27 जनवरी 2016
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पर्यटन-प्रशासन एवं प्रबंधन में यूजीसी-नेट उत्तीर्ण, एम.बी.ए. इन टूरिज्म-मैनेजमेंट(सीएसजेएम-कानपुर विश्वविद्यालय), मास्टर्स इन मास-कम्युनिकेशन(लखनऊ विश्वविद्यालय), दैनिक जागरण-यात्रा विभाग में बतौर लेखक (१ जून २००८ से १७ सितम्बर २०१५ तक ) ७ वर्ष, ३ माह एवं १७ दिन का कार्य-अनुभव, नई दिल्ली के प्रकाशकों द्वारा कुछ पुस्तकों का प्रकाशन जैसे - मैनेजिंग एंड सेल्स प्रमोशन इन टूरिज्म (अंग्रेज़ी), शक्तिपीठ (हिंदी) और फिल्म-पटकथा लेखन पर आधारित मौलिक गीतों युक्त हिंदी में लिखी पुस्तक- “देवी विमला”...एक साधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी, प्रख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा एक प्रतियोगिता में चयनित सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक गीत शामिल, जागरण जोश के कवर पेज पर आल-एडिशन फोटो...D
कर्त्तव्य
29 जनवरी 2016
चंद्रेश जी धर्म का मेरे अनुसार कोई वास्तविक अर्थ नहीं है क्योंकि हर इंसान पैदा होता है माँ की कोख से न उसपर कोई लेबल लगा huaa होता है और न ही उसको भगवन कोई धर्म से जोड़ता है धर्म तो हम इंसानो ने अपने मतलब के लिए बनाये हैं जो अपना अपना उल्लू सीदा करने मैं लगे हुई हैं ... आज जो कुछ भी धर्मो के नाम पर चल रहा है वह सही दिशा मैं हमारे वतन को नहीं ले जाता और भाई चारा होना चाहिए हम सभी के बीच मैं क्योंकि मजहब नहीं सिखाता आपस मैं बेर रखना .... मेरे इस जवाब से शायद आप संतुस्ट होंेगे यान नहीं पर मेरे हिसाब से धर्म का यही वास्तविक अर्थ है |
28 जनवरी 2016
राम राम कहते रहो धरे रहो मन धीर कारज वही समारिहै कृपा सिन्दु रघवीर।
27 जनवरी 2016
धर्म धारण करने का विषय है मनोवत्तियों के प्रतिबिम्ब को अलग अलग धर्मो में धारण किया जाता है।
27 जनवरी 2016
जो लोगो को जोड़ने का काम करे वह धर्म है
27 जनवरी 2016