समय और इस समय से जुड़ी सारी की सारी सच्चाई महज इत्तफाक नहीं है कि हम इसका इंतजार करें और तलाशे इन
अपनी जगह पर छुपा है कोई हादसा अर्थ जीवन का बताकर घुलाते हैं जेहन में डर
उसे पता था अपने भीतर की आग कि घर के अंधेरे कोने में काई जैसी हरी आंखों से
तुम्हारे भीतर जहां हरे भरे खेतों में फसलों की जगह रखे जा रहे हैं बम क
देखा जा सकता है काल को अपने पैरों में बांधे पहाड़ों की श्रृंखलाएं
एक कविता कसमसा रही है और जिद में अड़ी है कि न मुझे कविता बननी है ना ही मैं</
असीम शून्य के भीतर जो पसरा है भयानक सन्नाटा है अभी भी उनमें आग पर शून्य के ब
जब कभी भी तुम हो मेरे पास और मैं तुम्हारे पास क्या ऐसे में हमारे बीच
हमारे मस्तिष्क में है भाषा का मकड़जाल और भव्य अर्थों के बोझ जिन्हें ढोते हुए
मैंने तो नहीं कहा संगीत बजाती कोई नदी संपूर्ण अर्थ नही रखती ठीक
अनेक चेहरों में युद्ध के हादसे ऐसे डोल रहे हैं जैसे निविड़ तिमिर में
यह वह नहीं है वह भी यह नहीं है जब संवेदनाएं देह से गुजरती है और
कुछ शब्द होते हैं बच्चों के खिलौने तो कुछ बुजुर्गों के जुगनू <
जब सूरज उगा काली परछाईं दुबक गई किसी कोने में और जीवन साक
रंग अपने रंग के भीतर एक रंग खोज रहा है संभव है किसी सुबह
जब तुमने तय कर दी है हमारी सीमाएं बांध दी है तुमने हमारी दृष्टि
आज वर्षों बाद जब मैं इस गली से गुजर रहा हूं तमाम सुख दुख के सपने