क्या शिवपुरी के कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं? क्या कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी? ऐसा इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि टिकट आवंटन को लेकर शिवपुरी में विवाद खड़ा हुआ था लेकिन अब हलचल थम गई है। कार्यकर्ता खामोश और नदारद है। या यूं कहें कि कांग्रेस घरों में बैठे हुए हैं। बैठकें नहीं हो रही हैं।
क्या शिवपुरी के कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं? क्या कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी? ऐसा इसलिए पूछा जा रहा है, क्योंकि टिकट आवंटन को लेकर शिवपुरी में विवाद खड़ा हुआ था, लेकिन अब हलचल थम गई है। पार्टी ने शिवपुरी से उम्मीदवार का एलान कर दिया है। हालांकि, कार्यकर्ता साइलेंट मोड में चले गए हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तीन दिनों से न तो कोई बैठक हुई है और न ही चुनावी रणनीति तैयार हुई है। ऐसे में तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। सनद रहे कि कांग्रेस शिवपुरी की पांचों सीट के लिए उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। शिवपुरी विधानसभा से पिछोर के वर्तमान विधायक केपी सिंह पर पार्टी ने दांव लगाया।
क्या है पूरा मामला?
केपी सिंह के शिवपुरी से मोर्चा संभालते ही बैठकों का दौर शुरू हो गया। इस बात की रणनीति तैयार कार्यकर्ता तैयार करने लगे कि किस क्षेत्र में कैसे चुनाव लड़ा जाए, लेकिन जब से भोपाल में वीरेंद्र रघुवंशी का टिकिट काटने को लेकर उनके समर्थकों ने हंगामा करने और कमलनाथ द्वारा कपड़े फाड़ने वाला बयान आया है, उसके बाद शिवपुरी में सबकुछ थमने लगा। कार्यकर्ताओं ने चुप्पी साध ली और बैठकें बंद हो गईं।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को लगातार तीसरे दिन न तो किसी प्रकार की कोई बैठक हुई और न ही चुनावी रणनीति तैयार की गई। इसके अलावा केपी सिंह की ओर से भी किसी प्रकार का कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ।
उम्मीदवार कोई भी हो, हम लड़ेंगे चुनाव'
इस पूरे मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय सिंह चौहान का कहना है कि फिलहाल कांग्रेस ने जो सूची जारी की है, उसके अनुसार केपी सिंह हमारे उम्मीदवार हैं। अगर उम्मीदवार के नाम में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन होता है तो उसे स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार कोई भी हो, संगठन अपना काम कर रहा है और आगे भी करेगा। हम दो दिन बाद जनता के बीच जाएंगे।