29 फरवरी 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
सौ आने सच बात सर ! आपके शब्दों में गहन गम्भीर सार छुपा है !
4 मार्च 2016
<p>रेडियो उनका है, वो अपने मन की बात कह रहे हैं; ये हम पर है कि हम उसे मन से सुन रहे हैं या नहीं I बहुत अच्छा होता यदि मोदी जी जिस रेडियो पर अपने मन की बात कहते हैं, कभी उसी पर २५-३० वर्षों से अथक परिश्रम के साथ सेवाएँ प्रदान करने वाले आकस्मिक उद्घोषकों को नियमित करने की बात भी कहते I देश भर में आकाशवाणी के केन्द्रों पर अधिकतर आकस्मिक उद्घोषक कार्य कर रहे हैं। जिस समय मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण चल रहा होता है, स्टूडियो में ड्यूटी पर ज़्यादातर आकस्मिक उद्घोषक ही होते हैं; अनुमान लगाया जा सकता है कितनी शिद्दत से वो रेडियो पर कान धरे बैठे होते होंगे कि कभी उनके भी मन की बात हो। उन तक बात भी पहुँचाई जाती है लेकिन इस विषय पर शायद कभी अच्छी खबर सुनने को न मिले। जिस मंच पर आसीन राजा अपने मन की बात कहे लेकिन अंदर की बात ये हो कि उस मंच की आत्मा स्वयं व्यथित हो, तो अन्य विभाग और अन्य मंचों से जुड़े लोगों को कितना लाभ होगा, स्वयं अनुमान लगा लीजिये। </p>
4 मार्च 2016