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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022

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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन को हुआ क्या?....क्या उसे मानसिक बीमारी है और दौड़े पड़ते है?...या फिर उसने रजौली को देखा, इसलिये उसकी स्थिति ऐसी हुई?...बात तो गंभीर थी ही और जब तक कुमाऊ रंजन ठीक नहीं हो जाता, इस रहस्य से पर्दा भी नहीं उठने बाला था।
                              वेटिंग रूम में बैठा हुआ सलिल, उसके अगलबगल शांतनु देव और रोमील बैठे हुए थे, फिर भी खुद को अकेला महसूस कर रहा था और अमूमन होता भी यही है। जब इंसान मानसिक दबाव में हो, अपने आप को अकेला ही महसूस करता है। सलिल की इच्छा हो रही थी कि" ताजा हालात से एस. पी. साहब को अवगत करवा दे। परन्तु....हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, जानता था कि" साहब का मुड अच्छा नहीं रहा, तो बोल सकते है कि, सलिल!...तुम भी न, तुम्हारे सामने रजौली नाम की इक प्राँबलम मौजूद है सुलझाने के लिए। परन्तु....तुम हो कि" दुनिया के टेंशन लिए फिरते हो। सलिल शायद इस से आगे भी सोचता, परन्तु तभी शांतनु देव उससे मुखातिब हुआ और प्रश्न दाग दिया।
सलिल!....एक बात समझ में नहीं आया। कुमाऊ रंजन का रजौली को देखकर इस तरह से रिएक्ट करना, जैसे कि" उसे बहुत दिनों से जानता हो। बोलने के बाद एक पल के लिए रुका शांतनु देव, फिर आगे बोला। सच कहूं तो यार सलिल!....कुमाऊ रंजन का इस तरह से रिएक्ट करना, मेरे मस्तिष्क में शंका पैदा कर रहा है।
हां सर!...कुछ ऐसा ही समझिए। मैंने भी नोट किया कि" कुमाऊ रंजन ने रज्जो को देखकर ही प्रतिक्रिया दी थी। आप ने देखा न कि" किस तरह से वो बार-बार रज्जो नाम का उच्चारण कर रहे थे और फिर बेहोश हो गए। शांतनु देव की बातें खतम होते ही रोमील भी बोल पड़ा। जबकि, उन दोनों की बातें सुनकर सलिल मुस्कराया। जानता था कि" दोनों इस बातों पर प्रतिक्रिया देंगे। परन्तु....अभी इस विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता था, तभी तो वो शांतनु देव को संबोधित कर के बोला।
यार शांतनु!....अभी कहना मुश्किल है कि" कुमाऊ रंजन ने इस तरह की प्रतिक्रिया क्यों दी?....बोलने के बाद एक पल के लिए रुका सलिल, फिर बोला। अभी तो जब तक कुमाऊ रंजन होश में आकर यह नहीं बतला देता कि" उसे आखिर हुआ क्या है, क्या कहूं। बस इंतजार करते है और देखते है कि, आगे क्या होता है। बोलने के बाद सलिल ने चुप्पी साध ली और उसे इस तरह से चुप्पी साधे देख कर रोमील और शांतनु देव भी मौन हो गए। दोनों समझ गए थे कि" अब सलिल बोलना नहीं चाहता।
                                   ऐसे में गेस्ट रूम में सर्द खामोशी पसर गई और शायद यही स्थिति बहुत देर तक रहता। लेकिन तभी तेज कदमों से चलते हुए अमीत रंजन ने गेस्ट रूम में कदम रखा और उनकी ओर बढने लगा। जबकि उसे आता हुआ देखकर सलिल के आँखों में आशा की चमक उभड़ी। जानता था कि" डाक्टर आया है, तो जरूर ही कुमाऊ रंजन के बारे में ही बतलाने आ रहा होगा। तभी तो सलिल संभल कर बैठ गया, तब तक तो अमीत रंजन उसके पास पहुंच चुका था। फिर तो डाक्टर उसे बतलाने लगा कि" कुमाऊ रंजन होश में आ चुका है। बस इतना ही सुनना काफी था और लगा कि" उसे स्प्रिंग लग गए हो। वो तेजी से उठ खड़ा हुआ और लगभग दौड़ ही गया उस रूम की ओर, जिसमें कुमाऊ रंजन को रखा गया था।
                             फिर क्या था, रोमील एवं शांतनु देव ने उसका अनुसरण किया और जब वे लोग रूम में पहुंचे, कुमाऊ रंजन शून्य आँखों से दीवाल को देख रहे थे। ऐसे में जब पदचाप की आवाज उभड़ी, उसने गेट की ओर देखा और गेट पर उन तीनों को देखकर गहरी सांसे ली। उसके आँखों में आश्चर्य के भाव थे, जैसे कि" आगंतुक को पहचानता नहीं हो। तभी तो उन्हें इस तरह से देखते पाकर तीनों ही भौचक्के रह गए और सलिल के दिमाग में यही बात आया कि" क्या कुमाऊ रंजन की याददाश्त लौट चुकी है?....क्या वो मानसिक तौर पर स्वास्थ्य हो चुके है?. प्रश्न था, जो सहज ही उसके दिमाग में कौंधा था। फिर भी, जब तक वे कुछ बोलते नहीं, कंफर्म कुछ कहा नहीं जा सकता था। तभी तो तीनों उनके करीब पहुंचे।
मिस्टर!.....आप लोगों को पहचाना नहीं। आप लोग कौन है और मैं यहां कैसे आ गया?....बोलने के बाद कुमाऊ रंजन आश्चर्य भरी नजरों से उन तीनों के चेहरे को देखने लगा। जबकि" उनकी बातों को सुनकर तीनों अचंभित हो गए। परन्तु....सलिल तुरंत ही संभल गया।
                            फिर वो कुमाऊ रंजन को बतलाने लगा कि" दो दिन पहले से क्या हो रहा है और वो एक दिन पहले भिखारी के वेश में मिले थे। कुमाऊ रंजन उसकी बातों को आश्चर्य चकित होकर सुन रहा था। जबकि सलिल ने उन्हें अपना, रोमील का एवं शांतनु देव से उनको परिचित करवाया। फिर उन्हें बतलाया कि" वह पुलिस स्टेशन में एक "रजौली" नाम की औरत को देख कर चिल्लाए थे और बेहोश हो गए थे। इसके बाद उन्हें हाँस्पिटल लाया गया था। सलिल के अंतिम शब्दों को सुन कर पहली बार कुमाऊ रंजन के चेहरे पर मुस्कराहट चमक उठी। उन्होंने पहले तो गहरी नजरों से तीनों के चेहरे को देखा, फिर उनसे मुखातिब हुआ।
 आँफिसर!.....सच कहूं तो मुझे आश्चर्य ही हो रहा है। फिर भी मैं तुम्हारी बात मानूंगा, क्योंकि" नहीं मानने बाली जैसी कोई बात नहीं। बोलने के बाद एक पल के लिए रुके कुमाऊ रंजन, फिर आगे बोले। आँफिसर!...मैं एक बहुत ही बड़े ट्रैजडी से गुजरा हूं। मुझे पता नहीं कि" मैं कितने दिनों तक अपने मानसिक संतुलन से अनभिज्ञ रहा हूं। मुझे यह भी मालूम नहीं कि" इस दरमियान मैंने क्या किया है, अथवा मेरे साथ क्या हुआ है। परन्तु....इतना तो जरूर समझ सकता हूं कि" मेरी मानसिक अस्वस्थता के कारण मैं दर-दर भटका हूं। कहने के बाद कुमाऊ रंजन ने लंबी सांस ली और फिर तीनों को देखने लगे। जबकि, उनकी बात खतम होते ही सलिल तपाक से बोला।
सर!.....बतला सकते है कि" आपके साथ क्या हुआ कि, आप इस तरह से अपना मानसिक संतुलन गंवा बैठे। सलिल ने प्रश्न पुछा, फिर कुमाऊ के रंजन के चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि, उसकी बात सुनकर कुमाऊ रंजन लंबी सांस खींच कर बोले।
आँफिसर!....जरूर बतलाऊँगा कि" ऐसा क्या घटित हुआ कि" मैं अपना मानसिक संतुलन गंवा बैठा। परन्तु....इस से पहले मैं उस औरत से मिलना चाहता हूं, जिसे शायद मैंने रज्जो कह कर संबोधित किया था। कुमाऊ रंजन ने धीरे से कहा और फिर उन्होंने चुप्पी साध ली।
                            सलिल भी इस बात को समझ चुका था कि" जरूर कोई गंभीर बात है। ऐसी कोई घटना है, जिसके बाहर आने से शहर में सनसनी फैल जाए। उस बात को जानने की कौतूहलता तो सलिल के मन में भी जागृत हो चुकी थी। परन्तु....फिलहाल तो कुमाऊ रंजन ने जो कहा था, उस पर ध्यान देने की जरूरत थी। तभी तो, पहले तो उसने शांतनु देव की ओर देखा, जहां जिज्ञासा के भाव मौजूद थे। फिर उसने रोमील को निर्देशित किया कि" उसको क्या करना है। इसके बाद वो खुद ही वहां से निकला और सीधे डाक्टर अमीत रंजन के पास पहुंचा। साथ ही उसने एस. पी. साहब को भी फोन करके ताजा उत्पन्न हुए हालात के बारे में जानकारी दे दी। इसके बाद अमीत रंजन से कुमाऊ रंजन के बारे में जानकारी ली और कहा कि" उन्हें वापस ले जाना चाहता हूं। उसकी बातों को सुनकर डाक्टर साहब ने सहर्ष अनुमति दे दी।
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क्रमशः-

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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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