2 मार्च 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
हाँ यह कैसे राजनीति से प्रेरित हो गया, यह तो वीर जवानो के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है. जब तक देशभक्ति की परिभाषा तय नहीं होती तब तक इसे राजनैतिक नहीं माना जा सकता क्योंकि सबकी अपनी-अपनी परिभाषा है. कन्हैय्या को जब देशद्रोह में बंद किया गया था, क्या तब बात और थी, और दिल्ली के पुलिस कमिशनर पर कोई कारवाही क्यों नहीं हुई जब उसने कन्हैया के विरुद्ध पैरवी के लिए कहा था कि इसकी जमानत अर्ज़ी का विरोध हम नहीं करेंगे शायद वो उनकी देशभक्ति रही होगी ! अब देशभक्ति की परिभाषा नेता और अफसरशाही तय करती है, जनता नहीं .
3 मार्च 2016