shabd-logo

कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022

15 बार देखा गया 15
अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करें। कोई और मौका होता,...तो वो अपनी बाईक खड़ी कर के बारिश के बुंदों से बचने का प्रयास करता। किन्तु" फिलहाल तो उसके पास बारिश में भिंगने के अलावा कोई आँप्सन ही नहीं था। तभी तो तेज बारिश के बुंदों के बीच भी वो अपनी बाईक भगाए जा रहा था। जबकि, पीछे बैठा हुआ कुमाऊ रंजन, उन्होंने तो किसी प्रकार की प्रतिक्रिया ही नहीं दी। उनका इस तरह से शांत बैठे रहना, लगता था कि" उन्हें बारिश में भिंगना अच्छा लग रहा हो जैसे।
                              धीरे-धीरे आगे की ओर बढता समय और उसी रफ्तार से बढती बाईक। ठीक सात बजे उसकी बाईक पुलिस स्टेशन के कंपाऊंड में पहुंची और बारिश भी बंद हो गई। लगा कि" जैसे उसको ही भीगोगे के लिए पानी की बुंदे आसमान से टपक रही थी। तभी तो, सलिल ने चिढ कर एक बार आसमान की ओर देखा, जहां पर पल भर में ही तारे चमकने लगे थे, क्योंकि" आसमान अब धीरे-धीरे साफ होने लगा था। फिर कुमाऊ रंजन को लेकर अपने आँफिस की ओर बढा। उधर राम माधवन एवं रोमील की नजर सलिल के साथ आ रहे कोई अनजान व्यक्ति पर गई, पीछे-पीछे वे दोनों भी लपके। परन्तु सलिल इस बात से बिल्कुल भी अनजान नहीं था। तभी तो राम माधवन को नाई को बुलाने के लिए भेज दिया और रोमील को फरमान सुना दिया कि" कुमाऊ रंजन को वाथरुम में ले जाकर अच्छी तरह से नहलाए।
                                फिर तो, रोमील कुमाऊ रंजन को लेकर वाथरुम की ओर चला गया।  जबकि, सलिल अपना वर्दी चेंज करने लगा, इस विचार के साथ कि" अब आगे। कहां तो वो रजौली के केस में उलझा हुआ था और कहां वो कुमाऊ रंजन को उठाकर ले आया था। उसे लग रहा था कि" कहीं उसका यह फैसला गलत तो नहीं हो जाएगा? यह आशंका, जो कि, प्रश्न रुप में उसके हृदय में उठने लगी थी। परन्तु....वह तो मानवता की खातिर कुमाऊ रंजन को अपने साथ ले आया था। अब उनकी स्थिति सही हो जाए, तो उनके परिवार के बारे में पूछताछ करके उनको परिवार के हवाले कर दे, फिर आगे रजौली के बारे में सोचेगा।
                            अभी तो सलिल अपने कपड़े बदल कर कुर्सी पर बैठा ही था कि" गेट से रोमील के साथ कुमाऊ रंजन ने प्रवेश किया। साथ ही पीछे-पीछे राम माधवन भी अंदर आ गया। तब पहली बार गौर से सलिल ने कुमाऊ रंजन के चेहरे को देखा, बाल-दाढी कटिंग हो जाने और कपड़े बदल दिए जाने के कारण कुमाऊ रंजन का व्यक्तित्व काफी आकर्षक लगने लगा था। तभी तो सलिल ने उन्हें बैठने के लिए इशारा किया और अपनी नजर उनके चेहरे पर टिका दी। फिर तो कुमाऊ रंजन उसके सामने बाली कुर्सी पर बैठ गया। बैठ तो राम माधवन और रोमील भी गए थे, इस प्रश्न को मन में लेकर कि" साहब का इरादा क्या है....और  किस को पकड़ कर ले आए?....प्रश्न था, जो कि मन में था, परन्तु....पुछने की हिम्मत नहीं जुटा सके। लेकिन, उन दोनों के हाव-भाव से सलिल को फिलहाल तो कोई मतलब नहीं था, तभी तो कुमाऊ रंजन से मुखातिब होकर बोला।
मैं अगर गलत नहीं हूं, तो आप कुमाऊ रंजन है। स्टेज आर्टिस्ट और मशहूर साहित्यकार?.....सलिल ने प्रश्न पुछा और अपनी नजर कुमाऊ रंजन के चेहरे पर टिका दी। जबकि, उसकी बातें सुनकर एक पल के लिए कुमाऊ रंजन ने अकबका कर इधर-उधर देखा, फिर उसकी ओर देख कर बोला। 
हां, तो इससे तुमको क्या मतलब है?...मैं कुमाऊ रंजन होऊँ, या कमाऊ रंजन। फिर इस तरह के प्रश्न पुछने का क्या मतलब है?....फिर तो मैं तुम लोगों को जानता भी तो नहीं हूं। ऐसे में अपने बारे में तुम लोगों को क्यों बतलाने लगूं?....कुमाऊ रंजन ने अटपटी बातें कही और सलिल के चेहरे को देखने लगा। जबकि उनकी बातें सुनकर एक पल के लिए सलिल सोच में पड़ गया। फिर काफी सोच-विचार के बाद आगे बोला।
बात तो आपकी सच ही है। आप भले ही हम लोगों को नहीं पहचान पा रहे हो, परन्तु....मैं आपको अच्छी तरह से जानता हूं। बोलने के बाद एक पल के लिए सलिल रुका, फिर कुमाऊ रंजन की आँखों में झांकते हुए बोला। सर!... आप साहित्यकार और मजे हुए आर्टिस्ट है। भले ही आप मानसिक चिन्ता के कारण अपनी स्थिति के बारे में समझ नहीं पा रहे हो, परन्तु मैं स्थिति को समझ चुका हूं। तभी तो आपको लेकर यहां आ गया हूं। अब आप अपने बारे में बतलाइए, जिससे कि" आपको आपके परिवार के हवाले कर सकूं। सलिल ने अंतिम के शब्दों पर जोर देकर कहा और फिर पूर्ववत उनके चेहरे को देखने लगा। जबकि" उसकी बातें सुनकर कुमाऊ रंजन मुस्कराया, फिर धीरे से बोला।
आँफिसर!....तुमने ठीक ही किया कि" मुझे यहां पर लेकर आ गए। परन्तु आँफिसर!...जब तक तुम मुझे पेट भर के भोजन नहीं करवाओगे, मैं अपने बारे में कुछ भी नहीं बतलाने बाला। बोलने के बाद एक पल के लिए रुके कुमाऊ रंजन, फिर आगे बोले। सच कहूं तो आँफिसर!... बहुत दिनों से मैंने भरपेट भोजन नहीं खाया है और कहते है न कि "भूखे भजन नहीं होही गोपाला, लै लो अपनी कंठी माला"। बोलने के बाद अचानक ही कुमाऊ रंजन ठहाके लगाकर हंसने लगा। हा-हा-हा-हा। 
                          कुमाऊ रंजन को अचानक ही इस प्रकार से हंसते देखकर सलिल चौंका। जबकि, रोमील एवं राम माधवन सकते में आ गए। स्वाभाविक ही था कि" कुमाऊ रंजन के हरकतों से कोई भी अंदाजा लगा सकता था कि" उनका मानसिक संतुलन सही नहीं है। बात ठीक भी थी, इस बात को सलिल पहले ही समझ चुका था, तभी तो उनको साथ लेकर पुलिस स्टेशन लेकर चला आया था।  किन्तु अब?...प्रश्न उठा उसके दिमाग में, लेकिन पहले तो कुमाऊ रंजन की पेट पुजा हो, इसके बारे में सोचना था। तभी तो, उसने रोमील को निर्देशित किया कि" कुमाऊ रंजन को अपार्ट मेंट पर लेकर जाए और उनके खाने के लिए व्यवस्था करें। इतनी बातें कहने के बाद राम माधवन के साथ आँफिस से बाहर निकला, पेट्रोलिंग करने के लिए।
                    जानता था कि" पंद्रह अगस्त नजदीक होने के कारण आतंकी हमले की संभावना बहुत ही अधिक थी। उसपर रजौली के द्वारा दिए गए बयान ने तो जैसे पुलिस डिपार्ट के हाथ-पांव ही फूला दिए थे। ऐसे में वह नहीं चाहता था कि, उससे किसी प्रकार की गलती हो। उस पर भी, उसका डिपार्ट मेंट उसपर कुछ अधिक ही विश्वास करता था और सलिल नहीं चाहता था कि" उस विश्वास में किसी प्रकार की कमी हो। तभी तो वो राम माधवन के साथ आँफिस से निकल कर बाहर आया और फिर दोनों कार में बैठ गए। फिर तो ड्राइविंग शीट संभालने के साथ ही राम माधवन ने कार श्टार्ट करके आगे बढा दी और पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद कार को रफ्तार पकड़ते देर नहीं लगी।
                      किन्तु" अभी अपने कार्य पर फोकस करने की बजाए सलिल कुमाऊ देव में ही उलझ गया था। कहां तो उसे रजौली के बारे में सोचना चाहिए था और कहां वो कुमाऊ देव पर अटक गया था। तभी तो, कभी- कभी उसे लगता था कि" उसने कुमाऊ देव को साथ लाकर गलत तो नहीं कर दिया। फिर तो उसका हृदय गवाही देने लगता था कि" उसने जो किया, वह मानवता के नाते बिल्कुल ठीक ही है। ऐसे में उसकी इच्छा हो रही थी कि" इस बारे में एस. पी. साहब को बतला दे। परन्तु... उन्हें क्या बतलाएंगे?...यह भी तो एक प्रश्न ही था। तभी तो उसने अपने सभी विचार झटके और वर्तमान के बारे में सोचने की कोशिश करने लगा। किन्तु" कुमाऊ रंजन भी तो वर्तमान ही थे, तभी तो सलिल बार-बार उनपर ही आकर अटक जाता था।
*******************








क्रमशः-
                                

27
रचनाएँ
रजौली
0.0
अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
1

रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
0
0
0

अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

2

पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
0
0
0

दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

3

खंडहर........

7 नवम्बर 2022
0
0
0

शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

4

घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
0
0
0

शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

5

रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
0
0
0

रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

6

सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
0
0
0

रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

7

उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
0
0
0

रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

8

मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
0
0
0

सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

9

रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
0
0
0

सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

10

मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
0
0
0

सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

11

टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
0
0
0

सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

12

मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
0
0
0

सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

13

सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
0
0
0

एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

14

सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
0
0
0

सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

15

मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
0
0
0

शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

16

कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
0
0
0

अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

17

शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
0
0
0

शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

18

सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
0
0
0

सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

19

शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
0
0
0

मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

20

सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
0
0
0

दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

21

रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
0
0
0

सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

22

रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
0
0
0

कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

23

कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
0
0
0

अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

24

मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
0
0
0

शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

25

हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
0
0
0

अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

26

मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
0
0
0

काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

27

सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
0
0
0

सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए