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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022

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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल. जी. के. हाँस्पिटल में हलचल बढ चुका था। एक तो हाँस्पिटल के रेगुलर मरीज, दूसरे कल शाम और रात को वारदात में घायल हुए लोग, साथ ही न्यूज रिपोर्टर की अंदर जाने की कोशिश। स्वाभाविक था कि" हलचल की मात्रा बढती ही चली जाए। चारों ओर शोर-शराबा और कोलाहल। ऐसे में सलिल का दिमाग भन्नाने लगा था। एक वही तो था, जो अब तक धैर्य धारण किए हुए था, अन्यथा तो कोई दूसरा होता, या तो हाथापाई पर उतर जाता, या तो पुलिस स्टेशन जाकर आराम फरमाने लगता।
                                  किन्तु" सलिल अलग माटी का बना हुआ आँफिसर था। इन छोटे-मोटे हलचल से घबरा जाए, सलिल उस में का नहीं था। तभी तो हलचल बढते देख कर वह सब से पहले शांतनु देव से मिलने गया। उसे जानकारी दी कि" रात को उसके पास से जाने के बाद कौन-कौन सा घटनाक्रम घटित हुआ है। शांतनु देव तो बस शांत होकर उसकी बात सुन रहा था और जैसे ही सुना कि" वारदात को अंजाम देने बाली औरत गिरफ्तार हो गई है, उसके अधर पर मुस्कान उभड़ आया।....जबकि सलिल ने शांतनु देव से चलने की अनुमति ली और डाक्टर अमीत रंजन से मिला। 
                             डाक्टर अमीत रंजन ने जब सुना कि" सलिल उस औरत को पुलिस स्टेशन लेकर जाना चाहता है, उसने सहर्ष अनुमति दे-दी। तब तक रोमील एवं राम माधवन आ चुका था। बस सलिल की रही-सही चिन्ता भी जाती रही। इसके बाद तो उस औरत को सुरक्षा के घेरे में बाहर निकाल कर पुलिस वान में बिठाया गया। हलांकि इस दरमियान मीडिया बालों ने काफी कोशिश की कि" उस औरत को लाइव दिखा सके। परन्तु,....जब सलिल जैसा आँफिसर सामने हो, इस बात की संभावना बिल्कुल भी नहीं थी। तभी तो सफलता नहीं मिल पाने के कारण मीडिया बाले निराश हो गए। जबकि सलिल काफिला को लिए हुए पुलिस स्टेशन के लिए चल पड़ा, दिमाग में विचारों को भुनाते हुए।
                              अभी तक की जो परिस्थिति थी, उससे तो उसे एक बात स्पष्ट महसूस हो रही थी कि" वो औरत जरूर किसी आतंकी संगठन में कार्य करती होगी। किन्तु" अभी तक यह स्पष्ट नहीं था कि वह किस आतंकी संगठन से तालुकात रखती है। परन्तु.....उसके पास मिले हुए ए. के. फोर्टी सेवन से तो इतना स्पष्ट हो चुका था कि" वो नेक इरादा" तो नहीं रखती। भले ही उसने अब तक जो वारदात अंजाम दिए थे, उसने किसी की जान नहीं ली थी। परन्तु उसकी कोशिश तो यही थी कि" ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान ले सके। बस सलिल यही आकर रुक जाता था कि" अगर वो किसी की भी जान लेने की इतनी ही इच्छुक थी, तो उसका निशाना सही क्यों नहीं बैठा?
                                 भले ही उसने जिस प्रकार के वारदात को अंजाम दिया था, वो पैटर्ण आतंकवादियों का होता है। वे पब्लिक में भय उत्पन्न करने के लिए ही इस तरह से सरेआम पब्लिक प्लेस पर हमला करते है। किन्तु" उनके हमले में हताहतों की संख्या काफी होती है, जो कि" इन दोनों वारदात में नगण्य था। सलिल को अब तक जो जानकारी थी, उसके अनुसार किसी की भी ऐसी स्थिति नहीं थी कि" कहा जा सके कि, वो मरने बाला है। ऐसे में इस वारदात को आतंकी घटना भी नहीं कहा जा सकता था। परन्तु" पैटर्ण जो हमला करने का था, वह आतंकी गतिविधि की तरफ इशारा कर रहा था।
                                  बस सलिल उलझ कर रह गया था इस मामले में। तभी तो उसने फैसला किया कि" उस औरत को ले जाने के बाद उससे पूछताछ करेगा। जानने की कोशिश करेगा कि" उसने इस प्रकार के वारदात को किसलिये अंजाम दिया। किन्तु" पूछताछ तो तभी करेगा, जब वह पुलिस स्टेशन पहुंचेगा। वैसे भी शांतनु देव के घायल हो जाने के कारण सलिल खुद को अकेला सा महसूस कर रहा था इस मामले में। क्योंकि" एक शांतनु देव ही ऐसा था, जो कि उसका लँगोटियाँ था और साथ ही उसे आँफिसियली जानकारी भी थी। एक वही था, जो उसे सलाह भी दे सकता था और गुत्थियां सुलझाने में उसकी मदद भी कर सकता था। रोमील एवं राम माधवन तो था, जो काफी तेज-तर्रार था, किन्तु" उसके सामने ज्यादा मुंह खोलने की हिम्मत नहीं कर पाता था। दूसरे, उन दोनों के सामने सलिल अपना जुबान ज्यादा खोल भी नहीं पाता था कभी।
                     अभी तो सलिल विचार के जालों में उलझा ही था कि" पुलिस की गाड़ियां पुलिस स्टेशन के अंदर प्रवेश कर गई। फिर तो सलिल कार से बाहर निकला और अपने आँफिस की ओर बढ गया। जबकि" रोमील एवं राम माधवन उस औरत को लेकर टाँर्चर रूम की ओर बढ गए, क्योंकि सलिल ने उन्हें यही निर्देश दिया हुआ था। इधर सलिल ने आँफिस में पहुंच कर फ्रीजर से पानी निकाल कर पीया और फिर वापस बाहर निकला। इस बार उसके कदमों की गति टाँर्चर रूम की ओर थी। क्योंकि" उसने इरादा बना लिया था कि" अब उस औरत से पूछताछ करेगा। क्योंकि उसकी प्राथमिकता भी यही होनी चाहिए थी। जानता था कि" कुछ घंटों बाद ही पुलिस स्टेशन अधिकारियों का जमावड़ा बनने बाला है। तभी तो, उसने टाँर्चर रूम में कदम रखा और उसकी नजर टाँर्चर चेयर पर हथकड़ी लगी हुई उस औरत पर गई। उसके बाद उसने राम माधवन को देखा और उसे काँफी लाने के लिए बोल दिया।
                      और राम माधवन रूम से बाहर निकल गया। जबकि सलिल आगे बढा और उस औरत के सामने बैठा और नजर उस औरत के आँखों में पिरो दी। जबकि रोमील ने जब इस तरह से देखा, तो शांत खड़ा होकर दोनों को ही देखने लगा। जबकि" सलिल को अपने आँखों में इस तरह से आँखें पिरोए देखकर वह औरत मुस्कराई। उसके जर्जर शरीर और सूखे हुए चेहरे पर मुस्कान बेकार प्रतीत हो रहा था। लेकिन वो औरत मुस्करा रही थी और अपने हाव-भाव भी पल-पल बदल रही थी। बस उसके इस तरह बदल रहे भाव-भंगिमाओं को देखकर सलिल को अचरज हुआ, तभी तो उसे संबोधित करके बोला।
देख रहा हूं कि" तुम मुझ से बात करना चाहती हो?...... बोलने के बाद एक पल के लिए रुका सलिल, फिर बोला। परन्तु, हम दोनों के बीच बातचीत की शुरुआत हो, उससे पहले तुम अपना नाम तो बतलाओ?....सलिल ने अपने शब्दों में मधुरता घोल कर बोला और उस औरत पर नजर टिका दी। जबकि उसकी बातों को सुनकर एक पल के लिए वो औरत कुछ सोचने लगी, फिर बोली।
नाम में क्या रखा हुआ है साहब?....जो आप नाम जानने के लिए इतने उत्सुक हुए जा रहे हो। आप तो काम की बात करो, क्योंकि" भले ही मैं अब उतनी सुंदर नहीं रही। परन्तु.....नवयौवना तो अभी हूं और किसी की भी कामना को पूर्ण कर सकती हूं। बोलने के बाद एक पल के लिए रुकी वो औरत, फिर आगे बोली। वैसे साहब!....मुझे लोग "रजौली" कहते है। कमायनी सी सुंदर रजौली, जो कि" अपने सुंदरता के ही मोह जाल में फंस कर सदा के लिए उलझ कर रह गई। बोलने के बाद वह औरत रुकी और सलिल की ओर इस तरह से देखा, जैसे लगा कि" वो कामुक निमंत्रण दे रही हो। बस सलिल एक पल के लिए घबरा गया, फिर उसने खुद को संभाला और उसे संबोधित कर के बोला।
तुम कह रही हो कि" तुम कमायनी जैसी सुंदर थी रजौली। किन्तु" हम लोग ऐसा महसूस तो नहीं कर पा रहे है। लगता है कि" तुम ऐसे ही शब्दों को फेंक रही हो, पुलिस को बरगलाने के लिए। सलिल ने अपनी बात पूरी की और रजौली की ओर देखने लगा। जबकि" उसका इतना भर कहना था कि" वो ठठाकर हंसी।
हा-हा-हा-हा-हा!
                       उसकी हंसी ऐसी थी कि" टाँर्चर रूम के दीवाल से टकरा कर अजीब सा शोर उत्पन्न होने लगा। साथ ही उसके इस प्रकार ठहाका लगाकर हंसने से रोमील एवं सलिल एक पल के लिए भयभीत हो गए। उन्हें अचानक ही रजौली के हंसने का मतलब समझ नहीं आ रहा था। एक तो उसका भिखारिन जैसा वेष- भूषा और उसके सूखे चेहरे पर हंसी। लग रहा था कि" टाँर्चर रूम में कोई पिशाचनी आ गई हो। स्वाभाविक ही था कि" इन परिस्थियों में कोई भी भयभीत हो जाता। किन्तु" सलिल ने फिर से हिम्मत जुटाया और उस औरत से मुखातिब हुआ।
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क्रमश:-
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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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