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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022

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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करीब एक घंटे से ठहाके ही लगा रही थी। उसके हंसने का अंदाज भी तो कुछ अलग था, "वो जब भी ठहाके लगाकर हंसती थी, उसका पूरा शरीर कंपन करने लगता था। लगता था कि" अचानक ही उसके शरीर में भू-कंप के झटके लगने लगे हो। ऐसे में तो पूछताछ हो सके, ऐसी स्थिति बन ही नहीं सकता था। इस दरमियान सलिल दो बार काँफी की चुस्कियां ले चुका था। हलांकि, उसने रजौली को भी काँफी दिया, किन्तु रजौली ने काँफी के कप को अभी तक छूआ भी नहीं था।
                            धीरे-धीरे आगे की ओर बढता हुआ समय और अब सुबह के नौ बजने बाले थे। ऐसे में सलिल की बेचैनी बढती जा रही थी। रजौली का करीब एक घंटे से इस तरह से हंसना, सलिल की बेचैनी पल- प्रति पल बढाता जा रहा था। जबकि, उसके अगल-बगल बैठे हुए राम माधवन एवं रोमील, समझ ही नहीं पा रहे थे कि" इस परिस्थिति में क्या बोले?....उनके बस में तो सिर्फ यही था कि" टाँर्चर रूम में व्याप्त तनाव को महसूस करें। बीतता समय और बढती हुई बेचैनी,.....सलिल जानता था कि" कभी भी एस. पी. साहब अधिकारियों के साथ आ सकते है, इसलिये उसने रजौली के आँखों में देखा और गंभीर होकर बोला।
रजौली"...तुम इस तरह से हरकत करोगी, तो फिर किस तरह से काम चलेगा?....तुम तो अब अपनी हंसी को रोको और बोलो। बोलने के बाद सलिल ने अपनी नजर रजौली के चेहरे पर टिका दी। जबकि" उसके बाद अचानक ही रजौली रुकी, फिर धीरे से बोली।
तो इसका मतलब है साहब!.....कि" आपको मुझमें किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं है। किन्तु" इससे पहले तो ऐसा नहीं हुआ था। मैं तो अपने इसी शरीर के बदौलत ही इतने काम करती आई थी। जो भी चाहती थी, इसी शरीर को परोस कर करवा लेती थी। रजौली ने कहा और फिर उसने मादक अंगड़ाईं ली और सलिल की ओर इस तरह से देखा, मानो कि" उसे निमंत्रण दे रही हो। जबकि, उसकी बातें सुनते ही तीनों की बौखलाहट बढ गई, जो उनके चेहरे से परिलक्षित होने लगा, तभी तो सलिल बोला।
देखो रजौली, इस तरह से तुम मेरा और अपना, दोनों का समय बर्बाद कर रही हो।.....इस तरह से तो न तुम बच पाओगी और न मैं किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाऊँगा। बोलने  के बाद एक पल के लिए रुका सलिल, फिर आगे बोला। देखो रजौली" तुमने गंभीर अपराध किए और इस स्थिति में तुम्हें बतलाना होगा कि" तुमने ऐसा क्यों किया?. तुम इस तरह से हरकत करोगी, इस से बच जाओगी, ऐसा तुम सोचो भी नहीं। सलिल ने कहा और रजौली के आँखों में देखने लगा। जबकि" उसकी बातें सुनते ही रजौली मुस्कराई और फिर बोली।
साहब!.....आप न अभी तक समझ नहीं सके कि" मैंने जो वारदात अंजाम दिए है, वह आतंकवादी घटना है। बोलने के बाद एक पल के लिए रुकी रजौली, फिर सर्द स्वर में बोली। साहब!....मैं आतंकवादी हूं और इस शहर को तबाह कर दूंगी। किसी को जिंदा नहीं छोड़ूंगी, किसी को भी बचने नहीं दूंगी। कहने के बाद रजौली फिर से ठहाका लगाने लगी। जबकि, उसकी बातों ने और उसके इस तरह से ठहाके लगाते देखकर तीनों भौचक्के रह गए। सलिल को तो लगा कि" उसके हृदय की धड़कन ही रुकने बाली हो। रजौली ने अपनी बातें ही इस अंदाज से कही थी और उसके बाद जो ठहाका लगाया था.....किसी के दिल की धड़कन बढाने के लिए पर्याप्त था। तभी तो सलिल ने रजौली को आश्चर्य भरी नजरों से देखा और धीरे से बोला।
सत्य बतलाना रजौली!.....कि" तुम चाहती क्या थी?...... फिर अपने प्लानिंग भी बतलाओ?....बोलने के बाद एक पल के लिए रुका सलिल और रजौली के आँखों में देखते हुए बोला।....मैं बस इतना ही जानना चाहता हूं कि" तुम करना क्या चाहती हो और आगे की प्लानिंग क्या है?.... सलिल ने कहा और नजर रजौली के चेहरे पर टिका दी, फिर तो रजौली के होंठों से ठहाके गुंजने लगे। किन्तु" दो पल बाद ही रुकी और फिर बोली।
साहब!....आप न, प्लानिंग जानकर ही क्या कर लोगे?... मैं तो बस इस शहर को ही ध्वस्त करना चाहती हूं। हाँस्पिटल, काँलेज, रेलवे स्टेशन और चौक, कहीं भी नहीं छोड़ूंगी। सब को तबाह कर दूंगी, सब को बर्बाद कर दूंगी। बोलने के बाद एक पल के लिए रुकी वो, फिर अपने शब्दों पर जोर देकर बोली। एक जोरदार धमाका होगा"... धड़ाम" और सब बर्बाद। बोलने के बाद रजौली ने अचानक ही चुप्पी साध लिया। उसके चेहरे के भावों से यही लगता था कि" अब वो बोलना नहीं चाहती।
                          एक तो उसके द्वारा फोड़ा गया शब्दों का बम, उसने जो कहा था कि" एक धमाका होगा और सब कुछ खाक हो जाएगा। उसने सलिल के दिमाग को फ्रीज करके रख दिया था। उसपर दुविधा ये कि" रजौली ने चुप्पी की जो भाव-भंगिमा बनाई थी, उसने सलिल के दिमाग में आतिशबाजी शुरु कर दी थी। सलिल इतना तो समझ चुका था कि" उसके सामने जो रजौली नाम की ये औरत बैठी हुई है, पहुंची हुई चीज है।...किन्तु" उसके द्वारा कहे गए शब्दों का अर्थ भी तो जानना जरूरी था। परन्तु किस प्रकार से?....प्रश्न था, जो कि उसके दिमाग में घूमने लगा। अब ऐसी भी बात नहीं थी कि" रोमील एवं राम माधवन इससे अलग सोच रहे थे। उन दोनों का दिमाग तो और भी उलझ गया था" रजौली के बातों को सुनकर। तभी टाँर्चर रूम में रामदिन नाम का सिपाही दौड़ता हुआ आया और उसने सलिल को जानकारी दी कि" एस. पी. साहब अधिकारियों के साथ आए हुए है। बस सलिल ने राम माधवन की ओर इस तरह से देखा, मानो कि" कह रहा हो, तुम देख लेना।
                                 फिर रोमील के साथ टाँर्चर रूम से बाहर निकला और तेज कदमों से चलता हुआ आँफिस में पहुंचा और आँफिस में पहुंचते ही उसकी नजर एस. पी. विनय त्यागी पर गई। साथ ही डी. जी. कुमुद देव भी बैठे हुए गेट पर नजर टिकाये हुए थे। तभी तो सलिल ने सैल्यूट दिया, फिर बढकर अपनी शीट पर बैठ गया। इस दरमियान उसने महसूस किया कि" एस. पी. साहब की नजर उसपर ही टिकी है और उसमें प्रश्न है। ....सलिल तो पहले से ही जानता था कि" एस. पी. साहब कभी भी आ सकते है। मैटर भी गंभीर था, पंद्रह अगस्त नजदीक था और ऐसे में पब्लिक प्लेस पर हुई वारदात ने आँफिसरों के होश उड़ा दिए थे। तभी तो दोनों ही अधिकारी आ धमके थे इस समय। तभी तो अपनी जगह पर बैठते ही सलिल उनसे मुखातिब हुआ और उन्हें बतलाने लगा कि" रजौली से किस तरह की बातचीत हुई है।
                                    और उसके द्वारा कहे शब्दों ने अधिकारियों की चिन्ता बढा दी। तब तक रोमील काँफी लेकर आ चुका था, इसलिये उन लोगों ने काँफी पिया और फिर वहां से निकल कर टाँर्चर रूम में पहुंचे। वहां पर एस. पी. साहब ने रजौली को देखा जरूर, किन्तु" उन्होंने उससे किसी प्रकार की बातचीत नहीं की। फिर वहां से वे लोग निकल कर आँफिस में आकर बैठ गए। फिर तो उन लोगों के बीच चुप्पी छा गई। शायद तीनों ही अपने-अपने स्तर पर "रजौली के द्वारा कहे गए शब्दों का निष्कर्ष निकालना चाहते थे। परन्तु, जब उन तीनों के समझ में कुछ नहीं आया, ऐसे में एस. पी. साहब ने सलिल को निर्देशित किया कि" शहर में सर्च आपरेशन चलाया जाए। मुख्य- मुख्य जगहों पर पुलिस फोर्स तैनात किए जाए और शहर में पुलिस पेट्रोलिंग बढा दी जाए। सलिल को निर्देशित करने के बाद एस. पी. साहब कुमुद देव के साथ आँफिस से बाहर निकले। सलिल उन दोनों को कार तक छोड़ने के लिए गया।
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क्रमशः-
                                

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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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