मध्यप्रदेश चुनाव कई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी नामांकन पत्र भर दिए हैं ऐसे पूर्व मंत्री या पूर्व विधायकों से बातचीत कर उनकी नाम वापसी करने की जिम्मेदारी प्रदेश संगठन को भी सौंपी गई है। मोती कश्यप कमलेश अग्रवाल ज्योति दीक्षित जैसे नेताओं को मनाने के लिए कई बड़े नेताओं को लगाया गया है।
भाजपा अगले दो दिन केवल बागियों को मनाने में जुटेगी। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों के साथ पार्टी के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी है कि चुनाव में भाजपा का कोई बागी खड़ा नहीं होना चाहिए। इसके लिए प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी बागी नेताओं से बातचीत करेंगे।
भाजपा के बड़े नेताओं ने भरे नामांकन
कई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी नामांकन पत्र भर दिए हैं, ऐसे पूर्व मंत्री या पूर्व विधायकों से बातचीत कर उनकी नाम वापसी करने की जिम्मेदारी प्रदेश संगठन को भी सौंपी गई है। मोती कश्यप, कमलेश अग्रवाल, ज्योति दीक्षित जैसे नेताओं को मनाने के लिए कई बड़े नेताओं को लगाया गया है।
असंतोष को शांत करने शाह ने संभागवार की बैठकें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तीन दिन तक मध्य प्रदेश में संभावार दौरे पर रहे। उन्होंंने तीन दिन में 10 संभागों की बैठकें कर केवल पार्टी में उठ रहे असंतोष को शांत करने के लिए नाराज नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें समझाया। बैठकों में शाह ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से स्पट रूप से कहा था कि यह समय रूठने का नहीं।
प्रत्येक कार्यकर्ता की पार्टी से अपेक्षा होती है, प्रत्याशी के समर्थन में कार्य करें और चुनावी प्रचार में जी जान से जुट जाए, पार्टी किसी भी कार्यकर्ता की उपेक्षा नहीं करती है, भाजपा की सरकार निश्चित ही बन रही है, आप सब का ध्यान रखा जाएगा। शाह की समझाइश के बाद कुछ हद तक पार्टी में उठ रहा असंतोष थमा तो है, लेकिन बागियों के असली चेहरे अब सामने आएंगे।
बागियों को मनाने शाह की बनाई रणनीति पर काम करेगी भाजपा
दो नवंबर तक अभ्यर्थी अपने नाम वापस ले सकते हैं, इसके बाद बागी नेताओं की लंबी फेहरिस्त सामने आएगी। तीन नवंबर को बागियाें के चेहरे साफ हो जाएंगे। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भाजपा का पूरा जोर बागी नेता-कार्यकर्ता को मनाने पर रहेगा।
पार्टी के बागी भी चुनाव मैदान में हैं और कुछ नामांकन पत्र भी जमा कर चुके हैं। इन्हेंं मनाने के लिए अलग-अलग स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। वहीं बागी नेता पार्टी के विरूद्ध कोई विपरीत माहौल न बनाए इसकाे लेकर तैयार की गई है। शाह ने बागियों को मनाने के लिए तीन दिन बैठकें कर रणनीति बनाई है। शाह की इसी रणनीति पर भाजपा काम करेगी।