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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022

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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को त्याग दिया, क्योंकि" जानता था, सामने से जरूर प्रतिक्रिया मिलेगी और वही हुआ भी। सलिल से आखिरकार नहीं रहा गया और उसने एक बार एस. पी. साहब को देखा और फिर शांतनु देव की आँखों में झांक कर धीरे से बोला।
यार शांतनु!....आखिर बात क्या हुई कि" तुम्हें इस तरह से दौड़ कर पुलिस स्टेशन आना पड़ा। बोलने के बाद सलिल एक पल के लिए रुका, फिर आगे बोला। अभी तो तुम्हें हाँस्पिटल के बेड पर होना चाहिए था, परन्तु तुम यहां हो। जरूर कोई विशेष बात होगी, है न?...सलिल ने प्रश्न पुछा और नजर शांतनु देव पर टिका दी। जबकि, शांतनु देव उसकी बातों को सुनकर एक पल मौन होकर कुछ सोचता रहा, फिर वो उससे मुखातिब हुआ।
                    इसके बाद तो शांतनु देव उन्हें बतलाने लगा कि" किस प्रकार से बीती रात को उसने भयावह ख्वाब देखा था और इसके बाद उसके मन को विभिन्न खयालों ने घेर लिया। सलिल एवं एस. पी. साहब, दोनों उसकी बातों को ध्यान पूर्वक सुन रहे थे, परन्तु दोनों में से किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में आँफिस में फिर से एक बार  सन्नाटा पसर गया, ऐसा सन्नाटा कि" सुई भी गिरे तो तेज धमाके की आवाज हो। लेकिन तभी रोमील ने आँफिस में कदम रखा और तीनों उसके पदचाप सुनकर चौंके। नहीं तो, अगर रोमील ने वहां कदम नहीं रखा होता, उनकी समाधि नहीं टूटती। जबकि, उन तीनों को इस तरह से चौंकता देख कर रोमील समझ गया कि" वे तीनों जरूर किसी गंभीर मुद्दे पर उलझे है। अन्यथा तो, उनकी समाधि इस तरह से नहीं लगती। परन्तु...वह तो काम से आँफिस में आया था, इसलिये सलिल को जानकारी दी कि" रजौली को टाँर्चर रुम में लाया जा चुका है। इतनी बात कहने के बाद रोमील उलटे पांव लौट गया।
                           जबकि, उसके जाते ही सलिल शांतनु देव से मुखातिब हुआ, लगा कि" जैसे उसकी तंद्रा टूटी हो। फिर संयमित स्वर में उससे बोला कि" हम लोग रजौली से पूछताछ करने जा रहे है, तुम्हें भी चलना हो, तो बोलो। शांतनु देव तो यही चाहता था, इस के लिए ही तो आया था वो यहां पर। इसलिये सहर्ष ही तैयार हो गया। फिर तो तीनों आँफिस से निकले और गलियारों से चलते हुए टाँर्चर रूम में पहुंचे। वहां पहले से ही रजौली टाँर्चर चेयर पर बैठी गेट पर नजर टिकाए थी। ऐसे में जैसे ही उनकी नजर गेट से प्रवेश कर रहे उन तीनों पर गई, उसके होंठों पर मुस्कान थिरक उठी। उसने उन तीनों को गहरी नजरों से देखा और फिर धीरे से बोली।
साहब!....जानती थी कि" आप हैरान-परेशान से वापस मेरे पास लौटोगे और फिर....वही लंबे-लंबे प्रश्न। फिर तो मैं उत्तर मैं आपको एक नया रास्ता बतला दूंगी, जिससे कि" आप जान सको, मेरे ताल्लुक़ात किस आतंकी संगठन से है। बोलने के बाद एक पल के लिए रजौली रुकी, जबकि इधर तीनों रूम में प्रवेश कर के कुर्सी संभाल चुके थे और अब उनकी नजर रजौली पर ही टिकी थी। तभी रजौली आगे बोली। साहब!....आप दोनों को तो जान चुकी हूं, परन्तु यह नया शख्स?....वैसे सच कहूं तो, मैं अगर गलत नहीं हूं तो ये श्रीमान मेरे पहले हमले में घायल हो चुके है। रजौली अपने अंतिम के शब्दों पर जोर देकर बोली। जबकि" उसकी बातों को सुनकर तीनों सकते में आ गए। अभी बोले गए शब्दों से एक बात किलियर हो चुका था कि" रजौली जीनियस थी, नहीं तो पहले वारदात में तो उसने एक पल के लिए शांतनु देव को देखा होगा। तो फिर वह पुलिस को क्यों घूमा रही है?...और भी कई प्रश्न थे, जिसे किलियर करना था, इसलिये सलिल रजौली को संबोधित कर के बोला।
रजौली!...एक बात तो किलियर हो चुका है कि" तुम ब्रिलिएंट हो, तो फिर इस तरह से पुलिस को उलझा क्यों रही हो?....जबकि, तुम इस बात को भलीभांति समझती हो कि" इस तरह से तुम कानून के चंगुल से नहीं बच सकती हो।
हां रजौली!...सलिल सही कह रहा है। इस तरह से तो तुम किसी हालत में कानून से नहीं बच सकती। इसलिये बेहतर यही होगा कि, सच-सच बतला दो। सलिल की बातें खतम होते ही एस. पी. साहब भी बोल पड़े, फिर रजौली को देखने लगे। जबकि, उन दोनों की बातें सुनकर रजौली एक पल के लिए मुस्कराई, फिर बोली।
आपको मेरी बातों पर विश्वास नहीं होता साहब!.... तो फिर आप खुद क्यों नहीं पता कर लेते। बोलने के बाद रजौली ठहाके लगा कर हंसने लगी। हा-हा-हा-हा। रजौली का हंसना और तीनों हक्का-बक्का होकर उसके चेहरे को देख रहे थे और जब रजौली का ठहाका थमा, सलिल उससे मुखातिब होकर बोला।
रजौली!...तुम्हारा इस तरह का व्यवहार?.....ढेरो प्रश्न खड़ा कर रहा है। अब तुम इस तरह के व्यवहार करोगी, तो प्रश्न सुलझने की बजाए और भी उलझ जाएगा। अतः हम लोग यही चाहेंगे कि" तुम पुलिस के साथ को-आँपरेट करो। बोलने के बाद सलिल रजौली के आँखों में देखने लगा। जबकि, उसकी बातें सुनकर एक पल के लिए रजौली मुस्कराई, फिर तुनक कर बोली।
तो नहीं बतलाती साहब!....आप लोगों को जो भी करना हो कीजिए, परन्तु....अब नहीं बोलूंगी। इसके बाद तो रजौली ने चुप्पी साध ली।
                            इसके बाद तो उन लोगों ने काफी कोशिश की, परन्तु रजौली के होंठों से एक शब्द नहीं निकला। ऐसे में बेचैन नजरों से सलिल ने एस. पी. साहब को देखा, जबकि" कौतूहल बस शांतनु देव ने सलिल को देखा। जबकि, एस. पी. साहब इस बात को भलीभांति समझ चुके थे कि" फिलहाल तो रजौली के मुंह से एक भी शब्द निकलवाना दूर की कौड़ी है। ऐसे में वहां बैठे रहने का कोई मतलब नहीं था। तभी तो उन्होंने सलिल को इशारा किया कि" अब यहां से चले। फिर तो सलिल ने रोमील को बुलाया और रजौली को ले जाने के लिए कहा। फिर तीनों अपनी जगह से उठे और वापिस आँफिस में आ गए। परन्तु....आँफिस में आने के बावजूद भी तीनों में से किसी ने जुबान नहीं खोला। बस बैठे हुए तीनों एक-दूसरे के चेहरे को देख रहे थे, स्वाभाविक था कि" वहां सन्नाटा पसर गया। किन्तु शांतनु देव, उससे सन्नाटा सहन नहीं हुआ, तभी तो एस. पी. साहब से बोला।
सर!....इस तरह जो रजौली मामले को उलझाएगी, फिर तो पुलिस के लिए परेशानियों का दौर कम होगा ही नहीं। बोलने के बाद शांतनु देव एक पल के लिए रुका, फिर बोला। सर!....उसने जिस तरह के वारदात अंजाम दिए है, ऐसे में उसकी यह हरकत, किसी प्रकार से पुलिस एवं कानून के लिए शुभ नहीं है।
तो क्या तुम चाहते हो कि" उस पर पुलिसिया बल का प्रयोग किया जाए?...बोलने के बाद एस. पी. साहब रुके और शांतनु देव के आँखों में देखा, फिर बोले। शांतनु!.... मामला उलझा हुआ है और फिलहाल तो रजौली के बारे में पुलिस की जानकारी शून्य है। ऐसे में हमारे पास दूसरा कोई सोर्स भी नहीं है कि" उसके बारे में जानकारी हासिल कर सके। दूसरी बात कि" उसपर थर्ड डिग्री का प्रयोग कदापि उचित नहीं है। एस. पी. साहब ने कहा और उन्होंने मौन धारण कर लिया।
                               जबकि" शांतनु देव आश्चर्य चकित होकर उन्हें देखने लगा। उसे भी इस बात की अनुभूति थी कि, एस. पी. साहब परिस्थिति के अनुकूल और सत्य कह रहे है। अभी तो शांतनु देव आगे भी सोचता, तभी रोमील ने एक कवर लिए हुए आँफिस में प्रवेश किया और उन लोगों को बतलाया कि" डायरेक्ट कोर्ट से आया है। बस सलिल ने कवर लिया और खोल कर ऊँचे स्वर में पढने लगा। कोर्ट के द्वारा रजौली के संदर्भ में पुलिस को नोटिस दिया गया था कि" रजौली के गिरफ्तारी को दो दिन हो गए, किन्तु कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया गया। बस कोर्ट के नोटिस का मतलब समझते ही वे एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे।
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क्रमशः-
                                

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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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