देश में लगभग रोज कहीं न कहीं से स्वास्थ्य बिभाग
कर्मियों, डाक्टरों और पुलिस पर कुछ लोगों
द्वारा हमला करने, पथराव करने की
घटनाये सुनने में आती हैं। यह शर्मनाक हैं और खतरनाक भी जिन्हें शक्ति से रोका ही जाना
चाहिए।
किसी भी देश , धर्म, संप्रदाय या समाज में सब के
सब जाहिल हों ऐसा संभव नहीं हैं । किन्तु आश्चर्य जनक रूप से भड़काने वाले राजनैतिक
और धार्मिक नेता ज्यादा मुखर होते है और त्वरित भारी क्षति पहुँचा कर निकल जाते हैं।
सोचकर आश्चर्य और अफसोस होता है। जिन लोगों की
जान की हिफाज़त के लिए जो लोग स्वयं संक्रामण
का खतरा उठाकर काम कर रहे है। उन्हें ये लोग अपना दुश्मन क्यों समझ रहे हैं?
इसके लिए अब सामाजिक और धार्मिक नेताओं को आगे
आकर अपने अपने प्रभाव क्षेत्र में लोगों को शिक्षित करना और उचित परामर्श देना चाहिए।
वर्ना कोरोना को खत्म करने के लिए लागू अनुशासन
को कोई शरारती तत्व किसी समुदाय के खिलाफ षड्यंत्र
बता कर लोगों को भड़काने में कामयाब होता रहेगा।