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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022

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रात बारह बजे।
सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज- तर्रार होने के बावजूद भी गोलियों का शिकार हो जाना, शांतनु देव को कतई शोभा नहीं देता था। खैर" अभी सलिल डाक्टर अमीत रंजन से मिला था और अमीत रंजन ने कह दिया था कि" शांतनु देव को पीने के लिए तरल पदार्थ दिया जा सकता है। बस उसके लिए जूस लेने के लिए निकल पड़ा था।
                      फिर तो, सलिल ने एप्पल जूस खरीदा और फिर वापस हाँस्पिटल की ओर बढा और उस रूम में पहुंचा, जिसमें शांतनु देव को रखा गया था और जैसे ही वह रूम में पहुंचा, शांतनु देव की नजर उसपर गई। शांतनु देव उसके हाथों में जूस के गिलास देखकर मुस्कराया, जबकि सलिल ने सहारा देकर उसे बिठाया और जूस का गिलास उसके हाथों में थमा दिया और नजर उसके चेहरे पर टिका दी। रूम में जलता हुआ बल्ब, जिसकी नीली रोशनी में शांतनु देव का चेहरा चमक रहा था। लेकिन सलिल तो उसके चेहरे पर इसलिये नजर टिकाए हुए था कि" उसके मन में उठ रहे वेदना को अनुभव कर सके। तभी शांतनु देव उसे अपनी ओर इस तरह से देखता पाकर धीरे से बोला।
क्या हुआ यार सलिल?.....तुम मुझे इस तरह से देख रहे हो, जैसे कि" जीवन में पहली ही बार हम दोनों की मुलाकात हुई हो। कहने के बाद शांतनु देव मुस्कराया और फिर सलिल की आँखों में देखने लगा। जबकि सलिल ने उसकी बातों का तत्काल ही जबाव दिया।
हां, बस तुम्हें ही देख रहा हूं और यही सोच रहा हूं कि" तुम्हारे जैसा इंसान भी गोलियों का शिकार हो सकता है? बस यही प्रश्न मुझे बेचैन किए हुए है। इस तरह से तो कोई भी तुम्हें आसानी से शिकार बना सकता है। सलिल ने कहा और नजर शांतनु देव पर टिका दी, जबकि शांतनु देव उसकी बातों को सुनकर मुस्कराया, फिर बोला।
अमा यार सलिल!....तुम भी न, शाम से देख रहा हूं कि" एक बात को ही लेकर बैठे हुए हो और विधवा विलाप कर रहे हो। भाई!....हादसे का शिकार कोई भी हो सकता है, भले ही वो कितना बड़ा भी तुर्रम खान हो। अब इसमें इतनी बातों को विगोने की जरूरत क्या है?.....सलिल ने कहा और अपनी नजर को सलिल पर टिका दी। जबकि उसकी बात सुनकर सलिल भी मुस्कराया, फिर उसने बात ही बदल दी।
अच्छा छोड़ो इन बातों को शांतनु!....तुम उस औरत के हुलिया का ही बयान कर दो। जिससे कि" उसको गिरफ्तार किया जा सके, नहीं तो.....वो न जाने कितनों की जान ले लेगी। सलिल ने कहा और शांतनु देव के चेहरे के भावों को पढने की कोशिश करने लगा। जबकि उसकी बातों को सुनकर शांतनु देव थोड़ा गंभीर हुआ और फिर सलिल की ओर देखकर बोला।
यार!....वो औरत करीब तीस के उम्र की होगी। अभी तो देखने में भिखारिन, किन्तु" वो भिखारिन तो वो कदापि नहीं थी। बोलने के बाद शांतनु देव एक पल के लिए रुका, फिर आगे बोला। लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि" वो औरत अपने जमाने की बहुत ही सुंदर औरत रही होगी। बिल्कुल कमायनी सी। कहने के बाद शांतनु देव रुका, तभी सलिल बीच में बोल पड़ा।
और आतंकवादी भी!.....वो आतंकवादी जैसी दिखती होगी? सलिल ने सहज ही पुछ लिया, जिस पर शांतनु देव ने तुरंत ही प्रतिक्रिया दी।
ऐसी बात नहीं है!....फिलहाल तो मैं ढृढता के साथ नहीं कह सकता कि" सही क्या है। परन्तु मुझे देखने में तो वो औरत कहीं से आतंकवादी नहीं लगी।
                           कहने के बाद शांतनु देव मौन हो गया। उसे चुप्पी साधे देखकर सलिल ने भी इरादा बना लिया कि" फिलहाल तो यहां से चलना चाहिए। तभी तो उसने शांतनु देव से अनुमति ली और हाँस्पिटल से बाहर आ गया। बाहर रोमील कार लेकर खड़ा था, बस उसे देखते ही सलिल के दिमाग में खयाल आया कि" नाइट पेट्रोलिंग कर लिया जाए। फिर तो कार में बैठने के साथ ही सलिल ने रोमील को अपनी इच्छा सुना दी और ड्राइविंग शीट संभाले हुए रोमील ने अपना माथा पीट लिया। जानता था कि" आज की रात अब जागरण में ही गुजर जाने बाली है। किन्तु" मना भी तो नहीं कर सकता था, इसलिये मन मसोस कर उसने इंजन श्टार्ट किया और कार आगे बढा दी। जबकि" सलिल कार में बैठने के साथ ही उस औरत के व्यक्तित्व में उलझ गया।
                               उसने अब तक उस औरत को अपनी आँखों से नहीं देखा था, ऐसे में किसी प्रकार का धारणा बना लेना कदाचित उचित नहीं था। फिर भी अभी जो परिस्थिति इंगित कर रहे थे, उसमें वो औरत उसे तो आतंकवादी ही लग रही थी। क्योंकि, अपराधी कभी भी निर्दोष लोगों पर इस तरह से हमला नहीं करते। उनका अपना एक अलग टार्गेट होता है और वे उसी काम को पूरा करने की कोशिश करते है। लेकिन उस औरत ने अचानक ही आमजन को निशाना बनाया था और इस प्रकार के वारदात को आतंकवादी ही अंजाम देते है। तभी तो वह उलझा हुआ था, लेकिन इस उलझन में भी उसका दिमाग काम कर रहा था। तभी तो उसने रोमील से कार को रीठाला मेट्रो स्टेशन ले चलने को कहा।
                           उधर वो औरत रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर बढी। किन्तु" उसने अभी तो गेट के अंदर कदम ही रखा था कि" उसकी नजर गश्ती कर रहे फोर्स पर गई और वो औरत संभल गई। फिर तो उसने हथियार संभाला और अचानक ही ट्रिगर दबाती हुई स्टेशन के गेट से बाहर की ओर भागी। अचानक ही शांत वातावरण को गोलियों की तड़तड़ाहट ने भंग कर दिया। पूरा इलाका ही गोलियां चलने की कर्कश ध्वनि से गुंज उठा और साथ ही हलचल भी ला दिया। पुलिस फोर्स भी अचानक ही हुए इस हमले से बौखला गए और इधर-उधर हथियार संभाल कर दौड़ने लगे। किन्तु" उन लोगों के समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था कि" अचानक ही ये गोलियां कहां और कैसे चलने लगी?.....इधर वो औरत गोलियां चलाते हुए उधर पहुंची, जहां दोनों युवक दोनों युवती के साथ खड़े होकर रात साथ चलने के लिए डील कर रहे थे।
                                किन्तु" इस बात से बेखबर होकर कि" अगले पल उनपर आफत आने बाली है। गोलियां चलने की आवाज ने उनको चौंकाया जरूर था, परन्तु जब तक वे चारों मामला समझ पाते, वो औरत उन के पास पहुंच चुकी थी। फिर तो वो औरत ए. के. फोर्टी सेवन से उन चारों पर गोलियां बरसाती हुई भागी और सामने से आ रहे सलिल के कार से टकरा गई। इधर वे चारों गोलियां लगते ही सड़क पर ढेर होकर तड़पने लगे। उधर वो औरत जैसे ही कार से टकराई, रोमील ने तेजी से ब्रेक लगाए, जिसके कारण कार की टायर घिसटती चली गई और उससे उत्पन्न शोर ने फिर से एक बार इलाके को दहला दिया। साथ ही सलिल तुरंत ही मामला समझ गया, तभी तो कार रुकने से पहले ही गेट खोल कर बाहर निकल गया और एक फलांग में ही औरत के पास पहुंच गया। 
                           उधर, रोमील तड़पते हुए चारों को देख चुका था और समझ चुका था कि" उन्हें गोलियां लगी है। तभी तो उसने एँबुलेंस को फोन किया और फिर तेजी से निकल कर उन चारों तक पहुंच गया। उधर, रेलवे स्टेशन से फोर्स की टुकड़ी भी बाहर आ गई थी और उनके करीब पहुंच चुकी थी। तभी तो, सलिल जब आश्वस्त हुआ कि" मामला नियंत्रण में है, उसने रोमील से कहा कि, उन चारों को लेकर तुरंत ही हाँस्पिटल जाए। एँबुलेंस आने पर इस औरत को लेकर आ रहा हूं। फिर क्या था, रोमील ने गजब की फुर्ती के साथ उन चारों को कार में डाला और कार श्टार्ट करके सड़क पर दौड़ा दी। इधर सलिल ने उस औरत के नब्ज को टटोला, नब्ज नार्मल थी। तब जाकर सलिल ने शांति की सांस ली, वैसे उसको इस बात की अनुभूति थी कि" औरत को अच्छी-खासी चोट आई है।
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क्रमशः-
                                

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रचनाएँ
रजौली
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्याचार करता है, तो अपराध का जन्म होता है, तो कहीं समाज अपने निहित स्वार्थ को साधने के लिए अपराध को बाढावा देता है। कहने का तात्पर्य यही है कि" अपराध के जन्म लेने का कारण हम और आप कहीं न कहीं है। बिना राजनीतिक स्वार्थ के अपराधियों का मनोबल कभी भी नहीं बढ सकता। "रजौली" एक ऐसे युवती की कहानी है, जो अपने आप में ही उलझी हुई है। "रजौली" वास्तव में एक वेदना है, जो अत्यधिक शोषण की भट्टी से ज्वालामुखी बनकर निकलती है। मदन मोहन" मैत्रेय
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रजौली-एक छल कथा

5 नवम्बर 2022
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अपराध की पृष्ठभूमि होती है। बिना पृष्ठभूमि के अपराध हो ही नहीं सकता और पृष्ठभूमि हमारा समाज ही बनाता है। बिना सामाजिक एवं राजनीतिक पोषण के अपराध कभी भी पनप ही नहीं सकता।.....कहीं समाज किसी के ऊपर अत्य

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पुलिस मूख्यालय........

6 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजे से ही पुलिस मूख्यालय में बैठकों का दौर जारी था। वैसे तो पंद्रह अगस्त को लेकर दिल्ली में आर्मी बालों का कमांड हो जाता है। फिर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।

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खंडहर........

7 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को व्याकुल हो चुका था। लगता था कि" अब कुछ ही देर में अँधेरे का साम्राज्य व्याप्त हो जाएगा और होना भी यही चाहिए। क्योंकि यह समय चक्र है और इसमें सभी कुछ निर्धारित होता है, पहले से ही। इससे आज

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घटना स्थल का मुआयना एवं सलिल का हाँस्पिटल जाना........

8 नवम्बर 2022
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शाम का अंधेरा घिरने लगा था, लेकिन अमूमन जैसा होता है, शहर पर इस अंधेरे का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तभी तो हनुमान चौक का इलाका रोशनी में जगमगाता हुआ प्रतीत हो रहा था। लेकिन अभी वहां पर बिल्कुल मातमी सन्

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रीठाला मेट्रो स्टेशन.......

9 नवम्बर 2022
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रात के एक बजे, मेट्रो में अपेक्षाकृत काफी कम यात्रियों की संख्या थी। कोरोना काल के गुजर जाने के कारण शहर व्यवस्थित हो चुका था, किन्तु पहले जैसी रफ्तार अभी नहीं पकड़ पाया था। दूजे कि" रात ज्यादा हो जाने

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सलिल का हाँस्पिट से रीठाला मेट्रो स्टेशन की ओर जाना.........

10 नवम्बर 2022
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रात बारह बजे।सलिल हाँस्पिटल से बाहर निकला था और अब जूस की दुकान खोज रहा था। शांतनु देव को गोली लगने के कारण उसका हृदय बहुत हद तक मर्माहत हुआ था। बार-बार उसे शांतनु देव पर गुस्सा भी आ रहा था। इतना तेज-

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उस औरत को हाँस्पिटल ले जाना और पुलिस द्वारा प्रेस रीलिज दिया जाना........

11 नवम्बर 2022
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रोमील के द्वारा उन चारों घायलों को ले जाने के बाद सलिल ने उस औरत को देखा। तब तक हथियार धारी फोर्स उसके करीब पहुंच चुका था और उन लोगों की नजर सलिल पर टिक गई थी, मानो जानना चाहते हो कि" कुछ देर पहले किस

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मंत्री भानु शाली.......

12 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बज चुके थे।अमूमन तो इस समय मंत्री आवास पर किसी प्रकार का चहल-पहल नहीं होता था। किन्तु" अभी-अभी मंत्री साहब की आँख खुली थी और उन्होंने न्यूज चैनल लगा दिया था और ऐसे ही एक नजर देख लेने की इ

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रजौली को पुलिस स्टेशन लाना और उससे पूछताछ.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के छ बजते ही आकाश सूर्य किरण की आभा से जगमगा उठा। उगते हुए सूर्य के साथ ही एल.

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मंत्री भानु शाली का पंडित जगतपति से मिलना.......

14 नवम्बर 2022
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सुबह के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों ओर प्रकाश का साम्राज्य छा चुका था। वैसे भी आकाश साफ था, जिसके कारण किरण का निखार कुछ ज्यादा था। लेकिन मंत्री भानु शाली के चेहरे से प्रतीत हो रहा था कि" उनके

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टाँर्चर रुम........

15 नवम्बर 2022
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सलिल, रजौली के द्वारा इस तरह लगाए जा रहे ठहाकों से परेशान हो चुका था। उसे उम्मीद थी कि" रजौली इस तरह के हरकत करने के बाद शांत हो जाएगी और फिर उसके साथ सहयोग करेगी। किन्तु नहीं, रजौली तो रुक-रुक कर करी

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मुहम्मद काजी.........

16 नवम्बर 2022
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सफेद लुंगी, उसपर नीले रंग का कुर्ता और सिर पर जालीदार सफेद टोपी।....चेहरे पर चमक, आँखों पर गोल चश्मा, लंबा कद। चेहरे पर मूंछ नहीं थी, किन्तु" लंबी सफेद दाढी, उम्र यही करीब पचपन वर्ष के करीब। मुहम्मद क

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सलिल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाना और हाँस्पिटल पहुंचना.........

17 नवम्बर 2022
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एस. पी. साहब के जाने के बाद जैसे सलिल की तंद्रा टूटी हो। फिर तो उसने रोमील एवं राम माधवन को आँफिस में बुलाया और समझाया कि" उसे आगे क्या करना है? साथ ही उसने पुलिस मूख्यालय भी फोन कर दिया कि" अतिरिक्त

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सलिल की कुमाऊ रंजन से मुलाकात........

18 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही आया देखकर शांतनु देव चौंका जरूर था, किन्तु" उसने अपने चेहरे पर इन भावों को नहीं आने दिया और सलिल को अपने करीब बैठने के साथ ही उसके चेहरे पर नजर टिका दी। जबकि सलिल, उसके करीब बैठने के

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मंत्री साहब का वकील दिगंबर से मिलना.......

19 नवम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे और अब आसमान में तारे जगमग करने लगे थे। मंत्री भानु शाली अभी अपने बंगले से निकला था" वकील से मिलने के लिए। वैसे भी कुछ सेकेन्ड पहले हुई जोरदार बारिश ने रोड पर पानी जमा कर दिया था।

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कुमाऊ रंजन के साथ सलिल का पुलिस स्टेशन लौटना.......

20 नवम्बर 2022
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अचानक से ही बरसात की शुरुआत हो जाने के कारण एक पल के लिए सलिल हकबका सा गया। एक तो रात का आलम ढल चुका था, दूसरे आसमान से तेज गति से गिर रही बारिश की बुंदे। एक पल के लिए उसे समझ ही नहीं आया कि, क्या करे

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शांतनु देव का स्वप्न.........

21 नवम्बर 2022
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शांतनु देव को पंख लग गए थे और वो आसमान में ऊँचे- ऊँचे उड़ता जा रहा था। उसकी कोशिश भी तो यही थी कि" नील गगन के आँचल में दूर-दूर तक परवाज करें और फिर उसके तो पंख लग गए थे। कोमल-कोमल सफेद पंख, जिसमें बहुत

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सलिल एवं एस. पी. साहब का पुलिस स्टेशन पहुंचना और रजौली से पूछताछ करना.......

22 नवम्बर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही सलिल ने अंगड़ाई ली। कहां तो रजौली के कहे अनुसार दिल्ली शहर धमाके की आवाज से दहल जाना चाहिए था, परन्तु....ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। शहर तो अपनी चाल में गति कर रहा था, ऐसे में स

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शांतनु देव की चिन्ता और पुलिस स्टेशन जाना.........

23 नवम्बर 2022
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मानव मन की रचना ईश्वर ने अजीब प्रकार की- की है। जब मानव सुख में होता है, चिंतन नहीं करता और जब दुःख में होता है, चिंतनशीलता का आवरण ओठ लेता है। परन्तु... विचार, जो कि" मानव मन के साथ हमेशा ही लगे रहते

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सलिल के द्वारा शहर के चक्कर लगाना और पुलिस स्टेशन लौटना...........

25 नवम्बर 2022
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दिन के दस बजने बाले थे, किन्तु सलिल को अभी तक कहीं सफलता नहीं मिली थी। रजौली" ने जितने भी पते बतलाए थे, उन तमाम जगहों पर अब तक छापामारी की गई थी। परन्तु....वे तमाम जगह, जहां दूर-दूर तक भी संभावना नहीं

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रजौली" से फिर से पूछताछ और कोर्ट की नोटिस........

25 नवम्बर 2022
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सलिल एवं एस. पी. साहब को अजीब नजरों से अपनी ओर देखता पाकर शांतनु देव एक पल के लिए बौखला ही गया। उसकी इच्छा हुई कि" दोनों से पुछे कि, इस तरह से क्यों देख रहे हो?...परन्तु अचानक ही उसने अपने इस विचार को

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रजौली की कोर्ट में पेशी और सलिल का अपार्ट मेंट पर लौटना.......

26 नवम्बर 2022
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कोर्ट के नोटिस को देखने के बाद जहां सलिल की त्योरियां चढ गई, वही पर एस. पी. साहब एवं शांतनु देव के चेहरे पर चिन्ता की लकीरें खींच गई। अब भला शांतनु देव से ज्यादा कौन इस बात को समझ सकता था कि" रजौली के

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कुमाऊ रंजन से शांतनु देव की मुलाकात और कुमाऊ रंजन का रजौली से मिलना.......

27 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट के अंदर हाँल में कुमाऊ रंजन सोफे पर अकड़ूँ बैठा हुआ था, परन्तु.....उसकी नजर टी. बी स्क्रीन पर ही चिपकी हुई थी। टी. बी. स्क्रीन पर चल रहा एंटरटेंनमेंट, लगता था कि, कुमाऊ रंजन तन्मयता से देख

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मंत्री भानु शाली के घर मीटिंग.......

28 नवम्बर 2022
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शाम ढलने को तत्पर था और लगता था कि" रात के अंधेरे का आवरण अब वातावरण को अपने आगोश में समेट लेगा। ठीक उसी तरह मंत्री भानु शाली के हृदय में भी भय रुपी अंधेरा घनघोर बादल की तरह बढते जा रहे थे और आतुर थे

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हाँस्पिटल में कुमाऊ रंजन की यादाश्त वापस लौटना......

29 नवम्बर 2022
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अचानक ही कुमाऊ रंजन का तबीयत बिगड़ने के बाद सलिल उसे हाँस्पिटल ले आया था। डाक्टरों की टीम कुमाऊ रंजन को इमरजेंसी वार्ड में ले गई थी। परन्तु अब तक सलिल इस सदमे से बाहर नहीं आ सका था कि" आखिर कुमाऊ रंजन

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मंत्री भानुशाली का जज साहब से मिलना.......

30 नवम्बर 2022
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काफी मनोमंथन के बाद भी जब वे लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके। मुहम्मद काजी ने सुझाव दिया कि" क्यों न हम लोग जज साहब से मिल ले। शायद वहीं से कोई रास्ता निकल आए। दावा पूर्वक तो कुछ नहीं कहा जा सकता

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सलिल का कुमाऊ रंजन के साथ पुलिस स्टेशन लौटना और कुमाऊ रंजन का बीते दिनों की यादों में जाना.....

1 दिसम्बर 2022
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सलिल ने ड्राइविंग शीट संभाली, रोमील कुमाऊ रंजन के साथ पीछे बैठा, जबकि बगल बाली शीट पर शांतनु देव बैठ गए। इसके बाद सलिल ने कार श्टार्ट की और हाँस्पिटल गेट से निकाल कर सड़क पर दौड़ा दिया। यूं तो सलिल शांत

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