समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि ''किसी का कोई भगवान हो, हमारा भगवान पीडीए है।' पार्टी के मौजूदा और पूर्व विधायकों की बैठक से बातचीत करते हुए उन्होंने एक सवाल पर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर पीडीए की विरोधी होने का आरोप लगाया।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कथित रूप से विरोध किए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, ''हमारा रास्ता धर्म का नहीं है।हमारा रास्ता गैर बराबरी दूर करने का है। हमारा रास्ता वही है जो बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने दिखाया। हम उसी रास्ते पर चलेंगे जिस पर नेताजी मुलायम सिंह यादव ने संघर्ष करके हम लोगों को चलाने का काम किया है।''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के दिन देशवासियों से अपने घर में दीपक जलाने की अपील के बारे में पूछे गये एक सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ''समाजवादियों को खुशी तभी होगी जब गरीबों के घर में खुशहाली आएगी।गरीब के बेटे को नौकरी मिलेगी तभी हम मानेंगे कि उसके घर में दीया जला है।'
विश्व हिंदू परिषद के आलोक नामक किसी पदाधिकारी द्वारा उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया गया है, यादव ने कहा, ''मैं इनको नहीं जानता हूं, न मेरा इनसे कोई परिचय है, न मेरी उनसे कोई मुलाकात हुई होगी।'' इस सवाल पर कि वह कब राम मंदिर जाएंगे, यादव ने कहा, ''जब भगवान बुलाएंगे तब हम जाएंगे... और भगवान अब यही रहेंगे. वह कहीं नहीं जाएंगे।''
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का बयान आया कि पहले वो (अखिलेश) कह रहे थे कि अगर बुलाएंगे तो हम जाएंगे।तो हमने उनको बुलाया है अब वो कह रहे हैं कि राम जी बुलाएंगे तो जाएंगे।अब देखते हैं कि राम जी खुद बुलाते हैं उनको या नहीं। अगर नहीं बुलाएंगे तो साफ हो जाएगा कि राम जी शायद नहीं बुलाना चाहते हैं।