28 जनवरी 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
सबसे पहले तो चंद्रेश जी आपका धन्यवाद की एक बड़ा ही उत्तम सवाल किया है .... हमारे हिंदुस्तान मैं जहां कहि सारी देवियों को पूजा जाता है बड़े बड़े मंदिर ही देवियों के हैं ......... वहीँ हमारे हिंदुस्तान मैं बहुत सारे मंदिरों मैं महिलाओं का जाना मना है ये उचित नहीं है महिलाओं का अपमान है .... पूजा पर पुरुषों का व महिलाओं का सामान अधिकार है .. एसे लिए ये बंद होना चाहिए ।<span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span>
28 जनवरी 2016
<p> बिलकुल सही है हिन्दू धर्म में महिलाओ का विशेष स्थान है ! उनको पूजा से रोकना गलत है !</p><br>
28 जनवरी 2016
<p>यह मामला राजनीती से प्रेरित है अगर उस गॉव के या उस जगह के लोग उठाते तो सही था परंतु वहॉ पर ३०० कीमी दूर से आकर अशान्ती फैलारहे हैं</p>अगर उन बहीरी लोगों की आस्था है तो वो नियम का पालन करते लेकिन उन की आस्था नही बल्कि सिरफ असान्ति फैलाना मक्सद है और मीडिया इस मे घी का काम कर रहा है
28 जनवरी 2016