पात्र पात्र राजीव पात्र दिव्या पात्र जया पात्र मुकेश कहानी कि शुरुआत होती है दिल्ली के रहने वाले राजीव के घर से जहां वो अपनी अस्त व्यस्त जिंदगी में अपने परिवार को और खुद
काश! पेड़ भी बोलते होते,तो इनकी खुशी हम समझे होते।कैसे सावन में पेड़ के सारे पत्ते, मिलकर खुशी मनाते हैं। ऐसा लगता है हर रोज, वो कोई पर्व मनाते हैं।काश!पेड़ भी चलते–फिरते होते,तो
वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग विश्व भर में एक बहुत बड़ी समस्या बन कर उभर रही है। यह एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है। धरती के वातावरण का तापमान लगातार बढ़ ही रहा है। प्राक्रतिक आपदाओं का सिलसिला भी बढ़ रहा है औ
पर्यावरण संरक्षण का महत्व और उपयोगिता।
विश्व के जितने भी दिवस हैं जैसे विश्व क्षय रोग दिवस, विश्व पशु कल्याण दिवस, विश्व शिक्षक दिवस, विश्व वन्यजीव दिवस, विश्व महिला दिवस, विश्व उपभोक्ता दिवस, विश्व
हर जगह विनाश ही विनाश मानव नही रहे अब सेफ उनकी करतूत से धरती बदल रही है पोशाक किसी दुर्घटना से पा ले निजात पर प्रकृति का कहर से कौन बच सकता है "कुछ लोग पेड़ काट रहे थे
शहरो की धूल भरी सड़केंजब भी देखती हूं,पहाड़ व गांव याद आते हैंजहां पेड़ों के नीचे,सुकून से बैठे होते हैं लोगबिना पंखों व एसी केजहां की सुबह होती है शुरूचिड़ियों की चहचाहट से,जहां नदियों का जल बहत
आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं। यह दिवस आज स्कूल में पर्यावरण प्रतिज्ञा के साथ बच्चों के साथ मनाया गया। इस दिवस पर पेड़ों का महत्व व पर्य
मॉ को खेत की मेड परडाली रोपते हुए खूब देखा हैदादी को पेड़ की सुरक्षा के लिएबाड़ करते हुए अक्सर देखा है। गॉव में पीपल को देवता का पेड़बरगद को ईष्टों का आसरापैंया को नागर्जा का प्रतीकमानते हुए कई पीढि
विश्व पर्यावरण दिवस~इन दिनों गांव में हूं। सुबह शवासन के दौरान जब आसमान की ओर देखा , नीला, स्वच्छ और निर्मल आसमान आंखों की खिड़की के सामने बदस्तूर पसरा पड़ा था । ऐसा जैसे कि वायुमंडल में किसी ने अभी अ
आज सबने योगदान दिया है ...किसी ने DP लगाकर तो किसी ने कुछ Post डालकर ...ये भी कोई कम बात नहीं है ...एक साथ दो चेहरे लेकर घुमना ... सब कोई व्यस्त है ...
वातावरण दिवस हर साल आज के दिन, यानि 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है। हर साल यह दिवस इस लिए मनाया जाता है ताकि लोगों को वातावरण के प्रति जागरूक किया जा सके। विश्व वातावरण दिवस मनाने का ऐलान तब कि
वृक्षारोपण कर करे ,उत्सव की शुरुआत , पर्यावरण की सुरक्षा ,सबसे पहली बात । 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳नदियाँ मुझसे कह रही,चुभता एक सवाल , कहाँ गया पर्यावरण, जीना हुआ मुहाल । 🌲🌲🌲🌲🌲
हो संकल्पित आज के दिनहम धरा को हरा बनायेंगेपेड़ लगाकर देखभाल करउनको बड़ा बनायेंगेहम पृथ्वी को स्वर्ग बनायेंगेहम पर्यावरण बचाएंगे।जल संग्रह करके हम सबतालाब बावड़ी बचायेंगेनदियों को हम न करें प्रदूषितनिर्म
आज विश्व पर्यावरण दिवस है। हमारे जीवन के अस्तित्व, निर्वाह, विकास आदि को दूषित करने वाली स्थिति को पर्यावरण-प्रदूषण कहा जाता है। जैसे-जैसे महानगरों के विस्तार के साथ ही नए-नए उद्योग-धंधों का अनियंत