डॉक्टर है समाज का गहना,सदा इन्हें आदर ही देना ।बिन इनके सहयोग के मानो,स्वस्थ समाज एक है सपना।।डॉक्टर का जीवन तो देखो,इतना नहीं होता आसान।पूरी ताकत झोंक कर अपनी,बचाते हैं मरीजों की जान।।रख देते हैं ताक
सब सेवक बन गए है।पेड़ में बैठने वाले पंछी कहाँ जाएंगे? जब पेड़ ही धरा में समा जाए। इस वजह से पेड़ की तुलना प्रवासी मजदूर व प्राइवेट नौकरी से है।अगर नदी का पानी सूख भी जाए, तब भी नाव नदी में रहेगी पानी न सही रेत काफी है। इस वजह से नदी की तुलना सरकारी नौकरी से है।पहाड़ो में औषधि है, राजनीति में पैसा है। स
देश में लगभग रोज कहीं न कहीं से स्वास्थ्य बिभागकर्मियों, डाक्टरों और पुलिस पर कुछ लोगोंद्वारा हमला करने, पथराव करने कीघटनाये सुनने में आती हैं। यह शर्मनाक हैं और खतरनाक भी जिन्हें शक्ति से रोका ही जानाचाहिए। किसी भी देश , धर्म, संप्रदाय या समाज में सब केसब जाहिल हों ऐसा संभव नहीं हैं । किन्तु आश्चर्
अभी मैंने उस ग्रामीण स्त्री की बायीं आँख का ऑपरेशन शुरू ही किया था कि उसने कहना शुरू कर दिया। ''डाक्टरनी ! तुम तो देवी हो देवी! तुमने पहले मेरे आदमी की आँख का ऑपरेशन किया उसे रोशनी दी। अब तुम मेरा ऑपरेशन कर रही हो। तुम तो सचमुच ही देवी हो।" मेरा मन-मष्तिष्क गर्व और
डॉ.रेड्डी को लोग एक शिक्षक,समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर परजानते और याद करते हैं । आज अर्थात 30 जुलाई को इनकी 133वीं जन्म-जयंतीहै । इन्होंने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर काम किया था । साथ ही लिंग-भेदके लिए भी लड़ाई लड़ी ।
इंटरनेट सनसनी डॉ। फरहान खान उर्फ फिजुलियात IWMBuzz.com से बात करते हैंशीर्ष कॉमेडियन और क्राउन इंडियन टिकटोक प्रतिनिधि डॉ। फरहान खान उर्फ फिजुलियात के साथ एक प्रशंसक आधार के रूप में जाना जाता है जिसे फ़िज़ुकीसेना ने हास्य मूल और होंठ सिंक स्केच के माध्यम से 1.2 मिलियन से अधिक अनुयायी अर्जित किए
पटना: आज हम कैंसर के मरीजों व उनके परिजनों के लिए राहत भरी खबर लाए हैं। कैंसर से पीड़त लोग अब ऐलोपैथी के साथ तिब्बती चिकित्सा पद्धति से अपना इलाज करा सकते हैं। हिमाचल के धर्मशाला में तिब्बती हरबल क्लीनिक से आपको दो माह की दवा 100 रुपए में मिल जाएगी।हिंदी अखबार दैनिक भास्
नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित भारतीय वै ज्ञान िक हर गोविंद खुराना का आज मंगलवार 9 जनवरी को 96वांजन्मदिन है । इस दिन गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है । डॉक्टर हर गोविंदखुराना को 1968 में फिजियोलॉजी में नोबल पुरस्कार सेसम्मानित किया गया था । इसके अलावा
लूट मचाने के लिए दवा कंपनियाँ किस हद तक गिर सकती आप अनुमान भी नहीं लगा सकतेअभी कुछ समय पूर्व स्पेन मे शुगर की दवा बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियो की एक बैठक हुई है ,दवाओ की बिक्री बढ़ाने के लिए एक सुझाव दिया गया है कि अगर शरीर मे सामान्य शुगर का मानक 120 से कम कर 100 कर दिया जा
डॉक्टर के इंतजार में मरीज का अंतकाल (व्यंग्य )प्राथमिक विद्यालय का वो टेंश का वाक्य मुझे आज भी याद है कि 'डाॅक्टर के आने से पहले मरीज मर चुका था ' और मैं भला भूल भी कैसे सकता हूँ ? क्योंकि आज तक डॉक्टरी के चक्कर मे मैने अपना आधा जीवन जो गुजार दिया है और दवाई के लिए तो क
विज्ञानऔर तकनीकि विकास के लिये उपयोगी एवं आवश्यकहैं लेकिन असली विकास तभी संभव है जब इनका संयमित और समुचित सदुपयोग हो । विज्ञान औरतकनीकी भौतिक सुखसाधन और संपन्नता तो बढ़ा सकतीं है लेकिन मानसिक शांति ,आत्मिक विकास, सामाजिक समरसता लाने में उतनी कामगारनहीं हैं । विज्ञान के समक्ष साहित्य एवं अन्य ऐसे व
भई दुनिया में कोई कितना भी बड़ा तुर्रम ख़ान क्यों न हो, उसे किसी की ज़रूरत पड़ती हो या न पड़ती हो मगर ज़िंदगी मेम कभी न कभी डॉक्टर की ज़रूरत तो पड़ती ही है। बल्कि हमारी तो ज़िन्दगी का पहला दिन ही डॉक्टर की हथेलियों के स्पर्श से शुरू होता है। डॉक्टर न सिर्फ़ हमारी स्हत के रखवाले हैं बलिकि हमारे स्वास
‘भूख खत्म करने वाली इतनी बीमारियां हैं कि कोई सहृदय, सक्षम और चुस्त डॉक्टर ही उसकी जड़ तक पहुंच सकता है’मनीषा यादवडॉक्टरों के कमरे में यह वाली प्रार्थना इतनी बार की जाती है कि यदि कभी झाड़ू मार कर प्रार्थनाओं को बुहारने की कोई तकनीक निकल आए तो उनके चैंबर से रोज बड़ा-सा ढेर इसी प्रार्थना का निकले. मै