10 फरवरी 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
अमितेश जी ऐसा गजब मत करिये गा |
15 फरवरी 2016
अरे कहो तो आपके घर भेज दें :P
15 फरवरी 2016
जिस प्रकार मनुष्य अपने अधिकार क्षेत्र में किसी का अनधिकृत प्रवेश स्वीकार नहीं करता उसी प्रकार वन्य जीव भी अपने अधिकार क्षेत्र में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं चाहता अतः हमें स्वयं अपनी सीमाये निर्धारित करनी चाहिए तभी हम वन्य जीवो को हिंसक होने से रोक सकते है । वन क्षेत्र को बढ़ाना होगा ।
10 फरवरी 2016
जिस प्रकार मनुष्य अपने अधिकार क्षेत्र में किसी का अनधिकृत प्रवेश स्वीकार नहीं करता उसी प्रकार वन्य जीव भी अपने अधिकार क्षेत्र में किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं चाहता अतः हमें स्वयं अपनी सीमाये निर्धारित करनी चाहिए तभी हम वन्य जीवो को हिंसक होने से रोक सकते है । वन क्षेत्र को बढ़ाना होगा ।
10 फरवरी 2016
प्रकृति के संतुलन के लिए प्रत्येक जीव-जंतु का अपना महत्त्व है I निर्माण सिर्फ उतना ही किया जाना चाहिए जितना आवश्यक हो; अनावश्यक निर्माण की धुन में वन्य जीवों के रहने के ठिकाने भी ख़त्म होते जा रहे हैं I तरह-तरह के संघर्ष के पीछे यह असंतुलन भी एक बड़ी वजह है I
10 फरवरी 2016