आ बाबुल गले लगा ले
थोड़ा सा लाड लडाले ।
उड़ जायेगी तेरी चिडिया
सूनी हो जायेगी ये गलियाँ
बाबुल तेरे हाथों से मुझको
खिला दे एक निवाला
मेरे सिर पे रखदे अपना
ये हाथ आशीषों वाला
अब ना कोई जिद्द करेगा
तुझसे गुड़िया लाने की
अब ना कोई राह तकेगा
बाबुल तेरे आने की
बस कुछ दिन और बचे है
उड़ जायेगी तेरी चिड़िया
सूनी हो जायेगी ये तेरी गलियाँ
आ मईया गले लगाले
जा रही है तेरी बिटिया
विदा हो चली हूँ ससुराल
देख तू रोना नही कर मुझको याद
मै चली जाऊंगी पर तुम
बाबा का रखना ध्यान
सांझ ढले जब आयेंगे बाबा
तुम देना पानी का गिलास
जब शहर वो जायेंगे
देना बांध के खाना साथ।
बस कुछ दिन और बचे है
ना रहना तुम उदास।
कविता चौधरी