यह एक उत्तर भारत की प्रसिद्ध लोक कथा है ,इसी कथा से पति पत्नी का रिश्ता सात जन्म तक होता है कहा जाता है ,एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कहानी है ,!!
यह पुस्तक अपने प्यार के चले जाने के बाद उसकी यादों में खोए रहने और उसके साथ बिताए हुए पलों को दोबारा जीने की कोशिश है.....
सुरैया के पिता का निधन हो जाने के बाद उसका इस दुनिया मे कोई नही रह गया , उसके पास इतने पैसे तक नही थे कि अपने पिता के शव को कफ़न से ढक सके, इकलौता घर होने के कारण किसी से मदद मिलने की संभावना भी नही थी अगर वह मदद बुलाने जाती है तो पीछे पिता के शव के
एक ऐसे बागवान की कहानी है जो जिन्दगी भर सींचता रहा दरख्तों को ये सोचकर जब बुढ़ापा आएगा तो छाया का आसरा देंगे पर उसे पता ही नहीं था एक दिन एक तूफान आएगा और सब कुछ उड़ा कर ले जायेगा . वो दरख्त सबसे पहले उजड़ गया और तब उस बागवान के साथ क्या-क्या हुआ ये जान
--"तुम भी..." "तुम भी..."मेरी छठवीं कविता संग्रह है जो 'शब्द इन'पर आन लाइन लिखी जा रही है और वहीं से इन लाइन प्रकाशित भी होगी।यह संग्रह पूर्ण होने से पहले तक नि:शुल्क रहेगी जो पूर्ण होते ही सशुल्क कर दी जायेगी। संग्रह में संकलित मेरी
‘दबी आवाज’ पुस्तक मेरी निजी डायरी हैं, जिसमें मेरे द्वारा लिखित विभिन्न संस्मरण अथवा विचार शामिल हैं। मैंने अपनी डायरी का नाम ‘दबी आवाज’ रखा हैं। आशा करता हूं कि लोगों को मेरी डायरी को पढ़कर इसका वास्तविक रूप में विश्लेषण करेंगे। धन्यवाद!
एक हादसा जिंदगी को उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है जहां से बदकिस्मती किस्मत में बदलनी शुरू हो जाती है।अनजाने रास्ते, अजनबी दोस्त, अकस्मात घटनाएं किसी की जिंदगी का रूख कैसे मोड़ देती हैं कि एक शख्सियत खाक से शाह हो जाती है। यह किताब एक अनजान शख्सियत
इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प
प्रेम पर आधारित।
संजना एक सुंदर और स्मार्ट लड़की है ,वह पढ़ने में भी तेज है और अभी उसने फर्स्ट ईयर कॉमर्स में कॉलेज ज्वाइन किया है ,उसका एक दोस्त है वेदांत जो उस से उम्र में दो साल छोटा है और उसे दीदी कह कर संबोधित करता रहता है , दोनो वैसे हैं लोअर मिडिल क्लास फैम
लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भ
यह पुस्तक काव्य संग्रह है। नई भोर, नया सवेरा, सूरज की नई किरण के साथ नई उमंग से भरी कविताओं का संग्रह है ये पुस्तक। इस पुस्तक में अलग-अलग विषयों पर कविताएं लिखीं हैं। इसकी भाषा बेहद सरल एवं स्पष्ट है। मन के भावों को शब्दों में सजाकर एक-एक शब्दो
मैं निर्मल गुप्ता, एक नवीन लेखक अपने जीवन के अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में निखार कर कुछ सुन्दर कविता रुपी मालाओं का सृजन कर ,अपने प्रिय पाठकों के ह्रदय पर विराजमान करना चाहता हूं,जहां उनकी धड़कनें बसती है । ताकि वे एक नयी चेतना को प्राप्त कर मानवी
इस पुस्तिका में मेरे सामाजिक परिवेश की परिस्थियों से प्रभावित छः काल्पनिक कहानियाँ है । आशा है ये कहानियाँ आपको पसंद आएंगी ।
Divyanjli Verma द्वारा लिखी गई ये किताब छोटी छोटी प्रेम कहानियो का संग्रह है।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' की प्रेम से सराबोर समकालीन 62 हिन्दी ग़ज़लें एक बार जरूर पढ़े । झलकियां- पुस्तक से कुछ शेर - यूं ही देखते रहो प्यार हो जायेगा। नज़रों ही नज़रों में खेल हो जायेगा।। *** जब हंसी होंठो पे आई होगी। अदा वो दिल में समाई होगी।।
वह चंद मिनटों की मुलाक़ात और राजेश के कुछ शब्द गीत के दिलोदिमाग में घर कर गये । कई दिनों तक सोते जागते राजेश उसके दिलो दिमाग पर छाया रहा । एक दिन अपने कमरे बैठ कर वह एक पुस्तक पढ़ रही थी कि अचानक उसे राजेश की याद आने लगी। उसने सोचा कहीं उसे राजेश से प्
यह स्त्री पर होने वाले अत्याचार और नारी की सहनशीलता का वर्णन है।
प्रकृति ने समय-समय पर कुछ ऐसे जीवो का निर्माण किया है जो वातावरण और अनुकूलता से बिल्कुल अलग होते हैं और उनके अंदर कुछ मनुष्यों के गुण भी विद्यमान रहते हैं आज की कहानी इसी क्रम में आधारित है शंखिनी एक ऐसी जीव है पुरषो का शिकार करती है और उनसे अपनी यौ
सतरंगी कहानियाँ हमारे आस-पास रोजमर्रा की जिंदगी में घटित होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं का संग्रह है। जिनमें जीवन के कई रंगों की झलकियाॅं मिलेंगी। एक बुजुर्ग की घिनौनीं हरकत से सहमी हुई छोटी बच्ची मीनू की कहानी है "ट्रेन वाले अंकल"। "शातिर चोरनी" और "सि