशिप डे का हो-हल्ला मचाकर दोस्त बनाने का समय है, जो साल भर में एक दिन आकर हमें भूले-बिसरे, नए-पुराने दोस्तों की याद दिलाता
कहने को तो रिश्ते हजार है दिखावे का बाजार है मझधार से निकलने की जब आती बात है अक्सर कमाल के दोस्त होते साथ है लाख कोशिशें हासिल कुछ नहीं कर पाते सबकी नजरों में फिजूल गिर जाते फिर भी संग संग य
हैलो प्यारी , कैसी हो तुम्हे तो पता एक अच्छा और सच्चा मित्र किस्मत वालों को ही मिलता है। दोस्ती का रिश्ता इस दुनिया का एक ऐसा रिश्ता होता है जो कि खून का नहीं होता। यह सिर्फ़ विश्वास पर टिका
आलिया और दिया ईख के खेत में दो लङकियां चुपचाप गन्ने तोङ रहीं थीं। आलिया कुछ बारह साल की और दीया कोई ग्यारह साल की थी। वैसे आलिया, दीया से एक दरजा आगे पढती थी। पर दोनों में बहुत दोस्ती थी। दीया ज
💓❣️💖❤️💕😍🎊🎊🌹🌹💖❤️💕❣️💘ये कहानी मेरी यानी की रिया और लब्या दी की है😊जो कि उनके Name और मेरे surname पे है😜 ।हैरान होंगे आप लोग कि Name और surname पे कोई कहानी कैसे लिख सकता है ।🤔😀लेकिन ये ए
दोस्ती एक ऐसा खूबसूरत रिश्ता है , सगा न होते