देशभर में नवरात्र का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। कल यानी 21 अक्टूबर को नवरात्र का सातवां दिन है। इस दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है। माना जाता है कि माता भक्तों को आकाल मृत्यु से बचाती हैं। पौराणकि कथाओं के अनुसार मां दुर्गा ने कालरात्रि का रूप असुरों का वध करने के लिए धारण किया था।
नवरात्र के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा।
नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। ऐसे में भक्त पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं। मान्यता है कि जो भक्त मां की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, तो माता उन्हें आकाल मृत्यु से बचाती हैं। मां की आराधना करने से भक्तों को शत्रुओं का भय नहीं होता है, इसलिए श्रद्धालुओं को इस दिन मां कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। तो आइए जानते हैं इस दिन का महत्व।
नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इस मां की आराधना करने से भक्तों को विशेष कृपा प्राप्त होती है। माता कालरात्रि की पूजा सुबह और रात के समय में भी की जाती है। मान्यता है कि मां को रातरानी का फूल बहुत पसंद है। इस दिन माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आपको गुड़ से बनने वाली कुछ रेसिपीज के बारे में बताएंगे। जिन्हें आप माता कालरात्रि को अर्पित कर सकते हैं।
माता कालरात्रि को भोग में लगाएं ये प्रसाद
गुड़ का हलवा
सामग्री
एक कप सूजी, आधा कप गुड़, दो चम्मच घी, दो कप दूध
बनाने की विधि
1 एक पैन गर्म करें, इसमें घी डालें।
2 अब इसमें सूजी भून लें, फिर गुड़ का पाउडर मिलाएं।
3 इस मिश्रण को अच्छी तरह भून लें।
4 अब इसमें दूध डालें।
5 इसे सूखने तक पकाएं।
तैयार है गुड़ का हलवा।
गुड़ की खीर
सामग्री
आधा कप चावल, 2 लीटर दूध, आवश्यकतानुसार गुड़, एक चमम्च इलायची पाउडर
बनाने की विधि
सबसे पहले चावल को धो लें।
अब एक पैन में दूध उबालें।
इसमें गुड़ और चावल डालें।
अब इसे अच्छी तरह मिलाएं।
धीमी आंच पर इस मिश्रण को पकाएं।
जब यह पक जाए, तो इसमें ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
माता के भोग के लिए तैयार है गुड़ की खीर।