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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022

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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के बाद भी इस बात को तय नहीं कर पाया था कि" बातों की शुरुआत कहां से करें। वैसे भी बाहर अंधेरा ढल चुका था और इसके साथ ही हाँस्पिटल की सारी लाइटें जल चुकी थी, जिसके कारण हाँस्पिटल बिल्डिंग जगमग करने लगा था। बीतते समय के साथ ही सलिल की बेचैनी बढती जा रही थी, परन्तु अब तक वो फैसला नहीं कर पाया था कि" बातों की शुरुआत किस प्रकार से करें, तभी तो शांतनु देव से नहीं रहा गया, तभी तो उसके आँखों में देखकर बोला।
सलिल यार!.....देख रहा हूं कि" जब से आए हो, बेचैन हो और मुझपर ही नजर जमाए हुए हो। क्या कोई विशेष बात है?....शांतनु देव ने कहा और फिर सलिल के चेहरे को देखकर उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा। जबकि, सलिल उसकी बातों को सुनकर जैसे निर्णय कर लिया हो, तभी तो धीरे से बोला।
हां, तुम सही सोच रहे हो शांतनु। बस यही समझो कि" मैं परेशान हो चुका हूं, तभी तो तुम्हारे पास आया हूं। बोलने के बाद एक पल के लिए रुका सलिल, फिर आगे बोला। यार शांतनु!...रजौली ने तो मेरे दिमाग की सभी बत्तियां जला दी है। उसका विचित्र तरह का व्यवहार और उसके बात कहने का अंदाज, समझो कि" उलझ कर रह गया हूं। समझ ही नहीं पा रहा हूं कि" उस औरत से किस प्रकार  से बात करुं। बोलने के बाद सलिल शांतनु देव के चेहरे को देखने लगा, जबकि शांतनु देव चौंककर बोला।
तुम उस वारदात करने बाली औरत की बात कर रहे हो क्या सलिल?
हां-हां, उसकी ही बात कर रहा हूं यार!....सलिल उसकी बात खतम होते ही बोल पड़ा।
                         फिर तो उसने शांतनु देव को "रजौली" के गिरफ्तार होने से लेकर अब तक की घटना को सिलसिलेवार बतलाया। उसने बतलाया कि" रजौली पुलिस स्टेशन में किस तरह के व्यवहार कर रही है और साथ ही यह भी बतलाया कि" उसके कहे अनुसार शहर की पुलिस और सेना के जवान किस तरह से गलियों की खाक छान रहे है। सलिल कहता जा रहा था और शांतनु देव ध्यान पूर्वक उसकी बातों को सुन रहा था और जब सलिल ने बात खतम की, शांतनु देव अवाक सा उसके चेहरे को देख रहा था। बीतता हुआ समय और उसके साथ ही सलिल के चेहरे पर बढती बेचैनी। किन्तु" शांतनु देव फिलहाल तो कुछ कहने की स्थिति नहीं था। जबतक कि" वह रजौली से मिलकर उसे समझ नहीं लेता, किस प्रकार से सलाह दे।
                     तभी तो शांतनु देव ने सलिल को कहा कि" कल मुझे हाँस्पिटल से छुट्टी मिलती है, उसके बाद देखता हूं। बस इतनी बातें और सलिल ने उससे विदा ली और हाँस्पिटल से निकला। फिर तो उसकी बाईक सड़क पर सरपट दौड़ने लगी और उसी रफ्तार से उसके विचार दौड़ने लगे।....परन्तु, अभी वो इन विचारों से मुक्त रहना चाहता था और उसकी इच्छा यही थी कि" फिलहाल तो पुलिस स्टेशन पहुंचे, उसके बाद ही देखेगा कि, करना क्या है। तभी तो वो बाईक को फूल स्पीड से भगाए जा रहा था। हलांकि एक दो बार उसकी इच्छा हुई कि" बाईक का रुख किसी वियर बार की ओर मोड़ दे। किन्तु नहीं, उसने इस विचार को तत्काल ही त्याग दिया। वैसे भी, परिस्थिति इस प्रकार की थी कि" इस प्रकार की हरकतें करना उसके लिए मुसीबतें पैदा कर सकता था।
                                 जब मामला उलझा हुआ हो, उसमें भी आतंकी हमले की स्थिति हो, वह मौज-मस्ती करने के लिए सोच भी नहीं सकता था। परिस्थिति ऐसी बन चुकी थी कि" रजौली के द्वारा दिए जा रहे बयान ने सीनियर आँफिसरों को भी हलकान कर रखा था और उसे उम्मीद थी कि" इसकी धमक गृह मंत्रालय तक पहुंच गई होगी। ऐसे में वो कभी भी नहीं चाहता कि, थोड़े मजे करने के चक्कर में अपना कीमती समय बर्बाद करें। जानता था कि, कभी भी, किसी समय भी किसी भी प्रकार की जानकारी उसे सुनने को मिल सकती है और किसी भी हालात का सामना करने के लिए उसे तैयार रहना पड़ सकता है। अब इस हालात में उसने ड्रिंकिंग ली, तो फिर मुसीबत आने में समय नहीं लगने बाला।
                           लेकिन अचानक ही सलिल चौंका, आश्चर्य के कारण उसकी आँखें सिकुड़ी और उसने बाईक रोक दिया। कारण कि" फुटपाथ पर खड़ा वो भिखारी, जो आने-जाने बाले हर एक व्यक्ति को याचना भरी नजरों से देख रहा था। परन्तु सलिल इस लिए नहीं चौंका कि" उसने भिखारी को याचना करते हुए देख लिया था, वह तो चौंका इसलिये था कि" स्ट्रीट लाइट के नीचे खड़ा भिखारी उसे कुछ अजीब सा प्रतीत हो रहा था। स्ट्रीट लाइट की रोशनी उसके चेहरे पर सीधे पड़ रही थी और उस रोशनी में उसका चेहरा चमक रहा था और बस वही चमक सलिल को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। उसे लग रहा था कि" वह चेहरा उसके लिए जाना-पहचाना सा है, परन्तु....किसका है?
                              सलिल ने एक पल के लिए सोचा, फिर उसने बाईक खड़ी की और फिर उस भिखारी की ओर बढा और जब उसके चेहरे को गौर से देखा, आश्चर्य भरी चीख उसके होंठों से निकली।.....कुमाऊ रंजन!...हां वो कुमाऊ रंजन था, जिसका चेहरा स्ट्रीट लाइट की रोशनी में चमक रहा था। वैसे तो शाम ढल जाने के कारण वातावरण में अंधेरा घिर चुका था। परन्तु....अंधेरे से शहर को कोई फर्क नहीं पड़ता, तभी तो सलिल की नजर ने उसको पहचान लिया था। हां, वो कुमाऊ रंजन था, स्टेज आर्टिस्ट एवं साहित्यकार। जिसकी एक समय हाक" चलती थी, वही कुमाऊ रंजन था। अभी तो कुछ देर पहले ही शांतनु देव उसके द्वारा रचित उपन्यास पढ रहा था। वही कुमाऊ रंजन आज भिखारी बना फुटपाथ पर खड़ा था और उस चेहरे को देखकर सलिल चौंका था।
                                 लंबा कद, गोरा रंग, भरा हुआ शरीर, भूरी आँखें और गोल चेहरा। आकर्षक व्यक्तित्व रहा होगा कुमाऊ देव का। किन्तु" अभी बढी हुई दाढी और बिखरे हुए बाल, उसपर शरीर पर फटे हुए कपड़े और कंधे पर लटका हुआ मैला-कुचेला थैला। इस कारण से लग रहा था कि, उसके आकर्षक व्यक्तित्व को जैसे ग्रहण लग गया हो। हां, उनका रायल्टी अभी भी आता होगा, वह भी बहुत बड़े अमाउंट के रुप में। किन्तु" समय की मार ने उसे बेबस कर दिया था कि" आज वो भिखारी के रुप में खड़ा था। परन्तु....उनके साथ ऐसी क्या ट्रैजडी घटित हुई कि" एक समय का चमकता हुआ सितारा आज गर्दिश में है?
                  प्रश्न उठना सहज भी था। परन्तु....फिलहाल तो अभी क्यों इस प्रश्न में उलझे?...अभी तो जरूरत है कि" उन्हें लेकर पुलिस स्टेशन जाए और उनकी देखभाल करें। फिर आगे देखेगा कि" उनके संदर्भ में क्या किया जा सकता है। सलिल ने सोचा और फिर कुमाऊ रंजन को इशारा किया कि" साथ चलिए और कोई अबोध बच्चा हो जैसे, कुमाऊ देव सलिल के पीछे-पीछे चल पड़े। फिर तो सलिल ने उनको अपने बाईक पर बैठाया और पुलिस स्टेशन के लिए चल पड़ा। किन्तु" इस समय सलिल की सोच डायवर्ट हो चुकी थी। कहां तो वो रजौली के विचारों में खोया हुआ था और कहां कुमाऊ रंजन के विचार में बुरी तरह उलझ गया।
                       समय की गति बहुत ही न्यारी है। कब किसके साथ क्या घटित हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। नहीं तो एक समय आसमान में चमकता हुआ सितारा इस तरह से तो धूल- धूसरित नहीं हो रहा होता। सोचते-सोचते सलिल का हृदय संवेदना के आवेग से द्रवित हो उठा। उसने तो जिस बात की कल्पना भी नहीं की थी, वह आज उसे देखने को मिला था। तभी तो पुलिस स्टेशन के कंपाऊंड में पहुंचते ही उसने बाईक खड़ी की और कुमाऊ रंजन को लेकर अपने आँफिस की ओर बढा।
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क्रमशः-
                                

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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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